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दीपावली 2019: इस मुहूर्त में करें पूजा, घर आएंगी लक्ष्मी, होगी धनवर्षा - bhai dooj

दीपावली में मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. इस दिन उनकी पूजा करने से धन की वर्षा होती है. आज के दिन लोग शाम को अपने घरों में दिए जलाते हैं और पूजा-पाठ करते हैं. इस दिन धन की देवी दीपावली पर पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और किस समय पूजा करना होगा शुभ, आइए हम बताते हैं.

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Published : Oct 27, 2019, 8:38 AM IST

Updated : Oct 27, 2019, 9:08 AM IST

रांची: दीपावली पर्व का उत्सव आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. दीपावली का पांच दिवसीय पर्व धनतेरस से शुरू होता है जो छोटी दीपावली, दीपावली,गोवर्धन पूजा के बाद भाई दूज पर समाप्त होता है. शनिवार को छोटी दीपावली का उल्लास पूरे देश में देखने को मिला.

देखें पूरी खबर

आज के दि‍न मां लक्ष्‍मी, गणेश जी और मां सरस्‍वती की पूजा भी होती है. ऐसा कहा जाता है क‍ि गणेश जी बुद्ध‍ि के देवता हैं और बौद्ध‍िक बल के बगैर मां लक्ष्‍मी को रोकना मुश्‍कि‍ल है और ब‍िना सरस्‍वती के लक्ष्‍मी को प्राप्‍त करना भी कठ‍िन है. इसलिए इस द‍िन धन की देवी मां लक्ष्‍मी के साथ गणपत‍ि और मां सरस्‍वती की भी पूजा की जाती है.

धनतेरस, दीपावली 2019, Dhanteras, दीपावली 2019, गोवर्धन पूजा, govardhan puja
दीपावली मनाती महिलाएं

दीपावली पर बन रहा ये शुभ संयोग

हिन्दू पंचाग के अनुसार, दीपावली पर इस बार शुभ संयोग बन रहा है. कई वर्षों के बाद इस बार दीपावली में दो अमावस्‍या पड़ रही हैं. 27 अक्टूबर को अमावस्या तिथि 11.30 बजे से ही प्रारम्भ हो जाएगी, जो कि अगले दिन सुबह 9.23 बजे तक रहेगी. इस दिन, आयुष्यमान और सौभाग्य योग रहेगा. ऐसे में दीपावली, चतुर्दशी तिथि से लगी हुई अमावस्या को मनाई जाएगी.

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पर्व पर बाजार में सजी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां

लक्ष्मी पूजा की आवश्यक सामग्री

  • लक्ष्मी के ऐरावत हाथी की प्रिय खाद्य-सामग्री ईख है. बताशे या गुड़ दीपावली पर्व के मांगलिक चिह्न हैं. पूजन के समय तिलक लगाया जाता है ताकि मस्तिष्क में बुद्धि, ज्ञान और शांति का प्रसार हो. लच्छा या धागा पूजा के समय कलाई पर बांधा जाता है. लक्ष्मी पूजन की थाली में कौड़ी रखने की पुरानी परंपरा है. यह काम करने से धन बढ़ता है.
  • स्वास्तिक की चार भुजाएं उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम चारों दिशाओं को दर्शाती हैं. आम या पीपल के नए कोमल पत्तों की माला को वंदनवार कहा जाता है. इससे सभी देवी-देवता आकर्षित होते हैं. पान घर की शुद्धि करता है और चावल घर में कोई धब्बा नहीं लगने देते. इसके अलावा दीपक, प्रसाद, कुमकुम, फल-फूल भी पूजा के लिए जरूरी माने जाते हैं.
  • शाम के समय माता लक्ष्मी की पूजा होती है. लक्ष्मी जी के पूजन लिए विभिन्न पूजा सामग्री की जरूरत होती है. दीपक, प्रसाद, कुमकुम, फल-फूल के अलावा कई चीजें आवश्यक हैं. जैसे पान, चावल, गन्ना, बताशे या गुड़, तिलक, लच्छा या धागा, कौड़ी, स्वास्तिक, वंदनवार जरूरी समग्री हैं.
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    दीपावली में सजे बाजार

दीपावली पूजन विधि:

  • चौकी पर लक्ष्मी-गणेश की स्थापना पूरब या पश्चिम दिशा की ओर मुख कर करें.
  • लक्ष्मी प्रतिमा को गणेश जी के दाहिने और वरुणदेव के प्रतिक कलश को मां लक्ष्मी के पास ही चावल पर ही स्थापित करें.
  • तेल और घी के दो दीपक जलाएं और उन्हें लक्ष्मी प्रतिमा व कलश के पास स्थापित करें.
  • मां के आह्वान के साथ ही दोनों प्रतिमाओं का आचमन करें लाल रंग के नववस्त्रों, कमल पुष्प से सुसज्जित करें.
  • पंचगव्य (दुग्ध, दही, मधु, गंगाजल और शर्करा) का भोग लगाएं. भोग को चांदी के पात्र में लगाएं.
  • पूजन और आरती के बाद चूरा, खील बताशे, लईया, गट्टे, सफ़ेद मिष्ठान और मौसमी फल चढ़ाएं.
  • इस दिन गहनों,पैसों और बहीखातों की भी पूजा करें.
  • आरती करें. आरती के पश्चात परिक्रमा करें.
  • पूजन के दौरान 'ॐ भूर्भव: स्व: महालाक्ष्मै नम:' का जाप करें.
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    बाजार में सजी पटाखे की दुकान

लक्ष्‍मी पूजा मुहुर्त
शाम 7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक.
प्रदोश काल:
शाम 6 बजकर 4 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक.
वृषभ काल:
शाम 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर15 मिनट तक.
अमावस्या तिथि आरंभ- 12:23 (27 अक्टूबर).
अमावस्या तिथि समाप्त- 09:08 (28 अक्टूबर).

धनतेरस, दीपावली 2019, Dhanteras, दीपावली 2019, गोवर्धन पूजा, govardhan puja
आर्कषक लाइटें

इससे जुड़ी हैं पौराणिक कथाएं
रामायण के मुताबिक, त्रेतायुग में जब भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या लोटे तो अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया था. इसी कारण प्रतिवर्ष दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और घर के आगे रंगोली बनाते हैं और दीप जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत करते हैं.

रांची: दीपावली पर्व का उत्सव आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. दीपावली का पांच दिवसीय पर्व धनतेरस से शुरू होता है जो छोटी दीपावली, दीपावली,गोवर्धन पूजा के बाद भाई दूज पर समाप्त होता है. शनिवार को छोटी दीपावली का उल्लास पूरे देश में देखने को मिला.

देखें पूरी खबर

आज के दि‍न मां लक्ष्‍मी, गणेश जी और मां सरस्‍वती की पूजा भी होती है. ऐसा कहा जाता है क‍ि गणेश जी बुद्ध‍ि के देवता हैं और बौद्ध‍िक बल के बगैर मां लक्ष्‍मी को रोकना मुश्‍कि‍ल है और ब‍िना सरस्‍वती के लक्ष्‍मी को प्राप्‍त करना भी कठ‍िन है. इसलिए इस द‍िन धन की देवी मां लक्ष्‍मी के साथ गणपत‍ि और मां सरस्‍वती की भी पूजा की जाती है.

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दीपावली पर बन रहा ये शुभ संयोग

हिन्दू पंचाग के अनुसार, दीपावली पर इस बार शुभ संयोग बन रहा है. कई वर्षों के बाद इस बार दीपावली में दो अमावस्‍या पड़ रही हैं. 27 अक्टूबर को अमावस्या तिथि 11.30 बजे से ही प्रारम्भ हो जाएगी, जो कि अगले दिन सुबह 9.23 बजे तक रहेगी. इस दिन, आयुष्यमान और सौभाग्य योग रहेगा. ऐसे में दीपावली, चतुर्दशी तिथि से लगी हुई अमावस्या को मनाई जाएगी.

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पर्व पर बाजार में सजी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां

लक्ष्मी पूजा की आवश्यक सामग्री

  • लक्ष्मी के ऐरावत हाथी की प्रिय खाद्य-सामग्री ईख है. बताशे या गुड़ दीपावली पर्व के मांगलिक चिह्न हैं. पूजन के समय तिलक लगाया जाता है ताकि मस्तिष्क में बुद्धि, ज्ञान और शांति का प्रसार हो. लच्छा या धागा पूजा के समय कलाई पर बांधा जाता है. लक्ष्मी पूजन की थाली में कौड़ी रखने की पुरानी परंपरा है. यह काम करने से धन बढ़ता है.
  • स्वास्तिक की चार भुजाएं उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम चारों दिशाओं को दर्शाती हैं. आम या पीपल के नए कोमल पत्तों की माला को वंदनवार कहा जाता है. इससे सभी देवी-देवता आकर्षित होते हैं. पान घर की शुद्धि करता है और चावल घर में कोई धब्बा नहीं लगने देते. इसके अलावा दीपक, प्रसाद, कुमकुम, फल-फूल भी पूजा के लिए जरूरी माने जाते हैं.
  • शाम के समय माता लक्ष्मी की पूजा होती है. लक्ष्मी जी के पूजन लिए विभिन्न पूजा सामग्री की जरूरत होती है. दीपक, प्रसाद, कुमकुम, फल-फूल के अलावा कई चीजें आवश्यक हैं. जैसे पान, चावल, गन्ना, बताशे या गुड़, तिलक, लच्छा या धागा, कौड़ी, स्वास्तिक, वंदनवार जरूरी समग्री हैं.
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  • चौकी पर लक्ष्मी-गणेश की स्थापना पूरब या पश्चिम दिशा की ओर मुख कर करें.
  • लक्ष्मी प्रतिमा को गणेश जी के दाहिने और वरुणदेव के प्रतिक कलश को मां लक्ष्मी के पास ही चावल पर ही स्थापित करें.
  • तेल और घी के दो दीपक जलाएं और उन्हें लक्ष्मी प्रतिमा व कलश के पास स्थापित करें.
  • मां के आह्वान के साथ ही दोनों प्रतिमाओं का आचमन करें लाल रंग के नववस्त्रों, कमल पुष्प से सुसज्जित करें.
  • पंचगव्य (दुग्ध, दही, मधु, गंगाजल और शर्करा) का भोग लगाएं. भोग को चांदी के पात्र में लगाएं.
  • पूजन और आरती के बाद चूरा, खील बताशे, लईया, गट्टे, सफ़ेद मिष्ठान और मौसमी फल चढ़ाएं.
  • इस दिन गहनों,पैसों और बहीखातों की भी पूजा करें.
  • आरती करें. आरती के पश्चात परिक्रमा करें.
  • पूजन के दौरान 'ॐ भूर्भव: स्व: महालाक्ष्मै नम:' का जाप करें.
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लक्ष्‍मी पूजा मुहुर्त
शाम 7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक.
प्रदोश काल:
शाम 6 बजकर 4 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक.
वृषभ काल:
शाम 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर15 मिनट तक.
अमावस्या तिथि आरंभ- 12:23 (27 अक्टूबर).
अमावस्या तिथि समाप्त- 09:08 (28 अक्टूबर).

