रांची: डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर कुछ ही दिन पहले डीएसपीएमयू में यूनिवर्सिटी क्लीनिक का उद्घाटन किया गया था. लेकिन चंद दिन चलने के बाद यह क्लीनिक बंद हो गया.
अक्सर देखा गया है कि किसी भी योजना की शुरुआत तो हो जाती है, लेकिन उस योजना को धरातल पर सही तरीके से नहीं उतारा जाता है. डीएसपीएमयू कुछ दिन पहले तक राज्य का पहला विश्वविद्यालय था, जहां यूनिवर्सिटी क्लीनिक की व्यवस्था की गई थी.
लेकिन एक कहावत है ना की हाथी का दांत दिखाने के कुछ और होते हैं, और खाने के कुछ और. इसी कहावत को चरितार्थ कर रहा है डीएसपीएमयू की यूनिवर्सिटी क्लिनिक. उद्घाटन के चंद दिन तक क्लीनिक खुला भी लेकिन अब यह बंद है. इस क्लीनिक से न तो विद्यार्थियों को फायदा मिल रहा है और न ही शिक्षकों को. विद्यार्थियों का कहना है कि इस क्लिनीक को व्यवस्थित किया जाए और इसका फायदा विद्यार्थियों को मिले तब ही विश्वविद्यालय का यह पहल सराहनीय होगी.
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वहीं मामले को लेकर डीएसपीएमयू की डीएसडब्ल्यू नमिता सिंह का कहना है कि विद्यार्थी झूठ बोल रहे हैं. क्लीनिक नियमित रुप से खुली रहती है और चिकित्सक के आलावे नर्स भी उपस्थित रहती है. लेकिन वास्तविकता तो कुछ और ही हैं.