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बसों के थमे पहिए तो रुक गई इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की जिंदगी, दूसरों से खाना मांगकर भर रहे पेट - रांची में बस व्यवसायी परेशान

रांची में बस का परिचान बंद रहने से लोगों की परेशानियों के मद्देनजर ईटीवी भारत ने रांची बस स्टैंड पर बस से जुड़े लोगों से बातचीत की. बस परिचालन शुरू होने की आस में बैठे स्टैंड किरानी, टिकट बुकर, खलासी और बस चालकों ने अपनी परेशानियों को बताते हुए कहा कि पिछले ढाई महीने से बस स्टैंड पर यूं ही बसें खड़ी हुई हैं. इससे आर्थिक संकट आ गया है.

People upset due to shutdown of buses in ranchi
झारखंड में बंद बस परिचालन
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Published : Jun 20, 2020, 9:53 PM IST

रांची: कोरोना की वजह से आए संकट को लेकर राज्य में लगभग 3 महीनों से कई तरह के व्यापार और गतिविधियां सरकार की ओर से बंद कर दी गई हैं. इसके मद्देनजर झारखंड में बस सेवा भी बंद है. बस सेवा बंद होने से यात्रियों के साथ ही बस कर्मचारी और मालिकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें ये स्पेशल रिपोर्ट

लोगों की परेशानियों के मद्देनजर ईटीवी भारत ने रांची बस स्टैंड पर बस से जुड़े लोगों से बातचीत की. बस परिचालन शुरू होने की आस में बैठे स्टैंड किरानी, टिकट बुकर, खलासी और बस चालकों ने अपनी परेशानियों को बताते हुए कहा कि पिछले ढाई महीने से बस स्टैंड पर यूं ही बसें खड़ी हुई हैं. इससे आर्थिक संकट आ गया है.

ये भी पढ़ें- चेंबर ऑफ कॉमर्स की राज्य सरकार से मांग, शुरू हो होटल, बस और सैलून जैसी सेवाएं


टिकट बुकर महेश कुमार बताते हैं कि लॉक डाउन की वजह से पिछले 3 महीने से बस परिचालन बंद रहने की वजह से स्थिति काफी दयनीय हो गई है. वो लोग भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. वहीं, स्टैंड किरानी फैयाज का कहना है कि परिचालन नहीं होने से स्टैंड पर कार्यरत लगभग हजारों परिवारों के घर का चूल्हा जलना बंद हो गया है. वो लोग बच्चों के स्कूल की फीस नहीं भर पा रहे हैं. खलासी का काम कर रहे सैन उल्लाह की मानें, तो उनको अब खाना मांगकर खाना पड़ा रहा है.

बिहार शरीफ से बस लेकर आए चालक सदान बताते हैं कि पिछले ढाई महीने से अधिक समय से बस लेकर स्टैंड पर खड़े हैं. बिहार से बस आने के बाद अचानक लॉकडाउन का एलान सरकार की ओर से कर दिया गया. इसके बाद से बस के साथ ही उन लोगों की जिंदगी में भी ब्रेक लग गया.

आम लोगों को हो रही परेशानी

स्टैंड पर बोकारो जाने के लिए यात्री अंजली देवी अपना आक्रोश जाहिर करते हुए बताती हैं कि सरकार ने जिस तरह से बसों के परिचालन पर रोक लगा दी है, इससे सीधे तौर पर राज्य के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हर शख्स के पास उसकी निजी गाड़ी नहीं है. ऐसे में यात्री बस का साधन गरीब लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता था. ऐसे में सरकार को निश्चित रूप से यात्रियों की सुविधा को देखते हुए बसों का परिचालन शुरू करना चाहिए.

श्रमिकों के लिए कर रही सरकार बस का परिचालन

झारखंड बस एसोसिएशन अध्यक्ष ए.के बुधिया बताते हैं कि राज्य सरकार श्रमिकों को लाने में बसों का उपयोग कर रही है, लेकिन वाहन मालिकों की मजबूरी को सुनने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने राज्य सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि लॉक डाउन के दौरान बसों का परिचालन बंद है. ऐसे में सरकार और परिवहन विभाग से मांग करते हैं कि वाहन मालिकों को टैक्स देने में भी रियायत दी जाए. 6 महीने तक का रोड टैक्स सहित सभी कर माफ करके वाहन मालिकों की मदद करें. उन्होंने बताया कि वाहन मालिकों की समस्या को देखते हुए पिछले कई दिनों से बस एसोसिएशन की ओर से परिवहन मंत्री और परिवहन विभाग के अधिकारियों से मिलने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. अभी तक कर माफ करने को लेकर किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया गया है.

