कोडरमा: जिले के झुमरी तिलैया नगर परिषद का एक अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है. जहां अतिक्रमण कर बनाई गई दुकानों से पहले तो जुर्माना वसूला गया, बाद में दुकानें लगे रहने की लिखित अनुमति भी दे दी गई. अब इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं.
दरअसल, इन दिनों झुमरी तिलैया बाजार में सड़क किनारे अतिक्रमण कर तिलकुट की कई अस्थायी दुकानें लगा दी गई हैं, जिससे शहर में यातायात व्यवस्था बदहाल है. ऐसे में नगर परिषद सड़क किनारे अतिक्रमण कर लगाए गए अस्थायी दुकानों पर जुर्माना लगा रही है, लेकिन जुर्माने के साथ ही इन दुकानों को दुकान लगाने की अनुमति भी दे दी गई है.
नगर परिषद ने जुर्माने की रसीद पर दुकान लगाने का वैलिडिटी डेट भी लिख दिया है. नगर परिषद को जुर्माने के साथ ही अतिक्रमण कर बनाए गए इन अस्थायी दुकानों को हटाना था, ताकि शहर में जाम न लगे और यातायात व्यवस्था सुचारू रहे. लेकिन नगर परिषद झुमरी तिलैया ने इन दुकानों से जुर्माने की राशि काटकर इन दुकानों को खुले रहने की अनुमति दे दी है.
इस संबंध में जब नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी विनीत गुप्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने नगर परिषद के कर्मचारियों को सड़क किनारे अतिक्रमण कर बनी दुकानों पर जुर्माना लगाने तथा दुकानों को सड़क किनारे से हटाने का आदेश दिया था, लेकिन जुर्माने के साथ इन दुकानों के वहां होने की लिखित वैलिडिटी वाली रसीद कैसे दी गई, यह जांच का विषय है.
वहीं इस संबंध में जब नगर परिषद के सिटी मैनेजर रणधीर बर्मा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि जुर्माना लगाने वाले कर्मचारियों से गलती हुई है. हालांकि उन्होंने कहा कि जिस कर्मचारी ने जुर्माने की रसीद के साथ इन दुकानों के वहां लगे रहने की लिखित सूचना दी है, उसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा तथा कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि झुमरी तिलैया नगर परिषद ने शहर में अतिक्रमण कर बनी कई दुकानों से भारी जुर्माना वसूला है. इन दुकानों को हटाने के बजाय उन्हें वहीं बने रहने की वैधता दे दी है.
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