रांची: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को दावा किया कि कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र के द्वारा दिया जा रहा आर्थिक पैकेज झारखंड सरकार के लिए एक सुनहरा अवसर है. मरांडी ने कहा कि अब सरकार को तय करना है कि वह कैसे इस अवसर को इनकैश करा सकती है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि केंद्र ने स्पष्ट तौर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों के लिए तीन लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज देने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि बड़ी संख्या में झारखंड से मजदूर दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं. ऐसे में जब झारखंड में कम कीमत पर श्रम उपलब्ध है तो राज्य सरकार को इस आर्थिक पैकेज का उपयोग करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार तय करे कि वह इसमें अपनी हिस्सेदारी कैसे सुनिश्चित कर सकती है. इसके साथ ही मरांडी ने दावा किया कि वैसे लघु उद्योग जो बंदी की कगार पर हैं, उन्हें भी इस पैकेज से पुनर्जीवित किया जा सकता है. वहीं, एक सवाल के जवाब में मरांडी ने कहा कि अगर राज्य सरकार जरूरत समझे तो श्रम कानूनों में भी परिवर्तन कर सकती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल कोरोना को लेकर राज्य सरकार एक या दो साल के लिए श्रम कानूनों में परिवर्तन करे.
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मजदूरों के हित में रिवाइवल पैकेज
वहीं, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि यह पैकेज श्रमिकों और मजदूरों के हित में है. एमएसएमई को जो बड़ी छूट सरकार ने दी है, जिससे सीधे 12 करोड़ से लेकर 15 करोड़ श्रमिक इससे प्रभावित होंगे. इसके साथ ही उनके ऊपर जो रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है वह कम होगा. इसके अतिरिक्त सैलरी कट को लेकर टीडीएस में जो 25 पर्सेंट की छूट दी गयी है, उससे मध्यमवर्ग को बहुत बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से अलग सेक्टरों में प्रोत्साहन की घोषणा की है उससे स्पष्ट हो गया है कि भारत की इकोनॉमी फिर से सर उठाएगी और भारत का ग्रोथ रेट बाकी देशों की तुलना में बहुत आगे जाएगा.