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झारखंड में प्रधानमंत्री नहीं अब मुख्यमंत्री की 'JAY'! जानिए क्या है माजरा

झारखंड में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का नाम बदल गया है. ईटीवी भारत की रिपोर्ट से जानिए आखिर क्या है पूरी कहानी.

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मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना
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Published : Sep 25, 2021, 7:51 PM IST

Updated : Sep 25, 2021, 9:34 PM IST

रांचीः विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की धरती से की थी. उस आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) का नाम झारखंड में ही अब बदल गया है.

इसे भी पढ़ें- जागरूकता के अभाव में आयुष्मान भारत योजना से वंचित लोग, कांग्रेस ने योजना को बताया फेल

राजधानी रांची में जगह-जगह लगाए गए स्वास्थ्य विभाग की होर्डिंग्स और स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर अब प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना यानि AB-PMJAY की जगह आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जनारोग्य योजना AB-MJAY लिखा हुआ है.

देखें पूरी खबर

सरकार की ओर से जगह-जगह लगाए गए बैनर और होर्डिंग्स में आयुष्मान भारत के साथ कहीं भी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का जिक्र नहीं है और इसमें बताया गया है कि इस योजना के तहत राज्य के ढाई करोड़ से अधिक लोगों को 05 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा.


अब इसी योजना से प्रधानमंत्री शब्द हटाकर मुख्यमंत्री कर दिया गया है. पूरे मामले पर स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी और विभागीय मंत्री अभी पूरे मामले पर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हों पर रांची में चौक चौराहे पर लगे स्वास्थ्य विभाग के पोस्टर-होर्डिंग्स इसी ओर इशारा करता है. रांची सिविल सर्जन कार्यालय में भी आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का बड़ा-सा होर्डिंग लगा है.

इसे भी पढ़ें- आयुष्मान भारत का 57 में से 29 लाख लोगों का खर्च राज्य सरकार कर रही है वहन: स्वास्थ्य मंत्री

क्या कहते हैं रांची सिविल सर्जन
रांची में जगह-जगह सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से जारी आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना यानि AB-MJAY के लगे होर्डिंग को लेकर ईटीवी भारत ने सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार से सवाल किया. क्या PM JAY का नाम बदल कर MJAY यानि मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हो गया है तो उन्होंने कहा कि इलाज की सभी सुविधएं आयुष्मान भारत वाला ही रहेगा पर नाम मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हो गया है.

नाम बदलने की शुरू से थी सरकार की मंशा

1350 तरह की बीमारियों के निःशुल्क इलाज की सुविधा देने वाली इस योजना को लेकर राज्य में जब से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनी तभी से यह दलील दी जा रही थी कि केंद्र सरकार के साथ-साथ इस योजना के लिए बड़ी राशि झारखंड सरकार भी खर्च करती है. इसलिए इस योजना का नाम PM JAY की जगह MM JAY यानि मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना होना चाहिए. अब आयुष्मान भारत योजना के ऑफिशियल वेबसाइट पर भी झारखंड में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की जगह मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना ही दिखा रहा है.

नाम बदलने पर शुरू होगी राज्य में राजनीति
आम लोगों से जुड़ी इस बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना जो अबतक राज्य में प्रधानमंत्री के नाम से चल रही है. योजना का नाम बदलने के बाद अब इस पर भी क्रेडिट लेने की होड़ में प्रदेश की राजनीतिक पारा गरम होने की उम्मीद है.

इसे भी पढ़ें- न्यू इंडिया में क्रांतिकारी है आयुष्मान भारत योजना, 46 लाख गरीब परिवारों को लाभ : PM मोदी

पीएम ने रांची से की थी योजना की शुरुआत

23 सितंबर 2018 को पीएम मोदी ने रांची से ही इस बड़ी योजना का शुभारंभ किया था. राजधानी के प्रभात तारा मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के अंतर्गत राज्य में अंत्योदय के तहत आने वाले करीब 29 लाख परिवार के सभी सदस्यों को हर वर्ष 05 लाख तक के इलाज मुफ्त करने की बीमा कराई थी. उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के वैसे करीब 28 लाख से अधिक परिवार जो अंत्योदय में नहीं हैं, पर गरीब हैं और उनके पास कार्ड है उन्हें भी इसमें अपने खर्च पर जोड़ा था. इस तरह राज्य में 57.17 लाख परिवार के करीब ढाई करोड़ की आबादी इस योजना से आच्छादित था.

