ETV Bharat / city

रांचीः तामझाम के साथ खुला था 'यूनिवर्सिटी क्लीनिक', अब जड़े रहते हैं ताले

राजधानी में कुछ दिन पहले ही डीएसपीएमयू में यूनिवर्सिटी क्लीनिक का उद्घाटन किया हुआ था. डीएसपीएमयू राज्य की एकमात्र यूनिवर्सिटी थी जहां यह सुविधा दी गई. लेकिन चंद दिनों बाद ही इस क्लिनीक में ताले लग गए हैं.

यूनिवर्सिटी क्लीनिक में ताला बंद
author img

By

Published : Jul 16, 2019, 7:15 PM IST

रांची: डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर कुछ ही दिन पहले डीएसपीएमयू में यूनिवर्सिटी क्लीनिक का उद्घाटन किया गया था. लेकिन चंद दिन चलने के बाद यह क्लीनिक बंद हो गया.

देखें पूरी खबर
वीसी ने कहा था कि यूनिवर्सिटी क्लिनिक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा और इसमें विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों के भी हेल्थ चेकअप की व्यवस्था होगी. लेकिन फिलहाल यह बंद है.

अक्सर देखा गया है कि किसी भी योजना की शुरुआत तो हो जाती है, लेकिन उस योजना को धरातल पर सही तरीके से नहीं उतारा जाता है. डीएसपीएमयू कुछ दिन पहले तक राज्य का पहला विश्वविद्यालय था, जहां यूनिवर्सिटी क्लीनिक की व्यवस्था की गई थी.


लेकिन एक कहावत है ना की हाथी का दांत दिखाने के कुछ और होते हैं, और खाने के कुछ और. इसी कहावत को चरितार्थ कर रहा है डीएसपीएमयू की यूनिवर्सिटी क्लिनिक. उद्घाटन के चंद दिन तक क्लीनिक खुला भी लेकिन अब यह बंद है. इस क्लीनिक से न तो विद्यार्थियों को फायदा मिल रहा है और न ही शिक्षकों को. विद्यार्थियों का कहना है कि इस क्लिनीक को व्यवस्थित किया जाए और इसका फायदा विद्यार्थियों को मिले तब ही विश्वविद्यालय का यह पहल सराहनीय होगी.

ये भी देखें- रांची पुलिस की गिरफ्त में आया मुरगन गैंग का सरदार, चोरी के बाद भागने के दौरान पकड़ा गया सरदार

वहीं मामले को लेकर डीएसपीएमयू की डीएसडब्ल्यू नमिता सिंह का कहना है कि विद्यार्थी झूठ बोल रहे हैं. क्लीनिक नियमित रुप से खुली रहती है और चिकित्सक के आलावे नर्स भी उपस्थित रहती है. लेकिन वास्तविकता तो कुछ और ही हैं.

रांची: डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर कुछ ही दिन पहले डीएसपीएमयू में यूनिवर्सिटी क्लीनिक का उद्घाटन किया गया था. लेकिन चंद दिन चलने के बाद यह क्लीनिक बंद हो गया.

देखें पूरी खबर
वीसी ने कहा था कि यूनिवर्सिटी क्लिनिक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहेगा और इसमें विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षकों के भी हेल्थ चेकअप की व्यवस्था होगी. लेकिन फिलहाल यह बंद है.

अक्सर देखा गया है कि किसी भी योजना की शुरुआत तो हो जाती है, लेकिन उस योजना को धरातल पर सही तरीके से नहीं उतारा जाता है. डीएसपीएमयू कुछ दिन पहले तक राज्य का पहला विश्वविद्यालय था, जहां यूनिवर्सिटी क्लीनिक की व्यवस्था की गई थी.


लेकिन एक कहावत है ना की हाथी का दांत दिखाने के कुछ और होते हैं, और खाने के कुछ और. इसी कहावत को चरितार्थ कर रहा है डीएसपीएमयू की यूनिवर्सिटी क्लिनिक. उद्घाटन के चंद दिन तक क्लीनिक खुला भी लेकिन अब यह बंद है. इस क्लीनिक से न तो विद्यार्थियों को फायदा मिल रहा है और न ही शिक्षकों को. विद्यार्थियों का कहना है कि इस क्लिनीक को व्यवस्थित किया जाए और इसका फायदा विद्यार्थियों को मिले तब ही विश्वविद्यालय का यह पहल सराहनीय होगी.

ये भी देखें- रांची पुलिस की गिरफ्त में आया मुरगन गैंग का सरदार, चोरी के बाद भागने के दौरान पकड़ा गया सरदार

वहीं मामले को लेकर डीएसपीएमयू की डीएसडब्ल्यू नमिता सिंह का कहना है कि विद्यार्थी झूठ बोल रहे हैं. क्लीनिक नियमित रुप से खुली रहती है और चिकित्सक के आलावे नर्स भी उपस्थित रहती है. लेकिन वास्तविकता तो कुछ और ही हैं.

Intro:डे प्लान।

रांची

डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी के जयंती के अवसर पर कुछ ही दिन पहले डीएसपीएमयू में यूनिवर्सिटी क्लीनिक का उद्घाटन किया गया था. लेकिन उद्घाटन के चंद दिन चलने के बाद यह क्लीनिक अब किसी काम का नहीं है .क्लिनिक में ताला जड़ा रहता है. इसका फायदा शिक्षकों को तो छोड़िए विद्यार्थियों को भी नहीं मिल रहा है .जबकि उस दौरान वीसी ने कहा था कि यूनिवर्सिटी क्लिनिक सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहेगी और इसमें विद्यार्थियों के साथ साथ शिक्षकों का भी हेल्थ चेकअप की व्यवस्था होगी. लेकिन फिलहाल यूनिवर्सिटी बंद पड़ा है.


Body:अक्सर देखा गया है किसी भी योजना की शुरुआत तो हो जाती है लेकिन उस योजना को धरातल पर सही तरीके से नहीं उतारा जाता है .डीएसपीएमयू कुछ दिन पहले तक राज्य का पहला विश्वविद्यालय था जहां यूनिवर्सिटी क्लीनिक की व्यवस्था की गई थी. लेकिन एक कहावत है ना की हाथी का दांत दिखाने के कुछ और होते हैं और खाने के कुछ और इसी कहावत को चरितार्थ कर रहा है डीएसपीएमयू की यह यूनिवर्सिटी क्लिनिक. उद्घाटन के चंद दिन तक क्लीनिक खुला भी लेकिन अब यह बंद पड़ा है. इस क्लीनिक से ना तो विद्यार्थियों को फायदा मिल रहा है और ना ही शिक्षकों को .

विद्यार्थियों का कहना है कि इस क्लिनिक को व्यवस्थित करें और इसका फायदा विद्यार्थियों को मिले तब ही विश्वविद्यालय का यह पहल सराहनीय कदम होगा .नहीं तो ढाक के तीन पात साबित होगा.


Conclusion:वहीं मामले को लेकर डीएसपीएमयू के डीएसडब्ल्यू नमिता सिंह का कहना है कि विद्यार्थी झूठ बोल रहे हैं क्लीनिक नियमित खुलती है और चिकित्सक के आलावे नर्स भी रहती है। लेकिन वास्तविकता इससे उलट है .विद्यार्थी ही सच बोल रहे हैं .तस्वीरों में भी यह देखा जा सकता है कि किस तरह इस इंवर्सिटी क्लीनिक में ताले जड़े हैं.

बाइट-1..2 छात्रा, डीएसपीएमयू.

बाइट- नमिता सिंह ,डीएसडब्ल्यू ,डीएसपीएमयू.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.