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बकोरिया कांड: CBI डीएसपी ने पीएम को लिखा पत्र, कहा- ज्वाइंट डायरेक्टर को हटाएं - पीएम

बकोरिया मुठभेड़ में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए सीबीआई के डीएसपी इंटरपोल एनपी मिश्र ने प्रधानमंत्री, सीबीआई निदेशक, सीवीसी को पत्र भेजा है. उन्होंने ज्वाइंट डायरेक्टर एडमिन अजय कुमार भटनागर को हटाने की मांग की है.

बकोरिया मुठभेड़
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Published : Sep 27, 2019, 2:58 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 11:14 AM IST

रांची: झारखंड के विवादित बकोरिया मुठभेड़ में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए सीबीआई के डीएसपी इंटरपोल एनपी मिश्र ने ज्वाइंट डायरेक्टर एडमिन अजय कुमार भटनागर को हटाने की मांग की है. एनपी मिश्र ने प्रधानमंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है.

केस को कर सकते हैं प्रभावित
डीएसपी इंटरपोल एनपी मिश्र ने पत्र में लिखा है कि बकोरिया में फर्जी मुठभेड़ में निर्दोष मारे गए थे. इस कांड की जांच खुद सीबीआई की स्पेशल सेल-1 ने की है. डीएसपी ने लिखा है कि सीबीआई में बड़े पद कर रहते हुए भटनागर इस केस को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें तत्काल पद से हटाया जाए.

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बकोरिया कांड के बाद बनाए गए थे एडीजी
8 जून 2015 को बकोरिया में कथित मुठभेड़ में 12 लोग मारे गए थे. मुठभेड़ पर विवाद होने के बाद तात्कालिन एडीजी रेजी डुंगडुंग को हटाकर अजय भटनागर को सीआईडी का एडीजी बनाया गया था। भटनागर के एडीजी रहने के दौरान परिजनों ने केस के अनुसंधान की धीमी रफ्तार व गड़बड़ी का आरोप लगाया था। जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने पूरे मामले को संज्ञान लिया था। आयोग ने भी सीआईडी को केस की धीमी जांच के लिए तब फटकार लगायी थी। बाद में भटनागर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में चले गए थे।

डीएसपी की ये भी है शिकायत
प्रधानमंत्री, सीबीआई निदेशक, सीवीसी को भी डीएसपी सीबीआई इंटरपोल एनपी मिश्र ने पत्र भेजा है. पत्र में जिक्र है कि उनके ट्रांसफर के एक मामले में एक अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. लेकिन अजय भटनागर ने ट्रांसफर के मामले में जल्द सुनवाई के लिए पद का दुरूपयोग कर हाईकोर्ट में पीटिशन दायर किया है.

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जांच सीबीआई के हवाले कर दिया था
8 जून 2015 को बकोरिया में हुए एनकाउंटर पर जब चारों तरफ से बवाल होने लगा और शिकायतें आने लगी तो उस मामले को सीआईडी के जिम्मे सौंप दिया गया था. पुलिस विभाग के अंदर इस मामले को दबाने और लीपापोती करने का लगातार प्रयास किया गया. जिस किसी भी अधिकारी ने बकोरिया मामले की जांच में ईमानदारी दिखाई उसका तबादला हो गया. एडीजी रेजी डुंगडुंग और एमवी राव इसी का शिकार हुए. हालांकि मृतकों के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताते हुए हाईकोर्ट में राज्य की जांच एजेंसी सीआईडी की जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दिया था. सीबीआई पलामू के सदर थाना कांड संख्या 349/2015, दिनांक 9 जून 2015 के केस को टेकओवर करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर अपनी जांच कर रही है.

रांची: झारखंड के विवादित बकोरिया मुठभेड़ में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए सीबीआई के डीएसपी इंटरपोल एनपी मिश्र ने ज्वाइंट डायरेक्टर एडमिन अजय कुमार भटनागर को हटाने की मांग की है. एनपी मिश्र ने प्रधानमंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है.

केस को कर सकते हैं प्रभावित
डीएसपी इंटरपोल एनपी मिश्र ने पत्र में लिखा है कि बकोरिया में फर्जी मुठभेड़ में निर्दोष मारे गए थे. इस कांड की जांच खुद सीबीआई की स्पेशल सेल-1 ने की है. डीएसपी ने लिखा है कि सीबीआई में बड़े पद कर रहते हुए भटनागर इस केस को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें तत्काल पद से हटाया जाए.

