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कोरोना के बीच राहत की खबर, मलेरिया, डेंगू और कालाजार के कम पाए जा रहे मरीज

कोरोना संक्रमण के बीच इस साल मलेरिया, डेंगू और कलाजार जैसे खतरनाक बीमारियों होने वाले लोगों की संख्या में कमी देखी जा रही है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार व्यवस्था कर रही है और कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

mosquito borne diseases decreasing in ranchi
मच्छर
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Published : Oct 24, 2020, 5:51 PM IST

रांची: राज्य में मच्छर जनित रोगों से बीमार होने वाले लोगों की संख्या में कमी देखी जा रही है. इसे लेकर स्वास्थ विभाग की ओर से मलेरिया, डेंगू और कालाजार के मरीजों के लिए कोरोना के संकट में भी इलाज की उत्तम व्यवस्था रखी गई है. स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर से मलेरिया विभाग ने मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

एनवीबीडीसी (नेशनल वेक्टर बोर्न डीजीज कंट्रोल प्रोग्राम) के राज्य पदाधिकारी डॉ भागवत मरांडी बताते हैं कि विभाग की ओर से प्रत्येक रविवार को ड्राई डे मनाया जाता है. जिसके अंतर्गत लोगों के घरों में जाकर जमा पानी को निकालने के लिए प्रेरित किया जाता है और लोगों को बताया जाता है कि 7 दिनों तक घरों में पानी जमा ना होने दें. जैसे कूलर, गमला या फिर घर के आस-पास के गड्ढे में जमा पानी को अवश्य बदलें.

आकड़ों के अनुसार इस साल रांची में डेंगू के सबसे अधिक मरीज पाये गये हैं, जिसकी संख्या 34 है. जबकि पिछले साल डेंगू के मरीजों की संख्या 145 थी. वहीं, इस साल पूर्वी सिंहभूम में भी डेंगू के मरीजों के आकड़ो में भाड़ी कमी देखी गई है और इस साल मात्र 7 मरीज पाए गए हैं. जबकि पिछले साल सिंहभूम में डेंगू के 420 मरीज पाए गए थे. वहीं इस साल मलेरिया के सबसे अधिक मरीज चाईबासा, जमशेदपुर, सरायकेला और खूंटी जिले में देखे जा रहे हैं.

रोगसालकुल मरीजों की संख्या
मलेरिया2017 94114
2018 57095
2019 33133
2020 9100
कालाजार 2017 1354
2018 753
2019 541
2020 321
डेंगू2017 710
2018 463
2019 825
2020 60

मलेरिया से पांच मरीजों की मौत

कालाजार डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से कुछ साल पहले तक झारखंड के लोग अपनी जान तक गवांते रहे हैं लेकिन वर्तमान परिस्थिति में इन बीमारियों से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से ठोस कदम उठाये जा रहे हैं. अभी भी स्वास्थ विभाग को इन बीमारियों से मरीजों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है क्योंकि इस साल मलेरिया से पांच मरीजों की मौत हुई है जो कि निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है.

वहीं, मलेरिया डेंगू और कालाजार जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए कहीं ना कहीं मैन पावर की कमी भी देखी जा रही है. पूरे राज्य में इन खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए लगभग 500 से 600 स्वास्थ्य कर्मचारी हैं. जिसमें एमटीएस(मलेरिया टेक्नीकल सुपरवाईजर) और केटीएस(कालाजार टेक्नीकल सुपरवाईजर) की संख्या 150 के करीब है. इन बीमारियों से जागरूक करने के लिए राजकीय सहिया और एमपीडब्ल्यू(मल्टी परपज वोर्कर) भी कार्यरत है.

ये भी पढ़े- सीएम ने दी दुर्गाष्टमी की शुभकामना, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी की सुख-समृद्धि की कामना

इसे लेकर स्टेट मलेरिया हेड डॉ भागवत मरांडी बताते हैं कि कोरोना की वजह से निश्चित रूप से स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी हुई है लेकिन झारखंड का स्वास्थ विभाग कम से कम कर्मचारियों में ही डेंगू मलेरिया कालाजार और अन्य मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए प्रयासरत है.

मच्छर जनित बीमारियों से बचने का उपाय

  • मलेरिया या डेंगू से बचने के लिए घर के आस-पास या घरों में ज्यादा दिनों तक जमा पानी ना रखें.
  • रात को सोने से पहले पूरे बदन को ढक कर सोए या फिर मच्छरदानी का उपयोग करें.
  • ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें.
  • मच्छर नाशक क्रीम या अगरबत्ती का उपयोग करें.

मच्छर जनित बीमारियों के लक्षण

  • अचानक तेज बुखार आना
  • छाती के उपर हिस्सों में दानों का निकलना
  • ठंड लगकर बुखार आना
  • सर दर्द उल्टी या शरीर और मांसपेशियों में दर्द होना
  • भूख कम लगना, कमजोरी और जी घबराना

हालांकि अक्टूबर माह के बाद मलेरिया, डेंगू और कालाजार जैसी बीमारियों का प्रकोप कम हो जाता है जबकि जुलाई अगस्त महीने में इसका प्रकोप प्रचंड पर रहता है. आंकड़ों को देखने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि पिछले साल के अनुरूप इस साल मच्छर जनित बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में कमी आई है जो कहीं ना कहीं स्वास्थ्य व्यवस्था के बेहतर कार्य शैली को दर्शाता है.

