ETV Bharat / city

हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक के बारे में टाटा, HEC, हिंडालको और केंद्र सरकार से मांगी जानकारी - झारखंड हाई कोर्ट ने कंपनी को फटकार लगाई

रांची सदर अस्पताल में कोरोना मरीजों को बेड पर ऑक्सीजन मिलने में हो रही देरी पर झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है. हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगाने में हो रहे देरी पर हाई कोर्ट ने विजेता कंस्ट्रक्शन कंपनी को फटकार लगाई है.

Jharkhand High Court expresses displeasured over lack of oxygen supply in Ranchi Sadar Hospital
झारखंड हाई कोर्ट
author img

By

Published : May 6, 2021, 2:56 PM IST

Updated : May 6, 2021, 3:38 PM IST

रांचीः जिला सदर अस्पताल में कोविड-19 के संक्रमितों के बेड पर पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगाने में हो रहे देरी पर झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. निर्माण का काम कर रही विजेता कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी को कड़ी फटकार लगाई और शीघ्र कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता

अदालत ने कंपनी को सभी सब-कॉन्ट्रैक्टर को शीघ्र बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार को केंद्र सरकार से ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक कैसे उपलब्ध होगी इस पर बात करने को भी कहा है. कोर्ट ने टाटा, एचईसी और हिंडाल्को से भी पूछा है कि ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की स्थाई व्यवस्था कैसे हो सकती है? मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी.

इसे भी पढ़ें- पूर्व ओलंपियन मनोहर टोपनो की पत्नी का निधन, रिम्स में चल रहा था कोरोना का इलाज

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति की बिंदु पर सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि निर्माण कंपनी विजेता कंस्ट्रक्शन कंपनी, जिस सब-कॉन्ट्रैक्टर से काम करवा रही है, उसकी राशि बकाया है, जिस वजह से निर्माण में देर हो रही है. अदालत ने कंपनी को कड़ी फटकार लगाते हुए शीघ्र बकाया राशि का भुगतान करने और 1 सप्ताह के अंदर निर्माण कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है.

साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को पूछा कि स्टोरेज टैंकर की वैकल्पिक व्यवस्था पर क्या कुछ की जा रही है? जिस पर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब पेश नहीं हुआ. अदालत ने राज्य सरकार को इसके लिए केंद्र सरकार, टाटा, एचईसी और हिंडाल्को को यह बताने को कहा है कि ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की व्यवस्था अस्थाई रूप से कैसे हो सकती है बताएं?

झारखंड हाई कोर्ट ने रांची सदर अस्पताल में 300 बेड चालू नहीं किए जाने पर प्रार्थी ज्योति शर्मा की ओर से हाई कोर्ट में अवमाननावाद याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और कंपनी को शीघ्र ही मामले में कार्य पूरा कर अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया था. लेकिन अभी तक कंपनी की ओर से काम पूरा नहीं किया गया है. मामले की सुनवाई 13 मई को फिर होगी.

रांचीः जिला सदर अस्पताल में कोविड-19 के संक्रमितों के बेड पर पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगाने में हो रहे देरी पर झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. निर्माण का काम कर रही विजेता कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी को कड़ी फटकार लगाई और शीघ्र कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है.

जानकारी देते अधिवक्ता

अदालत ने कंपनी को सभी सब-कॉन्ट्रैक्टर को शीघ्र बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार को केंद्र सरकार से ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक कैसे उपलब्ध होगी इस पर बात करने को भी कहा है. कोर्ट ने टाटा, एचईसी और हिंडाल्को से भी पूछा है कि ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की स्थाई व्यवस्था कैसे हो सकती है? मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होगी.

इसे भी पढ़ें- पूर्व ओलंपियन मनोहर टोपनो की पत्नी का निधन, रिम्स में चल रहा था कोरोना का इलाज

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति की बिंदु पर सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि निर्माण कंपनी विजेता कंस्ट्रक्शन कंपनी, जिस सब-कॉन्ट्रैक्टर से काम करवा रही है, उसकी राशि बकाया है, जिस वजह से निर्माण में देर हो रही है. अदालत ने कंपनी को कड़ी फटकार लगाते हुए शीघ्र बकाया राशि का भुगतान करने और 1 सप्ताह के अंदर निर्माण कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है.

साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को पूछा कि स्टोरेज टैंकर की वैकल्पिक व्यवस्था पर क्या कुछ की जा रही है? जिस पर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब पेश नहीं हुआ. अदालत ने राज्य सरकार को इसके लिए केंद्र सरकार, टाटा, एचईसी और हिंडाल्को को यह बताने को कहा है कि ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की व्यवस्था अस्थाई रूप से कैसे हो सकती है बताएं?

झारखंड हाई कोर्ट ने रांची सदर अस्पताल में 300 बेड चालू नहीं किए जाने पर प्रार्थी ज्योति शर्मा की ओर से हाई कोर्ट में अवमाननावाद याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और कंपनी को शीघ्र ही मामले में कार्य पूरा कर अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया था. लेकिन अभी तक कंपनी की ओर से काम पूरा नहीं किया गया है. मामले की सुनवाई 13 मई को फिर होगी.

Last Updated : May 6, 2021, 3:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.