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'प्रेसिडेंट के अभिभाषण की तरह बेकार...' बजट के प्रॉसेस पर कांग्रेस सांसद ने कसा तंज - MANISH TEWARI ON BUDGET PROCESS

मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया पर लिखा- बजट क्या है... यह एक अकाउंटिंग एक्सरसाइज से ज्यादा कुछ नहीं है.

MANISH TEWARI ON BUDGET PROCESS
मनीष तिवारी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 1, 2025, 9:59 AM IST

हैदराबाद: संसद में आज आम बजट 2025 पेश होने से कुछ घंटे पहले, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इसकी प्रक्रिया की आलोचना की. उन्होंने इसे महज एक 'अकाउंटिंग एक्सरसाइज' बता दिया. मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि बजट एक सालाना रस्म बन गया है, जिसमें सरकार सिर्फ अपनी कमाई और खर्च का हिसाब किताब पेश करती है. उन्होंने इसे राष्ट्रपति के अभिभाषण की तरह ही ‘बेकार’ बताया.

अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, "बजट क्या है... यह एक अकाउंटिंग एक्सरसाइज से ज्यादा कुछ नहीं है. सरकार ने कितना कमाया और कितना खर्च किया. पिछले कुछ वर्षों में यह वित्त मंत्री के लिए एक वार्षिक भव्य अनुष्ठान बन गया है." उन्होंने आगे कहा कि सरकार की कमाई और खर्च का विवरण सिर्फ सदन के पटल पर रखा जा सकता है.

मनीष तिवारी ने बजट को लेकर यह आलोचना ऐसे समय में की है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आठवां बजट पेश करने वाली हैं. बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'ऐतिहासिक बजट' बताया था.

बता दें कि, यह पहली बार नहीं है जब मनीष तिवारी ने सरकार की नीतियों की आलोचना की है. इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण की आलोचना करते हुए इसे सरकार की 'उपलब्धियों की लंबी-चौड़ी सूची' करार दिया था. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति को इस वार्षिक 'शर्मिंदगी' से बचना चाहिए और उन्हें अपने मन की बात कहने की अनुमति दी जानी चाहिए.

मनीष तिवारी की इस आलोचना पर सरकार की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, इस तरह की टिप्पणियां बजट को लेकर विपक्ष के रवैये को दर्शाती हैं और आने वाले दिनों में संसद में इस पर बहस होने की संभावना है.

यह भी पढ़ें- जानिए 11 बजे ही क्यों पेश किया जाता है बजट, वाजपेयी सरकार ने बदली थी परंपरा

हैदराबाद: संसद में आज आम बजट 2025 पेश होने से कुछ घंटे पहले, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इसकी प्रक्रिया की आलोचना की. उन्होंने इसे महज एक 'अकाउंटिंग एक्सरसाइज' बता दिया. मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि बजट एक सालाना रस्म बन गया है, जिसमें सरकार सिर्फ अपनी कमाई और खर्च का हिसाब किताब पेश करती है. उन्होंने इसे राष्ट्रपति के अभिभाषण की तरह ही ‘बेकार’ बताया.

अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, "बजट क्या है... यह एक अकाउंटिंग एक्सरसाइज से ज्यादा कुछ नहीं है. सरकार ने कितना कमाया और कितना खर्च किया. पिछले कुछ वर्षों में यह वित्त मंत्री के लिए एक वार्षिक भव्य अनुष्ठान बन गया है." उन्होंने आगे कहा कि सरकार की कमाई और खर्च का विवरण सिर्फ सदन के पटल पर रखा जा सकता है.

मनीष तिवारी ने बजट को लेकर यह आलोचना ऐसे समय में की है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आठवां बजट पेश करने वाली हैं. बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'ऐतिहासिक बजट' बताया था.

बता दें कि, यह पहली बार नहीं है जब मनीष तिवारी ने सरकार की नीतियों की आलोचना की है. इससे पहले शुक्रवार को उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण की आलोचना करते हुए इसे सरकार की 'उपलब्धियों की लंबी-चौड़ी सूची' करार दिया था. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति को इस वार्षिक 'शर्मिंदगी' से बचना चाहिए और उन्हें अपने मन की बात कहने की अनुमति दी जानी चाहिए.

मनीष तिवारी की इस आलोचना पर सरकार की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, इस तरह की टिप्पणियां बजट को लेकर विपक्ष के रवैये को दर्शाती हैं और आने वाले दिनों में संसद में इस पर बहस होने की संभावना है.

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