रांची: झारखंड की सीआईडी अब नए तरीके से कांडों का अनुसंधान करेगी. सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा ने इस संबंध में काम शुरू कर दिया है. सीआईडी की ओर से अब दर्ज सारे मामलों में कांडों की संबंधित संचिका सीबीआई के तर्ज पर रखी जाएगी.
हर केस में पांच संचिका
हर केस में पांच अलग तरह की संचिका बनेगी. पहली संचिका में नोट सीट इंट्री की जाएगी. केस डायरी के लिए अलग संचिका होगी, तीसरी संचिका होगी जिसमें धारा 161 के तहत दर्ज बयानों को अंकित किया जाएगा. प्रत्येक केस के अनुसंधान के बाद प्रगति प्रतिवेदन निकलता है, इस प्रगति प्रतिवेदन की फाइल अलग से मेंटन की जाएगी. हर केस में किसी भी तरह के पत्राचार या अन्य कागजातों के लिए अलग से फाइल बनेगी. सीआईडी एडीजी ने आदेश दिया है कि सभी शाखा प्रभारी हर हाल में इसका अनुपालन सुनिश्चित करें.
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तकनीकी सेल का हुआ गठन
मामलों की जांच में तेजी पाने के लिए सीआईडी में तकनीकी शाखा का गठन किया गया है. किसी भी केस में अनुसंधान के दौरान कॉल डिलिट रिपोर्ट, कॉल डंप, रिचार्ज हिस्ट्री समेत अन्य जानकारियों को जुटाने का काम तकनीकी सेल का होगा. तकनीकी सेल का प्रभार डीएसपी स्तर के अधिकारी के जिम्मे होगा. इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को तकनीकी सेल का सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया है. वहीं, तकनीक संबंधी विश्लेषण के लिए पुलिसकर्मियों की टीम को भी इसमें शामिल किया गया है.
सीबीआई के तर्ज पर बनाया गया है सीआईडी का सेल
झारखंड में सीआईडी के अंदर सीबीआई की कार्यशैली विकसित की जा रही है. इस दिशा में एडीजी अनिल पाल्टा ने हाल के दिनों में कई दिशा निर्देश भी जारी किए हैं. सीबीआई में भी सीडीआर, कॉल डंप जुटाने जैसी तकनीकी साक्ष्य पर काम करने और उसके विश्लेषण के लिए तकनीकी सेल काम करता है. इसी तरह सीआईडी में भी सेल काम करेगा.
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कैसे काम करेगा तकनीकी सेल
सीआईडी के किसी भी केस के अनुसंधानकर्ता को जिस किसी भी केस में सीडीआर, कॉल डंप या अन्य जानकारियों की जरूरत होगी, वह तकनीकी सेल को आवेदन देगा. तकनीकी सेल दूरसंचार कंपनियों से संपर्क कर जानकारी जुटाएगी. कांड के अनुसंधानकर्ता को जानकारी उपलब्ध कराए जाने के बाद तकनीकी सेल के पदाधिकारी या कर्मी का बयान भी सीआरपीएसी 161 के तहत लिया जाएगा, ताकि संबंधित पहलूओं में कानूनी पक्ष को मजबूती से रखा जा सके.
300 से अधिक मामले की जांच सीआईडी के जिम्मे
सीआईडी एडीजी अनिल पाल्टा ने बताया कि वर्तमान में सीआईडी के जिम्मे में 300 से अधिक महत्वपूर्ण केस हैं. जिनमें कोल माफिया के खिलाफ, नक्सल मामले, भ्रष्टाचार के मामले, घोटालों के मामले और पुलिस से जुड़े मामले शामिल हैं.
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बड़े आपराधिक गिरोहों पर भी नजर
झारखंड में सक्रिय 39 बड़े आपराधिक गिरोह और उससे जुड़े 704 शीर्ष अपराधियों पर सीआईडी नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर रही है. सीआईडी ने सभी क्राइम ब्रांच प्रभारियों से आपराधिक गैंग के सरगना, उनके सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों की अद्यतन रिपोर्ट और उनकी गतिविधियों की जानकारी मांगी है. रिपोर्ट मिलने के बाद फरार अपराधियों के खिलाफ इनाम घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी. सीआईडी के अधिकारियों के मुताबिक, बड़े अपराधियों के खिलाफ दर्ज कांडों की समीक्षा कर उसका स्पीडी ट्रायल भी कराया जाएगा.