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कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण का खतरा, जानें कैसे करें बचाव

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Published : Jun 14, 2021, 4:34 PM IST

Updated : Jun 15, 2021, 11:02 AM IST

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर परिजन काफी चिंतित हैं क्योंकि माना जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ सकता है. ऐसे में परिजनों को काफी सतर्क रहने की जररूत है. जमशेदपुर के बाल रोग विशेषज्ञ ने इस संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है.

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कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण का खतरा

जमशेदपुर: देश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी की जा रही है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे. जमशेदपुर में ईटीवी भारत के साथ खास मुलाकात में सदर अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने तीसरी लहर में बच्चों में दिखने वाले लक्षण की जानकारी देते हुए सुरक्षित रहने के लिए कई अहम जानकारी दी है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- रांची सदर अस्पताल में हड़ताल पर बैठे कर्मचारी, कोरोना जांच प्रभावित

डॉ आर एन तिवारी बताते हैं कि कोविड की स्थाई दवा अब तक नहीं आई है. कुछ दवाएं हैं जिसके जरिये मरीजों का इलाज किया जा रहा है. कोरोना समय-समय पर अपना स्वरूप बदल रहा है, जो अच्छे संकेत नहीं हैं. पहले चरण में उम्रदराज के लोगों पर असर दिखा दूसरे चरण में बीच के उम्र वालों पर असर देखने को मिला.

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कोरोना के लक्षण

इसलिए यह संभावना है कि तीसरे चरण में बच्चे प्रभावित होंगे. डॉक्टर ने बताया कि 0 से 28 दिन वाले नवजात शिशु में बुखार का आना दूध नहीं पीना, आंखों में लालिमा, बदन में लाल स्पॉट का होना और बच्चे में झटका लेना आदि कोविड के लक्षण होने की संभावना है.

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नवजात में कोरोना के लक्षण

ऐसे में नजदीकी चाइल्ड केयर सेंटर में डॉक्टर से सम्पर्क करें. यदि बच्चा पॉजिटिव है तो मां एक दिन तक अपना दूध नहीं पिला सकती है, लेकिन मां के दूध से ही बच्चे को सही आहार मिलता है. ऐसे में मां अपने शिशु के साथ अलग कमरे में रहे और डॉक्टर की सलाह लेकर शिशु को दवा दे सकती है.

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कोरोना के लक्षण

बच्चों को करें आइसोलेट

डॉक्टर आर एन तिवारी ने बताया कि भारत घनी आबादी वाला देश है. ऐसे में बच्चे भीड़ से दूर नहीं रह सकते हैं. 28 दिन से 5 वर्ष के उम्र वाले बच्चों में चंचलता होती है. तीसरी वेब में ऐसे बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द, लूज मोशन के लक्षण देखे जा सकते हैं.

ऐसे बच्चों को एक कमरे में आइसोलेट करने की कोशिश करें उनके मन पसंद की चीजों को उनके कमरे में उपलब्ध कराएं, जिससे वो बाहर कम निकलें और डॉक्टर से मिलकर दवा लें.

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कोरोना से बच्चों के बचाव के उपाय

लक्षण पर घबराएं नहीं

उन्होंने बताया कि 5 वर्ष की उम्र के बाद 18 वर्ष के उम्र वाले बच्चों में बुखार, बदन दर्द, उल्टी होना खाने की किसी भी चीज का स्वाद न मिलना इसके अलावा किसी भी चीज की खुशबू महक का अहसास ना होने पर घबराए नहीं डॉक्टर से मिलकर दवा लें. डॉ तिवारी बताते हैं कि तीसरी वेब को देखते हुए बच्चों के परिजन को पूरी तरह ऐहतियात बरतने की जरूरत है.

  • बच्चों को बाहर निकलने से रोकें
  • घर में ही खेलने की व्यवस्था करें
  • किसी बीमार व्यक्ति से मिलने से रोकें
  • घर के बाहर निकलने पर डबल मास्क का प्रयोग करें
  • घर में बाहर से किसी मेहमान के या घर के किसी सदस्य के आने पर तुरंत उनके सम्पर्क में ना जायें
  • ठंडा पानी कोल्ड ड्रिंक्स, दही, केला, आईस्क्रीम और विशेषकर फास्ट फूड से बचें
  • घर की बनी चीजें खाएं, हरी सब्जी ताजा फल का सेवन करें
  • दूध नियमित रूप से पीये, नॉन वेज खा सकते हैं
  • विटामिन कैल्शियम और प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें
  • विटामिन C, विटामिन D के अलावा zinkovit सीरप या गोली का इस्तेमाल करें

सबसे खास सावधानी
किसी भी उम्र के बच्चों में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर किसी के कहने पर या सीधे मेडिकल दुकान से पूछकर दवा लेने से बचें. इस दौरान किसी भी डॉक्टर से दिखाकर दवा लें. मास्क के इस्तेमाल के साथ सोशल डिस्टेंस का पालन करें और समय-समय पर सैनिटाइजर का प्रयोग करें.

