रांचीः वैश्विक महामारी कोविड-19 के मद्देनजर हुए लॉकडाउन के बाद से ही लंबे समय से रांची व्यवहार न्यायालय में मामलों की सुनवाई वर्चुअल माध्यम से चल रही है और अधिवक्ता वर्चुअल कोर्ट की सुनवाई को फिजिकल माध्यम से हो इसको लेकर लगातार मांग कर रहे हैं. दरअसल, अदालत में वर्चुअल माध्यम से न्याय कार्यों की सुनवाई होने की वजह से केस का ट्रायल बंद है. ऐसे में अधिवक्ताओं की आय पर व्यापक असर पड़ रहा है.
अधिवक्ता लगातार पहले की तरह सुचारू रूप से न्यायालय की सुनवाई हो इसको लेकर मांग कर रहे हैं सा ही अधिवक्ताओं का कहना है कि अगर 4 जनवरी से अदालत में न्यायिक मामलों की सुनवाई फिजिकल कोर्ट के माध्यम से नहीं होती है तो आंदोलन भी किया जाएगा.
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रांची सिविल कोर्ट में मामलों की सुनवाई वर्चुअल माध्यम से होने से नाराज जिला बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रशासन पवन रंजन खत्री ने कहा कि पिछले 9 महीने से अदालत में मामलों की सुनवाई वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से हो रही है जिसके कारण अधिवक्ताओं की आय बंद हो गई है. आए बंद होने के कारण अधिवक्ताओं के परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है, लेकिन इस ओर ना तो सरकार चिंता कर रही है और ना ही अदालत को चिंता है. अदालत में न्यायिक मामलों की सुनवाई वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से होने से ऐसा लग रहा है कि जैसे अदालत को अधिवक्ताओं की माली हालात पर कोई चिंता ही नहीं है.
वहीं, रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता प्रणव बब्बू ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अदालत में मामले की सुनवाई वर्चुअल माध्यम से हो रही है और लंबे समय से वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से सुनवाई होने की वजह से अधिवक्ताओं की स्थिति काफी खराब हो गई है. ऐसे में सरकार और अदालत को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.