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कैंसर से लड़ने वाली झारखंड की बेटी ने विदेश में आयरन लेडी अवॉर्ड जीता, जानें रीतू की कहानी उन्हीं की जुबानी

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Published : Nov 5, 2019, 8:03 PM IST

Updated : Nov 5, 2019, 8:44 PM IST

कैंसर को मात देकर लौहनगरी की रीतू ने ग्रीस में जीता आयरन लेडी अवार्ड. कैंसर से आयरन लेडी तक के सफर पर रीतू रूंगटा से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

रीतू रूंगटा

जमशेदपुर: लौहनगरी की रीतू रूंगटा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ रहे हजारों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं. रीतू ने गंभीर बीमारी से लड़ते हुए मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया और आयरन लेडी अवॉर्ड अपने नाम किया.

देखें पूरी खबर

रीतू से खास बातचीत
बता दें कि रीतू ने अपने आत्मबल के साथ इस बीमारी को चुनौती के रूप में लेते यूरोप तक का सफर कर मिसेज आयरन लेडी का अवॉर्ड जीता है. कैंसर से आयरन लेडी तक के सफर पर रीतू रुंगटा से खास बातचीत की हमारे संवाददाता जितेंद्र कुमार ने.

रीतू रुंगटा से खास बातचीत

ये भी पढ़ें- RJD कार्यालय में नेता टिकट के लिए लगा रहे चक्कर, लालू यादव करेंगे अंतिम फैसला

कैंसर को चुनौती
42 वर्षीय रीतू रूंगटा दो वर्ष तक ब्रेस्ट कैंसर को चुनौती में लेकर उससे खुद को स्वस्थ कर यूरोप के एथेंस में मिसेज आयरन लेडी का अवॉर्ड हासिल कर लौहनगरी का नाम रौशन किया है. 2017 में रीतू को पता चला कि उसे ब्रेस्ट कैंसर है. इस रिपोर्ट से रीतू और उसका परिवार हैरान रह गया, लेकिन रीतू ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए अपना इलाज करवाना शुरू किया.

आत्मबल कभी गिरने नहीं दिया
इस दौरान रीतू 30 कीमो सर्जरी और 20 बार रेडिएशन लिया. रीतू ने बताया कि कीमो लेने के दौरान सिर के बाल झड़ जाते हैं. इसलिए उसने पहले ही अपने सिर के बाल को सेव कर उस पर टैटू बनवाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. उसने बताया कि भारतीय महिला की सुंदरता में सिर के बाल का विशेष महत्व होता है, लेकिन उन्होंने अपने अंदर की सुंदरता को निखारने का काम किया और अपने आत्मबल को कभी गिरने नहीं दिया.

ये भी पढ़ें- तीसरे मोर्चे की गठन की सुगबुगाहट तेज, बाबूलाल मरांडी कर सकते हैं नेतृत्व

रायपुर में ऑडिशन
रीतू रूंगटा ने बताया कि आज कैंसर के नाम से मरीज और उसके परिवार में अंधकार छा जाता है, लेकिन आत्मबल के साथ उससे निपटने की जरूरत है. 2018 नवंबर तक कैंसर का बाहर में इलाज कराकर रीतू जमशेदपुर लौटी. इस दौरान रीतू ने मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कंपटीशन में भाग लेने के लिए आवेदन दिया और 2019 फरवरी में रायपुर में ऑडिशन राउंड में सफलता पाने के बाद वो आगे बढ़ती गईं.

ये भी पढ़ें- पलामू: सड़क हादसे में पति-पत्नी की मौत, बेटी गंभीर

मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कंपीटीशन
9 अक्टूबर को रीतू यूरोप के एथेंस पहुंची. जहां भारत के अलावा 18 अलग-अलग देश की महिलाएं मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कंपीटीशन में शामिल हुईं. रीतू रूंगटा को मिसेज आयरन लेडी का अवॉर्ड मिला.

जमशेदपुर: लौहनगरी की रीतू रूंगटा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ रहे हजारों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं. रीतू ने गंभीर बीमारी से लड़ते हुए मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया और आयरन लेडी अवॉर्ड अपने नाम किया.

देखें पूरी खबर

रीतू से खास बातचीत
बता दें कि रीतू ने अपने आत्मबल के साथ इस बीमारी को चुनौती के रूप में लेते यूरोप तक का सफर कर मिसेज आयरन लेडी का अवॉर्ड जीता है. कैंसर से आयरन लेडी तक के सफर पर रीतू रुंगटा से खास बातचीत की हमारे संवाददाता जितेंद्र कुमार ने.

रीतू रुंगटा से खास बातचीत

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कैंसर को चुनौती
42 वर्षीय रीतू रूंगटा दो वर्ष तक ब्रेस्ट कैंसर को चुनौती में लेकर उससे खुद को स्वस्थ कर यूरोप के एथेंस में मिसेज आयरन लेडी का अवॉर्ड हासिल कर लौहनगरी का नाम रौशन किया है. 2017 में रीतू को पता चला कि उसे ब्रेस्ट कैंसर है. इस रिपोर्ट से रीतू और उसका परिवार हैरान रह गया, लेकिन रीतू ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए अपना इलाज करवाना शुरू किया.