रांचीः विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की धरती से की थी. उस आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) का नाम झारखंड में ही अब बदल गया है.

इसे भी पढ़ें- जागरूकता के अभाव में आयुष्मान भारत योजना से वंचित लोग, कांग्रेस ने योजना को बताया फेल

राजधानी रांची में जगह-जगह लगाए गए स्वास्थ्य विभाग की होर्डिंग्स और स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर अब प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना यानि AB-PMJAY की जगह आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जनारोग्य योजना AB-MJAY लिखा हुआ है.

देखें पूरी खबर

सरकार की ओर से जगह-जगह लगाए गए बैनर और होर्डिंग्स में आयुष्मान भारत के साथ कहीं भी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का जिक्र नहीं है और इसमें बताया गया है कि इस योजना के तहत राज्य के ढाई करोड़ से अधिक लोगों को 05 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा.


अब इसी योजना से प्रधानमंत्री शब्द हटाकर मुख्यमंत्री कर दिया गया है. पूरे मामले पर स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारी और विभागीय मंत्री अभी पूरे मामले पर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हों पर रांची में चौक चौराहे पर लगे स्वास्थ्य विभाग के पोस्टर-होर्डिंग्स इसी ओर इशारा करता है. रांची सिविल सर्जन कार्यालय में भी आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का बड़ा-सा होर्डिंग लगा है.

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क्या कहते हैं रांची सिविल सर्जन
रांची में जगह-जगह सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से जारी आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना यानि AB-MJAY के लगे होर्डिंग को लेकर ईटीवी भारत ने सिविल सर्जन डॉ. विनोद कुमार से सवाल किया. क्या PM JAY का नाम बदल कर MJAY यानि मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हो गया है तो उन्होंने कहा कि इलाज की सभी सुविधएं आयुष्मान भारत वाला ही रहेगा पर नाम मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना हो गया है.

नाम बदलने की शुरू से थी सरकार की मंशा

1350 तरह की बीमारियों के निःशुल्क इलाज की सुविधा देने वाली इस योजना को लेकर राज्य में जब से हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनी तभी से यह दलील दी जा रही थी कि केंद्र सरकार के साथ-साथ इस योजना के लिए बड़ी राशि झारखंड सरकार भी खर्च करती है. इसलिए इस योजना का नाम PM JAY की जगह MM JAY यानि मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना होना चाहिए. अब आयुष्मान भारत योजना के ऑफिशियल वेबसाइट पर भी झारखंड में आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की जगह मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना ही दिखा रहा है.

नाम बदलने पर शुरू होगी राज्य में राजनीति
आम लोगों से जुड़ी इस बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना जो अबतक राज्य में प्रधानमंत्री के नाम से चल रही है. योजना का नाम बदलने के बाद अब इस पर भी क्रेडिट लेने की होड़ में प्रदेश की राजनीतिक पारा गरम होने की उम्मीद है.

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पीएम ने रांची से की थी योजना की शुरुआत

23 सितंबर 2018 को पीएम मोदी ने रांची से ही इस बड़ी योजना का शुभारंभ किया था. राजधानी के प्रभात तारा मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के अंतर्गत राज्य में अंत्योदय के तहत आने वाले करीब 29 लाख परिवार के सभी सदस्यों को हर वर्ष 05 लाख तक के इलाज मुफ्त करने की बीमा कराई थी. उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के वैसे करीब 28 लाख से अधिक परिवार जो अंत्योदय में नहीं हैं, पर गरीब हैं और उनके पास कार्ड है उन्हें भी इसमें अपने खर्च पर जोड़ा था. इस तरह राज्य में 57.17 लाख परिवार के करीब ढाई करोड़ की आबादी इस योजना से आच्छादित था.

Last Updated : Sep 25, 2021, 9:34 PM IST
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