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इससे जुड़ी हैं पौराणिक कथाएं
रामायण के मुताबिक, त्रेतायुग में जब भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या लोटे तो अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया था. इसी कारण प्रतिवर्ष दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और घर के आगे रंगोली बनाते हैं और दीप जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत करते हैं.

Intro:इस बार भी पटना के लोग ट्रेडिशनल तरीके से मनाये गे दीवाली प्रदूषण मुक्त का सपना के साथ चाइनीज़ सामानों का नही करे गे उपयोग--


Body:पटना-- दीपों का पर्व दीपावली कार्तिक अमावस्या कल यानी 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी धान और सौभाग्य की अधिष्ठात्री महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए खास दिवस दीपावली है प्रदोष काल में स्थित लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा अति फलदायक मानी जाती है जिसको श्रद्धालु शुभ का देवता गणेश लाभ की देवी महालक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा अर्चना करते हैं मां लक्ष्मी की स्वागत के लिए हर तबका अपनी-अपनी तैयारी कर रहा है मां को प्रसन्न करने के लिए हर तरह के जतन भी किए जा रहे हैं घरों की साफ-सफाई के साथ सजाने के लिए लोग मार्केट से समान भी खरीद रहे हैं राजधानी पटना की बात करें तो हर जगह दीपावली को लेकर बाजार सजा हुआ है हम आपको यह तस्वीर दिखा रहे हैं बोरिंग रोड चौराहा की है जहां पर दीपावली को लेकर दुकाने सजी है चौराहा के हर तरफ दुकान में गणेश लक्ष्मी के साथ-साथ पूजा के सामग्री भी बिक रहे हैं लोग खरीदारी के लिए बाहर निकले हुए हैं और जमकर खरीदारी कर रहे हैं लोगों का मानना है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है लोगों का मानना है कि इस बार दीपावली में ट्रेडिशनल तरीके से मनायेगे साथ प्रदूषण मुक्त का सपना के साथ चाइनीज़ सामानों का नही करे गे उपयोग। बच्चों के लिए सामान खरीदने मार्केट में आया जितेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार की दीपावली बच्चों के साथ ट्रेडिशनल तरीके से बनाने के लिए मिठाई वगैरा खरीद रहे हैं काजू की मिठाई तो लोग सालों भर खाते हैं लेकिन ऐसे मौकों पर यह बार-बार नहीं मिलता है। वही दीपावली की तैयारी को लेकर बाजार में पहुंची महिलाओं का कहना है कि वह अपने शहर को साफ सफाई के साथ प्रदूषण मुक्त रखना है ज्यादा शोर शराब वाले पटाखे नहीं जलाना है दीपावली को हम लोग शांति तरीके से बनाने के लिए फैसला किया है साथ में चाइनीस सामानों का बहिष्कार करेंगे दिवाली को लेकर बाजार में रौनक है। हम लोग दीपावली को अच्छे से बनाएंगे सारी तैयारी हो गई है।


Conclusion: दीपों का त्योहार दीपावली आज भी जिस तरह ट्रेडेसन में लोग मानते है उसी से हमारी सभ्यता और सांस्कृतिक बचा हुआ है

पटना से etv भारत के लिए अरविन्द राठौड़
Last Updated : Oct 27, 2019, 9:08 AM IST
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