आत्मबल कभी गिरने नहीं दिया
इस दौरान रीतू 30 कीमो सर्जरी और 20 बार रेडिएशन लिया. रीतू ने बताया कि कीमो लेने के दौरान सिर के बाल झड़ जाते हैं. इसलिए उसने पहले ही अपने सिर के बाल को सेव कर उस पर टैटू बनवाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. उसने बताया कि भारतीय महिला की सुंदरता में सिर के बाल का विशेष महत्व होता है, लेकिन उन्होंने अपने अंदर की सुंदरता को निखारने का काम किया और अपने आत्मबल को कभी गिरने नहीं दिया.

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रायपुर में ऑडिशन
रीतू रूंगटा ने बताया कि आज कैंसर के नाम से मरीज और उसके परिवार में अंधकार छा जाता है, लेकिन आत्मबल के साथ उससे निपटने की जरूरत है. 2018 नवंबर तक कैंसर का बाहर में इलाज कराकर रीतू जमशेदपुर लौटी. इस दौरान रीतू ने मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कंपटीशन में भाग लेने के लिए आवेदन दिया और 2019 फरवरी में रायपुर में ऑडिशन राउंड में सफलता पाने के बाद वो आगे बढ़ती गईं.

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मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कंपीटीशन
9 अक्टूबर को रीतू यूरोप के एथेंस पहुंची. जहां भारत के अलावा 18 अलग-अलग देश की महिलाएं मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कंपीटीशन में शामिल हुईं. रीतू रूंगटा को मिसेज आयरन लेडी का अवॉर्ड मिला.

Intro:जमशेदपुर ।

कैंसर जैसी बीमारी का नाम आते ही जिंदगी में एक विराम लग जाता है। लेकिन लौह जमशेदपुर की रहने वाली रीतू रूंगटा ने अपने आत्मबल के साथ इस बीमारी को चुनौती में लेते यूरोप तक का सफर कर मिसेज आयरन लेडी का एवॉर्ड जीता है ।
कैंसर से आयरन लेडी तक के सफर पर रीतू रूंगटा से खास बातचीत


Body:जमशेदपुर के जुगसलाई में रहने वाली 42 वर्षीय रीतू रूंगटा दो वर्ष तक ब्रेस्ट कैंसर को चुनौती में लेकर उससे खूद को स्वस्थ्य कर यूरोप के एथेंस में मिसेज आयरन लेडी का एवॉर्ड प्राप्त कर लौहनगरी का नाम रौशन करते हुए कैंसर पीड़ितों को एक सकारात्मक सोच का संदेश दिया है।
दरअसल 2017 में रीतू को पता चला कि उसे ब्रेस्ट कैंसर है इस रिपोर्ट से रीतू और उसका परिवार स्तब्ध रह गया लेकिन रीतू ने इसे चुनौती में लेते हुए अपना इलाज करवाना शुरू किया ।
इस दौरान रीतू 30 कीमो सर्जरी और 20 बार रेडिएशन लिया ।
रीतू रूंगटा ने बताया की कीमो लेने के दौरान सर के बाल झड़ जाते है इसलिए उसने पहले ही अपने सर के बाल का सेव कर उस पर टैटू बनवाकर सोसल मीडिया पर वायरल कर दिया ।
उसने बताया कि भारतीय महिला की सुंदरता में सर के बाल का विशेष महत्व होता है लेकिन मैंने अपने अंदर की सुंदरता को निखारने के काम किया और अपने आत्मबल को कभी गिरने नही दिया ।
रीतू रूंगटा ने बताया कि आज कैंसर के नाम से मरीज और उसके परिवार में अंधकार छा जाता है लेकिन आत्म बल के साथ उससे निपटने की जरूरत है ।
2018 नवम्बर तक कैंसर का बाहर में इलाज कराकर रीतू जमशेदपुर लौटी इस दौरान रीतू ने मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कम्पटीशन में भाग लेने के लिए आवेदन दिया और 2019 फरवरी में रायपुर में ऑडिशन राउंड में सफलता पाने के बाद वो आगे बढ़ती गई ।9 अक्टूबर को रीतू रूंगटा यूरोप के एथेंस पहुंची ।जहां भारत के अलावा 18 अलग अलग देश की महिलाये मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड कम्पटीशन में शामिल हुई ।और रीतू रूंगटा को मिसेज आयरन लेडी का एवॉर्ड मिला है।
रीतू ने बताया कि यह एवॉर्ड मुझे नही कैंसर पीड़ितों के लिए हॉइ वह सन्देश देना चाहती है कि कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने की जरूरत है इसके लिए आत्मबल की जरूरत है ।



Conclusion:
Last Updated : Nov 5, 2019, 8:44 PM IST
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