रांची: राज्य में मच्छर जनित रोगों से बीमार होने वाले लोगों की संख्या में कमी देखी जा रही है. इसे लेकर स्वास्थ विभाग की ओर से मलेरिया, डेंगू और कालाजार के मरीजों के लिए कोरोना के संकट में भी इलाज की उत्तम व्यवस्था रखी गई है. स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर से मलेरिया विभाग ने मच्छरों को बढ़ने से रोकने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.

एनवीबीडीसी (नेशनल वेक्टर बोर्न डीजीज कंट्रोल प्रोग्राम) के राज्य पदाधिकारी डॉ भागवत मरांडी बताते हैं कि विभाग की ओर से प्रत्येक रविवार को ड्राई डे मनाया जाता है. जिसके अंतर्गत लोगों के घरों में जाकर जमा पानी को निकालने के लिए प्रेरित किया जाता है और लोगों को बताया जाता है कि 7 दिनों तक घरों में पानी जमा ना होने दें. जैसे कूलर, गमला या फिर घर के आस-पास के गड्ढे में जमा पानी को अवश्य बदलें.

आकड़ों के अनुसार इस साल रांची में डेंगू के सबसे अधिक मरीज पाये गये हैं, जिसकी संख्या 34 है. जबकि पिछले साल डेंगू के मरीजों की संख्या 145 थी. वहीं, इस साल पूर्वी सिंहभूम में भी डेंगू के मरीजों के आकड़ो में भाड़ी कमी देखी गई है और इस साल मात्र 7 मरीज पाए गए हैं. जबकि पिछले साल सिंहभूम में डेंगू के 420 मरीज पाए गए थे. वहीं इस साल मलेरिया के सबसे अधिक मरीज चाईबासा, जमशेदपुर, सरायकेला और खूंटी जिले में देखे जा रहे हैं.

रोगसालकुल मरीजों की संख्या
मलेरिया2017 94114
2018 57095
2019 33133
2020 9100
कालाजार 2017 1354
2018 753
2019 541
2020 321
डेंगू2017 710
2018 463
2019 825
2020 60

मलेरिया से पांच मरीजों की मौत

कालाजार डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से कुछ साल पहले तक झारखंड के लोग अपनी जान तक गवांते रहे हैं लेकिन वर्तमान परिस्थिति में इन बीमारियों से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से ठोस कदम उठाये जा रहे हैं. अभी भी स्वास्थ विभाग को इन बीमारियों से मरीजों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है क्योंकि इस साल मलेरिया से पांच मरीजों की मौत हुई है जो कि निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है.

वहीं, मलेरिया डेंगू और कालाजार जैसी बीमारियों से लड़ने के लिए कहीं ना कहीं मैन पावर की कमी भी देखी जा रही है. पूरे राज्य में इन खतरनाक बीमारियों से लड़ने के लिए लगभग 500 से 600 स्वास्थ्य कर्मचारी हैं. जिसमें एमटीएस(मलेरिया टेक्नीकल सुपरवाईजर) और केटीएस(कालाजार टेक्नीकल सुपरवाईजर) की संख्या 150 के करीब है. इन बीमारियों से जागरूक करने के लिए राजकीय सहिया और एमपीडब्ल्यू(मल्टी परपज वोर्कर) भी कार्यरत है.

ये भी पढ़े- सीएम ने दी दुर्गाष्टमी की शुभकामना, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी की सुख-समृद्धि की कामना

इसे लेकर स्टेट मलेरिया हेड डॉ भागवत मरांडी बताते हैं कि कोरोना की वजह से निश्चित रूप से स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी हुई है लेकिन झारखंड का स्वास्थ विभाग कम से कम कर्मचारियों में ही डेंगू मलेरिया कालाजार और अन्य मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए प्रयासरत है.

मच्छर जनित बीमारियों से बचने का उपाय

  • मलेरिया या डेंगू से बचने के लिए घर के आस-पास या घरों में ज्यादा दिनों तक जमा पानी ना रखें.
  • रात को सोने से पहले पूरे बदन को ढक कर सोए या फिर मच्छरदानी का उपयोग करें.
  • ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें.
  • मच्छर नाशक क्रीम या अगरबत्ती का उपयोग करें.

मच्छर जनित बीमारियों के लक्षण

  • अचानक तेज बुखार आना
  • छाती के उपर हिस्सों में दानों का निकलना
  • ठंड लगकर बुखार आना
  • सर दर्द उल्टी या शरीर और मांसपेशियों में दर्द होना
  • भूख कम लगना, कमजोरी और जी घबराना

हालांकि अक्टूबर माह के बाद मलेरिया, डेंगू और कालाजार जैसी बीमारियों का प्रकोप कम हो जाता है जबकि जुलाई अगस्त महीने में इसका प्रकोप प्रचंड पर रहता है. आंकड़ों को देखने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि पिछले साल के अनुरूप इस साल मच्छर जनित बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या में कमी आई है जो कहीं ना कहीं स्वास्थ्य व्यवस्था के बेहतर कार्य शैली को दर्शाता है.

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