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रांची में लोहड़ी की धूम, पंजाबी-हिन्दू बिरादरी के कार्यक्रम में शामिल हुए विधायक सीपी सिंह - LOHRI 2025

रांची में लोहड़ी पर्व लोगों ने धूमधाम से मनाया. इस कार्यक्रम में विधायक सीपी सिंह भी शामिल हुए.

MLA CP Singh participated in Lohri festival program in Ranchi
लोहड़ी के कार्यक्रम में शामिल विधायक सीपी सिंह समेत अन्य (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 13, 2025, 10:26 PM IST

रांचीः मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले मनाया जाने वाला पर्व लोहड़ी एक बार फिर सोमवार को पारंपरिक रुप से मनाया गया. पंजाबी हिन्दू बिरादरी के बैनर तले राजधानी रांची में आयोजित इस पर्व में बीजेपी विधायक सीपी सिंह सहित कई लोग शामिल हुए.

इस मौके पर लाला लाजपत राय के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद किया गया. लोहड़ी फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है जो समृद्धि खुशी और जीवन के नवीनीकरण का प्रतीक के रूप में मनाया जाता है जो साधारणतया रबी की फसलों खासतौर पर गेहूं, सरसों और गन्ना की कटाई का प्रतीक है. इस पर्व को आध्यात्मिक रूप से भी जोड़ करके देखा गया है. यहां पर भगवान श्रीकृष्ण और दूल्हा भट्टी से जुड़ा हुआ माना गया है.

लोहड़ी पर्व में शामिल हुए रांची विधायक (ETV Bharat)

अलाव जलाकर अग्नि देव की हुई पूजा

इस मौके पर पंजाबी हिन्दू बिरादरी के द्वारा देर शाम अलाव जलाकर अग्निदेव की पूजा की गई. पंजाबी बिरादरी से जुड़े लोगों ने अलाव में तिल, गुड़, मकई और मूंगफली जैसी चीजों का अर्घ्य देकर लोहड़ी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने पंजाबी हिन्दू बिरादरी के द्वारा सांस्कृतिक परंपरा को जीवित रखने की सराहना करते हुए लोहड़ी की बधाई दी. वैसे तो यह त्यौहार पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर समेत उत्तर भारत के राज्यों में विशेष रूप से मनाया जाता है लेकिन झारखंड में रहने वाले पंजाबी हिंदू बिरादरी से जुड़े लोगों के द्वारा इस त्यौहार को खास तौर पर मनाया जाता है.

MLA CP Singh participated in Lohri festival program in Ranchi
लोहड़ी पर्व में शामिल होते लोग (ETV Bharat)

इस संस्था के सदस्य अरुण चावला कहते हैं कि सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता लोहड़ी पर्व एकजुटता का भी प्रतीक है जो लोगों को एक साथ लाता है. यह कड़ाके की सर्दियों के अंत का भी प्रतीक है और आने वाले लंबे दिनों का स्वागत करता है. कृषि कार्य से जुड़े किसानों के लिए तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण है जो इस बहाने भरपूर फसल के लिए आभार व्यक्त करता है.

इसे भी पढे़ं- धनबाद में मनाया गया लोहड़ी का त्योहार, की गई विशेष पूजा - Dhanbad news

इसे भी पढ़ें- लोहड़ी के दिन आग में क्यों डाले जाते हैं तिल और मूंगफली? जानिए इसके पीछे का कारण - LOHRI 2025

रांचीः मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले मनाया जाने वाला पर्व लोहड़ी एक बार फिर सोमवार को पारंपरिक रुप से मनाया गया. पंजाबी हिन्दू बिरादरी के बैनर तले राजधानी रांची में आयोजित इस पर्व में बीजेपी विधायक सीपी सिंह सहित कई लोग शामिल हुए.

इस मौके पर लाला लाजपत राय के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद किया गया. लोहड़ी फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है जो समृद्धि खुशी और जीवन के नवीनीकरण का प्रतीक के रूप में मनाया जाता है जो साधारणतया रबी की फसलों खासतौर पर गेहूं, सरसों और गन्ना की कटाई का प्रतीक है. इस पर्व को आध्यात्मिक रूप से भी जोड़ करके देखा गया है. यहां पर भगवान श्रीकृष्ण और दूल्हा भट्टी से जुड़ा हुआ माना गया है.

लोहड़ी पर्व में शामिल हुए रांची विधायक (ETV Bharat)

अलाव जलाकर अग्नि देव की हुई पूजा

इस मौके पर पंजाबी हिन्दू बिरादरी के द्वारा देर शाम अलाव जलाकर अग्निदेव की पूजा की गई. पंजाबी बिरादरी से जुड़े लोगों ने अलाव में तिल, गुड़, मकई और मूंगफली जैसी चीजों का अर्घ्य देकर लोहड़ी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने पंजाबी हिन्दू बिरादरी के द्वारा सांस्कृतिक परंपरा को जीवित रखने की सराहना करते हुए लोहड़ी की बधाई दी. वैसे तो यह त्यौहार पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर समेत उत्तर भारत के राज्यों में विशेष रूप से मनाया जाता है लेकिन झारखंड में रहने वाले पंजाबी हिंदू बिरादरी से जुड़े लोगों के द्वारा इस त्यौहार को खास तौर पर मनाया जाता है.

MLA CP Singh participated in Lohri festival program in Ranchi
लोहड़ी पर्व में शामिल होते लोग (ETV Bharat)

इस संस्था के सदस्य अरुण चावला कहते हैं कि सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता लोहड़ी पर्व एकजुटता का भी प्रतीक है जो लोगों को एक साथ लाता है. यह कड़ाके की सर्दियों के अंत का भी प्रतीक है और आने वाले लंबे दिनों का स्वागत करता है. कृषि कार्य से जुड़े किसानों के लिए तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण है जो इस बहाने भरपूर फसल के लिए आभार व्यक्त करता है.

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