जमशेदपुर: देश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी की जा रही है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे. जमशेदपुर में ईटीवी भारत के साथ खास मुलाकात में सदर अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने तीसरी लहर में बच्चों में दिखने वाले लक्षण की जानकारी देते हुए सुरक्षित रहने के लिए कई अहम जानकारी दी है.

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ये भी पढ़ें- रांची सदर अस्पताल में हड़ताल पर बैठे कर्मचारी, कोरोना जांच प्रभावित

डॉ आर एन तिवारी बताते हैं कि कोविड की स्थाई दवा अब तक नहीं आई है. कुछ दवाएं हैं जिसके जरिये मरीजों का इलाज किया जा रहा है. कोरोना समय-समय पर अपना स्वरूप बदल रहा है, जो अच्छे संकेत नहीं हैं. पहले चरण में उम्रदराज के लोगों पर असर दिखा दूसरे चरण में बीच के उम्र वालों पर असर देखने को मिला.

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कोरोना के लक्षण

इसलिए यह संभावना है कि तीसरे चरण में बच्चे प्रभावित होंगे. डॉक्टर ने बताया कि 0 से 28 दिन वाले नवजात शिशु में बुखार का आना दूध नहीं पीना, आंखों में लालिमा, बदन में लाल स्पॉट का होना और बच्चे में झटका लेना आदि कोविड के लक्षण होने की संभावना है.

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नवजात में कोरोना के लक्षण

ऐसे में नजदीकी चाइल्ड केयर सेंटर में डॉक्टर से सम्पर्क करें. यदि बच्चा पॉजिटिव है तो मां एक दिन तक अपना दूध नहीं पिला सकती है, लेकिन मां के दूध से ही बच्चे को सही आहार मिलता है. ऐसे में मां अपने शिशु के साथ अलग कमरे में रहे और डॉक्टर की सलाह लेकर शिशु को दवा दे सकती है.

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कोरोना के लक्षण

बच्चों को करें आइसोलेट

डॉक्टर आर एन तिवारी ने बताया कि भारत घनी आबादी वाला देश है. ऐसे में बच्चे भीड़ से दूर नहीं रह सकते हैं. 28 दिन से 5 वर्ष के उम्र वाले बच्चों में चंचलता होती है. तीसरी वेब में ऐसे बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द, लूज मोशन के लक्षण देखे जा सकते हैं.

ऐसे बच्चों को एक कमरे में आइसोलेट करने की कोशिश करें उनके मन पसंद की चीजों को उनके कमरे में उपलब्ध कराएं, जिससे वो बाहर कम निकलें और डॉक्टर से मिलकर दवा लें.

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कोरोना से बच्चों के बचाव के उपाय

लक्षण पर घबराएं नहीं

उन्होंने बताया कि 5 वर्ष की उम्र के बाद 18 वर्ष के उम्र वाले बच्चों में बुखार, बदन दर्द, उल्टी होना खाने की किसी भी चीज का स्वाद न मिलना इसके अलावा किसी भी चीज की खुशबू महक का अहसास ना होने पर घबराए नहीं डॉक्टर से मिलकर दवा लें. डॉ तिवारी बताते हैं कि तीसरी वेब को देखते हुए बच्चों के परिजन को पूरी तरह ऐहतियात बरतने की जरूरत है.

  • बच्चों को बाहर निकलने से रोकें
  • घर में ही खेलने की व्यवस्था करें
  • किसी बीमार व्यक्ति से मिलने से रोकें
  • घर के बाहर निकलने पर डबल मास्क का प्रयोग करें
  • घर में बाहर से किसी मेहमान के या घर के किसी सदस्य के आने पर तुरंत उनके सम्पर्क में ना जायें
  • ठंडा पानी कोल्ड ड्रिंक्स, दही, केला, आईस्क्रीम और विशेषकर फास्ट फूड से बचें
  • घर की बनी चीजें खाएं, हरी सब्जी ताजा फल का सेवन करें
  • दूध नियमित रूप से पीये, नॉन वेज खा सकते हैं
  • विटामिन कैल्शियम और प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें
  • विटामिन C, विटामिन D के अलावा zinkovit सीरप या गोली का इस्तेमाल करें

सबसे खास सावधानी
किसी भी उम्र के बच्चों में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर किसी के कहने पर या सीधे मेडिकल दुकान से पूछकर दवा लेने से बचें. इस दौरान किसी भी डॉक्टर से दिखाकर दवा लें. मास्क के इस्तेमाल के साथ सोशल डिस्टेंस का पालन करें और समय-समय पर सैनिटाइजर का प्रयोग करें.

Last Updated : Jun 15, 2021, 11:02 AM IST
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