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हाथी मेरे साथी! 1 महीने से घूम रहा गजराज, नहीं कर रहा कोई नुकसान

पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया वन क्षेत्र में कई माह से एक जंगली हाथी घूम रहा है. हालांकि हाथी ने किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है. हाथी गांव में घूम घूमकर दुकानों के सामने खड़ा हो जाता है और आनाज देने पर खाकर निकल जाता है.

गांव में घूम रहा हाथी
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Published : Aug 10, 2019, 1:37 AM IST

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया वन क्षेत्र में कई माह से एक जंगली हाथी घूम रहा है. किसी का जानमाल पर नुकसान नहीं कर रहा, बल्कि खाने के लिए दर-दर भटक रहा है.

गांव में घूम रहा हाथी

एक महीने से घूम रहा हाथी
ग्रामीण हाथी देखने या भगाने में जुटते हैं. ग्रामीणों में हाथी को लेकर भयभीत तो हैं, लेकिन यहां हाथी लोगों से घुलमिल गया है. ऐसा ही एक दृश्य चाकुलिया के केरुकोचा बाजार में देखने को मिला.

ये भी पढ़ें- डॉ अजय के इस्तीफे पर बोले सांसद धीरज साहू, 'आलाकमान को फैसला लेना है आगे क्या करना है'

नहीं करता कोई नुकसान
हाथी बांसदा गांव की ओर से एनएच- 18 होते हुए केरुकोचा पहुंचा और दुकानों के सामने जाकर खड़ा हो गया. दुकानदारों ने चावल की बोरी निकाल दी, तो कुछ अन्य खाकर चलता बना.

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया वन क्षेत्र में कई माह से एक जंगली हाथी घूम रहा है. किसी का जानमाल पर नुकसान नहीं कर रहा, बल्कि खाने के लिए दर-दर भटक रहा है.

गांव में घूम रहा हाथी

एक महीने से घूम रहा हाथी
ग्रामीण हाथी देखने या भगाने में जुटते हैं. ग्रामीणों में हाथी को लेकर भयभीत तो हैं, लेकिन यहां हाथी लोगों से घुलमिल गया है. ऐसा ही एक दृश्य चाकुलिया के केरुकोचा बाजार में देखने को मिला.

ये भी पढ़ें- डॉ अजय के इस्तीफे पर बोले सांसद धीरज साहू, 'आलाकमान को फैसला लेना है आगे क्या करना है'

नहीं करता कोई नुकसान
हाथी बांसदा गांव की ओर से एनएच- 18 होते हुए केरुकोचा पहुंचा और दुकानों के सामने जाकर खड़ा हो गया. दुकानदारों ने चावल की बोरी निकाल दी, तो कुछ अन्य खाकर चलता बना.

Intro:Body:जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया वन क्षेत्र में कई माह से एक जंगली हाथी घूम रहा है । किसी का जानमाल पर नुकसान नही कर रहा, बल्कि खाने के लिए दर-दर भटक रहा है । ग्रामीण हाथी देखने या भगाने के जुटते है । ग्रामीणों में हाथी को लेकर भयभीत तो है । फिर भी हाथी लोगों से भय नही, घुलमिल गया है । आज ऐसी ही एक दृश्य चाकुलिया के केरुकोचा बाज़ार में देखने को मिला । जंगली हाथी बांसदा गांव की ओर से एनएच 18 होते हुए केरुकोचा पहूंचा और दुकानों के सामने जाकर खड़ा हो गया । दुकानदारों ने चावल की बोरी निकाल दी , तो कोई अन्य कुछ खाकर चलते बना ।
ऐसे में कहा जा रहा हाथी लोगों से घुलमिल गया है । हाथी मेरा साथी के तर्ज पर चल रहा है ।Conclusion:
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