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विपक्ष के विरोध के वाबजूद भी सीएम ने पढ़ा धन्यवाद प्रस्ताव, सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक

पांचवीं झारखंड विधानसभा के पहले सत्र का आखिरी दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर सदन में बुधवार को जोरदार हंगामा हुआ. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई. इन सब के बावजूद भी सबको दरकिनार करते हुए हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपना धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा.

Hemant Soren read vote of thanks
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
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Published : Jan 8, 2020, 3:05 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के आखिरी दिन विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपना धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा. दरअसल, बुधवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष ने कांग्रेस के इरफान अंसारी की टिप्पणी पर एतराज जताते हुए जमकर हंगामा किया. जिसकी वजह से स्पीकर रविंद्र नाथ महतो को एक बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अभिभाषण

जैसे ही दोबारा कार्यवाही शुरू हुई स्पीकर ने इरफान अंसारी को खेद प्रकट करने को कहा. इसी बीच बीजेपी के सीपी सिंह ने कहा कि 'अंसारी की औकात नहीं है कि वह आरएसएस पर आरोप लगाएं'. सिंह का इतना बोलते ही पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक शुरू हो गयी. उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि वह यह कहें कि कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी आईएसआई का एजेंट है तो उन्हें कैसा लगेगा. इसपर इरफान अंसारी वेल में आ गए और सत्तापक्ष के सदस्यों ने सीपी सिंह से सामने माफी मांगने की मांग रखी.

ये भी पढ़ें- Twitter पर भी एक्टिव हैं हेमंत, ऑन द स्पॉट समाधान

इस दौरान पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तीखी नोकझोंक चलती रही. इसी बीच कांग्रेस के राजेंद्र सिंह ने कहा कि सीपी सिंह ने सदन में जो बात कही है उसके लिए माफी मांगनी चाहिए. इसी नोकझोंक के बीच स्पीकर हेमंत सोरेन को सरकार का जवाब पढ़ने को कहा.

हालांकि कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्षी सदस्य तब तक वेल में रहे जब तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी बात पूरी नहीं रखी. सोरेन ने साफ तौर पर कहा कि झारखंड के लोगों को उनका अधिकार दिलाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेंगे. साथ उन्होंने नौकरशाही को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि नौकरशाही का राजनीतिकरण पिछली सरकार में देखने को मिला.

ये भी पढ़ें- नदी प्रदूषण को लेकर एनजीटी सतर्क, स्पेशल सर्विलांस टास्क फोर्स का हुआ गठन

वहीं स्पीकर ने कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम को पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में सदन में मान्यता दी. साथ ही झाविमो के प्रदीप यादव को पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता मिली.

रांची: झारखंड विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के आखिरी दिन विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपना धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा. दरअसल, बुधवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष ने कांग्रेस के इरफान अंसारी की टिप्पणी पर एतराज जताते हुए जमकर हंगामा किया. जिसकी वजह से स्पीकर रविंद्र नाथ महतो को एक बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का अभिभाषण

जैसे ही दोबारा कार्यवाही शुरू हुई स्पीकर ने इरफान अंसारी को खेद प्रकट करने को कहा. इसी बीच बीजेपी के सीपी सिंह ने कहा कि 'अंसारी की औकात नहीं है कि वह आरएसएस पर आरोप लगाएं'. सिंह का इतना बोलते ही पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक शुरू हो गयी. उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि वह यह कहें कि कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी आईएसआई का एजेंट है तो उन्हें कैसा लगेगा. इसपर इरफान अंसारी वेल में आ गए और सत्तापक्ष के सदस्यों ने सीपी सिंह से सामने माफी मांगने की मांग रखी.

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इस दौरान पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तीखी नोकझोंक चलती रही. इसी बीच कांग्रेस के राजेंद्र सिंह ने कहा कि सीपी सिंह ने सदन में जो बात कही है उसके लिए माफी मांगनी चाहिए. इसी नोकझोंक के बीच स्पीकर हेमंत सोरेन को सरकार का जवाब पढ़ने को कहा.

हालांकि कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्षी सदस्य तब तक वेल में रहे जब तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी बात पूरी नहीं रखी. सोरेन ने साफ तौर पर कहा कि झारखंड के लोगों को उनका अधिकार दिलाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेंगे. साथ उन्होंने नौकरशाही को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि नौकरशाही का राजनीतिकरण पिछली सरकार में देखने को मिला.

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वहीं स्पीकर ने कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम को पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में सदन में मान्यता दी. साथ ही झाविमो के प्रदीप यादव को पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता मिली.

Intro:इससे जुड़ा वीडियो लाइव व्यू से गया है।

रांची। झारखंड विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के आखिरी दिन विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर अपना धन्यवाद प्रस्ताव पढ़ा। दरअसल बुधवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष ने कांग्रेस के इरफान अंसारी की टिप्पणी पर एतराज जताते हुए जमकर हंगामा किया। जिसकी वजह से स्पीकर रविंद्र नाथ महतो को एक बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
जैसे ही दोबारा कार्यवाही शुरू हुई स्पीकर ने इरफान अंसारी को खेद प्रकट करने को कहा। इसी बीच बीजेपी के सीपी सिंह ने अंसारी की औकात नहीं है कि वह आरएसएस पर आरोप लगाएं। सिंह का इतना बोलना था कि पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक शुरू हो गयी। उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि वह यह कहें कि कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी आएसआई के एजेंट है तो उन्हें कैसा लगेगा। इस पर इरफान वेल में आ गए और सत्तापक्ष के सदस्यों ने सीपी सिंह से सामने माफी मांगने की मांग रखी।


Body:इस दौरान पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तीखी नोकझोंक चलती रहे। इसी बीच कांग्रेस के राजेंद्र सिंह ने कहा कि सीपी सिंह ने सदन में जो बात कही है उसके लिए माफी मांगने चाहिए। इसी नोकझोंक के बीच स्पीकर हेमंत सोरेन को सरकार का जवाब पढ़ने को कहा। हालांकि कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्षी सदस्य तब तक वेल में रहे जब तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी बात पूरी नहीं रखी। सोरेन ने साफ तौर पर कहा कि झारखंड के लोगों को उनका अधिकार दिलाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेंगे। साथ उन्होंने नौकरशाही को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि नौकरशाही का राजनीतिकरण पिछली सरकार में देखने को मिला।


Conclusion:वहीं स्पीकर ने कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम को पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में सदन में मान्यता दी। साथ ही झाविमो के प्रदीप यादव को पार्टी के विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता मिली।
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