जल्दबाजी में नहीं ले सकते फैसला- परिवहन मंत्री

वहीं, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने भी जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल राज्य के अधिकारियों के साथ बस परिचालन को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन जिस प्रकार से राज्य में संक्रमण की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में जल्दबाजी में निर्णय लेना कहीं से भी सही नहीं होगा.

रांची: कोरोना की वजह से आए संकट को लेकर राज्य में लगभग 3 महीनों से कई तरह के व्यापार और गतिविधियां सरकार की ओर से बंद कर दी गई हैं. इसके मद्देनजर झारखंड में बस सेवा भी बंद है. बस सेवा बंद होने से यात्रियों के साथ ही बस कर्मचारी और मालिकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

देखें ये स्पेशल रिपोर्ट

लोगों की परेशानियों के मद्देनजर ईटीवी भारत ने रांची बस स्टैंड पर बस से जुड़े लोगों से बातचीत की. बस परिचालन शुरू होने की आस में बैठे स्टैंड किरानी, टिकट बुकर, खलासी और बस चालकों ने अपनी परेशानियों को बताते हुए कहा कि पिछले ढाई महीने से बस स्टैंड पर यूं ही बसें खड़ी हुई हैं. इससे आर्थिक संकट आ गया है.

ये भी पढ़ें- चेंबर ऑफ कॉमर्स की राज्य सरकार से मांग, शुरू हो होटल, बस और सैलून जैसी सेवाएं


टिकट बुकर महेश कुमार बताते हैं कि लॉक डाउन की वजह से पिछले 3 महीने से बस परिचालन बंद रहने की वजह से स्थिति काफी दयनीय हो गई है. वो लोग भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. वहीं, स्टैंड किरानी फैयाज का कहना है कि परिचालन नहीं होने से स्टैंड पर कार्यरत लगभग हजारों परिवारों के घर का चूल्हा जलना बंद हो गया है. वो लोग बच्चों के स्कूल की फीस नहीं भर पा रहे हैं. खलासी का काम कर रहे सैन उल्लाह की मानें, तो उनको अब खाना मांगकर खाना पड़ा रहा है.

बिहार शरीफ से बस लेकर आए चालक सदान बताते हैं कि पिछले ढाई महीने से अधिक समय से बस लेकर स्टैंड पर खड़े हैं. बिहार से बस आने के बाद अचानक लॉकडाउन का एलान सरकार की ओर से कर दिया गया. इसके बाद से बस के साथ ही उन लोगों की जिंदगी में भी ब्रेक लग गया.

आम लोगों को हो रही परेशानी

स्टैंड पर बोकारो जाने के लिए यात्री अंजली देवी अपना आक्रोश जाहिर करते हुए बताती हैं कि सरकार ने जिस तरह से बसों के परिचालन पर रोक लगा दी है, इससे सीधे तौर पर राज्य के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हर शख्स के पास उसकी निजी गाड़ी नहीं है. ऐसे में यात्री बस का साधन गरीब लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता था. ऐसे में सरकार को निश्चित रूप से यात्रियों की सुविधा को देखते हुए बसों का परिचालन शुरू करना चाहिए.

श्रमिकों के लिए कर रही सरकार बस का परिचालन

झारखंड बस एसोसिएशन अध्यक्ष ए.के बुधिया बताते हैं कि राज्य सरकार श्रमिकों को लाने में बसों का उपयोग कर रही है, लेकिन वाहन मालिकों की मजबूरी को सुनने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने राज्य सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि लॉक डाउन के दौरान बसों का परिचालन बंद है. ऐसे में सरकार और परिवहन विभाग से मांग करते हैं कि वाहन मालिकों को टैक्स देने में भी रियायत दी जाए. 6 महीने तक का रोड टैक्स सहित सभी कर माफ करके वाहन मालिकों की मदद करें. उन्होंने बताया कि वाहन मालिकों की समस्या को देखते हुए पिछले कई दिनों से बस एसोसिएशन की ओर से परिवहन मंत्री और परिवहन विभाग के अधिकारियों से मिलने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. अभी तक कर माफ करने को लेकर किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया गया है.

जल्दबाजी में नहीं ले सकते फैसला- परिवहन मंत्री

वहीं, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने भी जानकारी देते हुए बताया कि फिलहाल राज्य के अधिकारियों के साथ बस परिचालन को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन जिस प्रकार से राज्य में संक्रमण की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में जल्दबाजी में निर्णय लेना कहीं से भी सही नहीं होगा.

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