रांचीः झारखंड में जमीन का दाखिल-खारिज यानी म्यूटेशन कराना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. हालत यह है कि सरकारी कार्यालयों में आवेदनों की भरमार है और सरकार के अधिकारी इसपर कुंडली मारकर बैठे हैं. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में अब तक 21 लाख 02 हजार 248 आवेदन लोगों के द्वारा जमीन म्यूटेशन के लिए अंचल कार्यालय में दिए गए हैं. जिसमें से 9 लाख 58 हजार 791 निष्पादित हुए हैं. यानी उनका जमीन या फ्लैट का सरकारी रजिस्टर-2 में दाखिल हो चुका है. लेकिन लंबित आवेदनों की संख्या काफी ज्यादा है. सरकार के पास 67 हजार 446 आवेदन आज भी लंबित पड़े हैं. जबकि 10 लाख 76 हजार 011 आवेदन रद्द कर सरकार ने म्यूटेशन करने से इनकार कर दिया है.
ये हैं आंकड़ें
- राज्यभर में कुल म्यूटेशन केस-2102248
- दाखिल आवेदन में कुल निष्पादित-958791
- वर्तमान में कुल लंबित आवेदन-67446
- सरकार की ओर से अब तक रद्द किए गए आवेदन-1076011
- 24 जनवरी को आए नए आवेदन-2558
सर्वाधिक लंबित म्यूटेशन के मामले रांची में
वैसे तो राज्य भर में म्यूटेशन के केस लंबित हैं, लेकिन सर्वाधिक पेंडिंग मामले रांची में हैं. रांची के नामकुम प्रखंड में ही 3961 केस लंबित हैं. वहीं दूसरे स्थान पर पाकुड़ जिला है. जिले के पाकुड़ प्रखंड में 3582 म्यूटेशन के मामले लंबित हैं.
जल्द म्यूटेशन के आवेदन होंगे निष्पादितः डीसी
रांची जिला प्रशासन ने लंबित म्यूटेशन केस को निष्पादित करने के लिए अभियान चलाने का निर्णय लिया है. रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के अनुसार 10 एकड़ से नीचे करीब 6000 आवेदन लंबित हैं. इन्हें निष्पादित करने के लिए अंचल के कर्मचारी और सीआई को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित करने का निर्देश दिया गया है. फरवरी के प्रथम या दूसरे सप्ताह में हर अंचल कार्यालय में कैंप लगाकर उत्सव के रूप में जमीन म्यूटेशन के आवेदन निष्पादित किए जाएंगे. जिससे आवेदनों की संख्या में कमी आएगी और लोगों की परेशानी भी दूर होगी. उपायुक्त ने कहा कि समीक्षा के दौरान पिछले दिनों हम लोगों ने यह भी पाया कि शहरी क्षेत्र में जमीन म्यूटेशन के ज्यादा मामले सामने आए हैं. ऐसे में इन आवेदनों को स्थलीय निरीक्षण कर निष्पादित करने का निर्देश दिया गया है.
बहरहाल, लंबे समय से जमीन या फ्लैट का म्यूटेशन कराने के लिए अंचल कार्यालय का दौड़ लगाने वाले लोगों के लिए यह भले ही सुखद समाचार हो, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों द्वारा तरह-तरह की खामियां बताकर आम लोगों को परेशान किया जा रहा है. इसके पीछे कई कारण होते हैं.
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