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बकोरिया कांड के बाद बनाए गए थे एडीजी
8 जून 2015 को बकोरिया में कथित मुठभेड़ में 12 लोग मारे गए थे. मुठभेड़ पर विवाद होने के बाद तात्कालिन एडीजी रेजी डुंगडुंग को हटाकर अजय भटनागर को सीआईडी का एडीजी बनाया गया था। भटनागर के एडीजी रहने के दौरान परिजनों ने केस के अनुसंधान की धीमी रफ्तार व गड़बड़ी का आरोप लगाया था। जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने पूरे मामले को संज्ञान लिया था। आयोग ने भी सीआईडी को केस की धीमी जांच के लिए तब फटकार लगायी थी। बाद में भटनागर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में चले गए थे।

डीएसपी की ये भी है शिकायत
प्रधानमंत्री, सीबीआई निदेशक, सीवीसी को भी डीएसपी सीबीआई इंटरपोल एनपी मिश्र ने पत्र भेजा है. पत्र में जिक्र है कि उनके ट्रांसफर के एक मामले में एक अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. लेकिन अजय भटनागर ने ट्रांसफर के मामले में जल्द सुनवाई के लिए पद का दुरूपयोग कर हाईकोर्ट में पीटिशन दायर किया है.

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जांच सीबीआई के हवाले कर दिया था
8 जून 2015 को बकोरिया में हुए एनकाउंटर पर जब चारों तरफ से बवाल होने लगा और शिकायतें आने लगी तो उस मामले को सीआईडी के जिम्मे सौंप दिया गया था. पुलिस विभाग के अंदर इस मामले को दबाने और लीपापोती करने का लगातार प्रयास किया गया. जिस किसी भी अधिकारी ने बकोरिया मामले की जांच में ईमानदारी दिखाई उसका तबादला हो गया. एडीजी रेजी डुंगडुंग और एमवी राव इसी का शिकार हुए. हालांकि मृतकों के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताते हुए हाईकोर्ट में राज्य की जांच एजेंसी सीआईडी की जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दिया था. सीबीआई पलामू के सदर थाना कांड संख्या 349/2015, दिनांक 9 जून 2015 के केस को टेकओवर करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर अपनी जांच कर रही है.

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रांची: झारखंड के विवादित बकोरिया मुठभेड़ में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए सीबीआई के डीएसपी इंटरपोल एनपी मिश्र ने ज्वाइंट डायरेक्टर एडमिन अजय कुमार भटनागर को हटाने की मांग की है. एनपी मिश्र ने प्रधानमंत्री को इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखा है.



केस को कर सकते हैं प्रभावित

डीएसपी इंटरपोल एनपी मिश्र ने पत्र में लिखा है कि बकोरिया में फर्जी मुठभेड़ में निर्दोष मारे गए थे. इस कांड की जांच खुद सीबीआई की स्पेशल सेल-1 ने की है. डीएसपी ने लिखा है कि सीबीआई में बड़े पद कर रहते हुए भटनागर इस केस को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें तत्काल पद से हटाया जाए.



बकोरिया कांड के बाद बनाए गए थे एडीजी

8 जून 2015 को बकोरिया में कथित मुठभेड़ में 12 लोग मारे गए थे. मुठभेड़ पर विवाद होने के बाद तात्कालिन एडीजी रेजी डुंगडुंग को हटाकर अजय भटनागर को सीआईडी का एडीजी बनाया गया था। भटनागर के एडीजी रहने के दौरान परिजनों ने केस के अनुसंधान की धीमी रफ्तार व गड़बड़ी का आरोप लगाया था। जिसके बाद मानवाधिकार आयोग ने पूरे मामले को संज्ञान लिया था। आयोग ने भी सीआईडी को केस की धीमी जांच के लिए तब फटकार लगायी थी। बाद में भटनागर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में चले गए थे।



डीएसपी की ये भी है शिकायत

प्रधानमंत्री, सीबीआई निदेशक, सीवीसी को भी डीएसपी सीबीआई इंटरपोल एनपी मिश्र ने पत्र भेजा है. पत्र में जिक्र है कि उनके ट्रांसफर के एक मामले में एक अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. लेकिन अजय भटनागर ने ट्रांसफर के मामले में जल्द सुनवाई के लिए पद का दुरूपयोग कर हाईकोर्ट में पीटिशन दायर किया है.



विवादों में रहा है जांच



8 जून 2015 को बकोरिया में हुए एनकाउंटर पर जब चारों तरफ से बवाल होने लगा और शिकायतें आने लगी तो उस मामले को सीआईडी के जिम्मे सौंप दिया गया था. पुलिस विभाग के अंदर इस मामले को दबाने और लिपापोती करने का लगातार प्रयास किया गया. जिस किसी भी अधिकारी ने बकोरिया मामले में जांच में ईमानदारी दिखाई उसका तबादला हो गया.

जांच सीबीआई के हवाले कर दिया था

एडीजी रेजी डुंगडुंग और एमवी राव इसी का शिकार हुए. हालांकि मृतकों के परिजनों ने इसे फर्जी मुठभेड़ बताते हुए हाईकोर्ट में राज्य की जांच एजेंसी सीआईडी की जांच पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई के हवाले कर दिया था. सीबीआई ने पलामू के सदर थाना कांड संख्या 349/2015, दिनांक 9 जून 2015 के केस को टेकओवर करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर अपनी जांच कर रही है.




Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 11:14 AM IST
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