रांचीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पतरातू में निर्माणाधीन एनटीपीसी के पावर प्लांट की समीक्षा करेंगे. आपको बता दें कि पतरातू में एनटीपीसी द्वारा 4000 मेगावाट का पावर प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें कुछ दिक्कतों की भी बात आ रही है. जिसको लेकर प्रधानमंत्री दोपहर 3:00 बजे के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात करेंगे, जिसमें झारखंड के मुख्य सचिव, झारखंड की ऊर्जा सचिव विद्युत विनियामक बोर्ड के अधिकारियों के साथ ही एनटीपीसी के अधिकारी भी शामिल होंगे. इससे पहले केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने राज्यों में बिजली आपूर्ति का हाल जाना.
पतरातू एनटीपीसी झारखंड सरकार और एनटीपीसी का संयुक्त उपक्रम है. पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा 4000 मेगावाट का पावर प्लांट बनाया जा रहा है, जिसे 3 चरणों में पूरा किया जाना है. पहले चरण में 2400 मेगावाट का उत्पादन किया जाएगा, जिसके लिए 800-800 मेगावाट के तीन यूनिट बनाये जा रहे हैं. मार्च 2024 में 800 मेगावाट के पहली यूनिट को चालू करने की योजना थी, इसमें कुछ अड़चनें आ रही हैं. जिसको लेकर पीएम पूरी परियोजना की समीक्षा करेंगे.
पीएम मोदी पतरातू पावर प्लांट के साथ ही एनटीपीसी के नॉर्थ कर्णपुरा प्लांट की भी स्थिति की जानकारी लेंगे. आपको बता दें कि 1980 मेगावाट पावर प्लांट की योजना नॉर्थ कर्णपुरा में चल रही है. जिसकी नींव वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने रखी थी और 2013 में इसका विधिवत शिलान्यास हुआ. लेकिन काम की गति धीमी होने के नाते अभी तक इस काम को पूरा नहीं किया जा सका है और इन दोनों परियोजनाओं पर काम पूरा नहीं होने के कारण ही पिछले दिनों झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि दोनों परियोजनाओं में देरी होने की वजह से राज्य में बिजली का संकट पैदा हो गई है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी विषय को लेकर समीक्षा करेंगे.
बुधवार को पीएम की होने वाली समीक्षा बैठक से पहले सोमवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने राज्यों के बिजली की स्थिति की समीक्षा की और दोनों परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट भी जानी. समीक्षा बैठक में पतरातू और नार्थ करणपुरा प्रोजेक्ट की समीक्षा पर वहां के अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा. इसके साथ ही झारखंड बिजली वितरण निगम के महाप्रबंधक ऋषि नंदन भी बैठक में मौजूद थे, जिन्होंने राज्य में मौजूदा बिजली की उपलब्धता और वितरण की जानकारी दी. कुल मिलाकर आज प्रधानमंत्री की होने वाली समीक्षा बैठक के बाद दोनों परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी से काम किया जाएगा और जल्द ही झारखंड बिजली की कमी को दूर करेगा.