रांचीः 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला (34th national game scam) मामले के आरोपी आर.के. आनंद को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने उनके ऊपर दर्ज एफआईआर को निरस्त करने से इनकार कर दिया है. मामले की जांच एसीबी कर रही है. एसीबी ने उन्हें मामले में आरोपी बनाया है. उसी मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है. उस याचिका पर सुनवाई के दौरान उन पर दर्ज एफआईआर को निरस्त करने से इनकार कर दिया है.
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34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले के मुख्य आरोपी आरके आनंद के मामले में झारखंड हाई कोर्ट से बड़ा फैसला आया है. मामले की जांच कर रही एसीबी का शिकंजा कस सकता है. अगर अग्रिम जमानत याचिका नहीं मिली तो जेल जाना पड़ सकता है. अदालत ने आरके आनंद को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार करते हुए उन पर दर्ज एफआईआर निरस्त करने से भी इनकार कर दिया है. आरके आनंद के एसीबी की ओर से दायर एफआईआर निरस्त करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने आरके आनंद की ओर से दायर याचिका पर मंगलवार को न्यायाधीश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना फैसला सुनाया. इस दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता और एसीबी के अधिवक्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े. अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए प्रमुख आरोपी आरके आनंद को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही उन्होंने आरके आनंद की ओर से एसीबी की ओर से दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है.
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पूर्व में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
पूर्व में अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को दलील पेश करने का निर्देश दिया था, दोनों पक्षों की ओर से दलील पेश की गई. मामले की सुनवाई की सभी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद अदालत ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को उसी पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने आरोपी आरके आनंद की याचिका को खारिज कर दिया है.
प्रार्थी के अधिवक्ता ने क्या दी दलील
पूर्व में सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत से गुहार लगाई गई थी कि प्रार्थी ने ही घोटाले की शिकायत की थी. प्रारंभ में उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया, बाद में उन्हें आरोपी बनाया गया है, उन्हें जानबूझकर साजिश के तहत इस मामले में फंसाया जा रहा है, इस घोटाला में उनकी कोई भूमिका नहीं है.
क्या बोले एसीबी के अधिवक्ता
वहीं एसीबी के अधिवक्ता ने प्रार्थी के दलील का विरोध करते हुए कहा कि मामले की जांच कर रही एसीबी को उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं. उसके बाद उन्हें आरोपी बनाया गया है, इसलिए यह कहना कि उन्हें जान-बूझकर फंसाया जा रहा है यह सरासर गलत है, उनकी ओर से दर्ज याचिका खारिज की जाए. अदालत ने एसीबी के आग्रह को स्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है.
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मामला क्या है
साल 2011 में 34वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन झारखंड में किया गया था. जिसमें आरके आनंद नेशनल गेम ऑर्गेनाइजेशन कमिटी के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष थे. खेल के आयोजन में हुए घोटाला की काफी चर्चा हुई. उसके बाद मामले की जांच एसीबी को दिया गया. जांच के क्रम में एसीबी ने आरके आनंद को आरोपी बनाया उन पर एफआईआर दर्ज की गई. आरके आनंद ने एसीबी की ओर से दर्ज कराए गए एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उस याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया.