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हजारीबाग रूपेश हत्याकांड: सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर, झारखंड हाई कोर्ट ने जांच के दिया था आदेश

हजारीबाग में रूपेश हत्याकांड में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है (CBI registers FIR in Rupesh murder case). इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए थे.

CBI registers FIR in Rupesh murder case
CBI registers FIR in Rupesh murder case
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Published : Sep 17, 2022, 7:13 AM IST

रांची: हजारीबाग के चर्चित रूपेश हत्याकांड में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है (CBI registers FIR in Rupesh murder case). सीबीआई की पटना स्पेशल ब्रांच ने मामले के जांच को लेकर एफआईआर दर्ज की है. इसमें 27 को नामजद आरोपी बनाया गया है. दो सितंबर को झारखंड हाई कोर्ट ने रूपेश पांडेय की मां उर्मिला देवी की याचिका पर सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें: रुपेश सिंह मर्डर केस: पुलिस ने किया खुलासा, पत्नी ने उठाए सवाल

दो एफआईआर दर्ज: हजारीबाग के चर्चित रूपेश पांडेय हत्याकांड में सीबीआई की पटना स्पेशल क्राइम ब्रांच ने दो एफआईआर दर्ज की है. पहली प्राथमिकी रूपेश पांडेय की हत्या के मामले में दर्ज की गई है, जिसमें सीबीआई ने 27 नामजद समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया है. वहीं, रूपेश पांडेय की हत्या के बाद आगजनी और दंगा के मामले में दूसरी प्राथमिकी सीबीआई ने दर्ज की है, जिसमें 87 नामजद समेत 200 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. रुपेश पांडेय की इसी साल छह फरवरी को बरही में भीड़ ने सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान पीट- पीटकर हत्या कर दी थी. सीबीआई के इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार यादव को केस के अनुसंधान का जिम्मा दिया गया है.

रूपेश हत्याकांड में किस किस को सीबीआई ने बनाया आरोपी: सीबीआई ने रूपेश हत्याकांड में दुलमाहा बरही के असलम अंसारी, अमीश, मो कैफ, मो गुरफान, मो चांद, मो ओसामा, मो अहताम, मो जाहिद, मो सोनू, मो शाहबाज, मो फैजल, मो चांद, मो अमन, मो आसिफ, मो जासिद, मो रिजवान, मो सलमान, मो इरफान, मो सलमान, मो छोटे, मो इश्तेखार, मो तैयब, मो सादिक, मो इकबाल, मो हसन, मो अनीश, मो साहिब को आरोपी बनाया है। वहीं हत्याकांड के बाद हुए दंगों और आगजनी को लेकर 87 लोगों पर सीबीआई ने अलग से चार्जशीट दायर की है.

पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप: रूपेश पांडेय की मां उर्मिला देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि मामले में पुलिस सही जांच नहीं कर रही है. घटना के बाद रुपेश के परिजनों ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी, लेकिन उस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. प्राथमिकी में जिन पर आरोप लगाया था पुलिस उन्हें बचा रही है. घटना के दो दिन बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने शिकायत दर्ज करायी. इस शिकायत को स्वीकार करते हुए पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली. दूसरे पक्ष की शिकायत के बाद पुलिस वैसे लोगों को आरोपी बनाने लगी जो घटना के विरोध में शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे, लेकिन उनकी प्राथमिकी के बाद पुलिस ने किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है.

हत्या के बाद बढ़ गया था तनाव: बरही में सरस्वती पूजा के दौरान रूपेश पांडेय की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद आक्रोशित लोगों ने जीटी रोड को जाम कर दिया था. वाहनों में आग भी लगा दी गई थी. इस घटना के बाद सरकार को पहली बार पांच जिलों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था.

रांची: हजारीबाग के चर्चित रूपेश हत्याकांड में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है (CBI registers FIR in Rupesh murder case). सीबीआई की पटना स्पेशल ब्रांच ने मामले के जांच को लेकर एफआईआर दर्ज की है. इसमें 27 को नामजद आरोपी बनाया गया है. दो सितंबर को झारखंड हाई कोर्ट ने रूपेश पांडेय की मां उर्मिला देवी की याचिका पर सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

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दो एफआईआर दर्ज: हजारीबाग के चर्चित रूपेश पांडेय हत्याकांड में सीबीआई की पटना स्पेशल क्राइम ब्रांच ने दो एफआईआर दर्ज की है. पहली प्राथमिकी रूपेश पांडेय की हत्या के मामले में दर्ज की गई है, जिसमें सीबीआई ने 27 नामजद समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया है. वहीं, रूपेश पांडेय की हत्या के बाद आगजनी और दंगा के मामले में दूसरी प्राथमिकी सीबीआई ने दर्ज की है, जिसमें 87 नामजद समेत 200 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. रुपेश पांडेय की इसी साल छह फरवरी को बरही में भीड़ ने सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान पीट- पीटकर हत्या कर दी थी. सीबीआई के इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार यादव को केस के अनुसंधान का जिम्मा दिया गया है.

रूपेश हत्याकांड में किस किस को सीबीआई ने बनाया आरोपी: सीबीआई ने रूपेश हत्याकांड में दुलमाहा बरही के असलम अंसारी, अमीश, मो कैफ, मो गुरफान, मो चांद, मो ओसामा, मो अहताम, मो जाहिद, मो सोनू, मो शाहबाज, मो फैजल, मो चांद, मो अमन, मो आसिफ, मो जासिद, मो रिजवान, मो सलमान, मो इरफान, मो सलमान, मो छोटे, मो इश्तेखार, मो तैयब, मो सादिक, मो इकबाल, मो हसन, मो अनीश, मो साहिब को आरोपी बनाया है। वहीं हत्याकांड के बाद हुए दंगों और आगजनी को लेकर 87 लोगों पर सीबीआई ने अलग से चार्जशीट दायर की है.

पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप: रूपेश पांडेय की मां उर्मिला देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि मामले में पुलिस सही जांच नहीं कर रही है. घटना के बाद रुपेश के परिजनों ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी, लेकिन उस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. प्राथमिकी में जिन पर आरोप लगाया था पुलिस उन्हें बचा रही है. घटना के दो दिन बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने शिकायत दर्ज करायी. इस शिकायत को स्वीकार करते हुए पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली. दूसरे पक्ष की शिकायत के बाद पुलिस वैसे लोगों को आरोपी बनाने लगी जो घटना के विरोध में शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे, लेकिन उनकी प्राथमिकी के बाद पुलिस ने किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है.

हत्या के बाद बढ़ गया था तनाव: बरही में सरस्वती पूजा के दौरान रूपेश पांडेय की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद आक्रोशित लोगों ने जीटी रोड को जाम कर दिया था. वाहनों में आग भी लगा दी गई थी. इस घटना के बाद सरकार को पहली बार पांच जिलों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाना पड़ा था.

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