रांची: सुंडील सरना स्थल में सरना प्रार्थना सभा सह झंडा गड़ी किया गया. दो बहन को सरना मां का उपावस मिला था. धर्म बहन अंजू किस्पोट्टा को 11 दिन का उपवास मिला था और धर्म बहन संध्या विंहा को 5 दिन का. पाहन सुकरा तिर्की ने विधि विधान से उपवास तुड़वाया. इसके साथ ही पूजा अर्चना के लोटा में पानी अचरा में चावल लेकर सरना स्थल की परिक्रमा की गई.
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आदिवासी सेना अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि आदिवासी आकृति नहीं प्रकृति के पूजारी हैं. अपने धर्म के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है. अपने लिए नहीं पूरे विश्व के लिए प्रार्थना करते हैं. पूर्व मुखिया संजय तिर्की ने कहा कि समाज को संगठित करने की आवश्यकता है. समाज है तो हम हैं. समाज के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है. आज सरना समाज परंपरा को कायम रखने की जरूरत है. इसके लिए सबको मिलकर काम करना होगा.
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में गुड्डी बाडी उरांव, मीना गाड़ी, सुंडील मुखिया लिला तिर्की, विनीता तिर्की, ग्राम प्रधान विजय तिर्की आदि ने सहयोग किया.