हजारीबाग: साल 2012 में केंद्र सरकार द्वारा जिला में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना करने के लिए लगभग 68 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई. इस राशि से ट्रॉमा सेंटर के लिए भवन का निर्माण आवश्यक उपकरण खरीदारी, एंबुलेंस और कम्युनिकेशन की सुविधा लोगों को प्रदान किया जाना था.
तत्कालीन सांसद हजारीबाग के यशवंत सिन्हा ने 12 अगस्त 2012 में इसकी आधारशिला रखी और 2 साल बाद 18 जुलाई 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस भवन का उद्घाटन किया. इसके बाद कुछ सामान भी खरीदा गया, ताकि ट्रॉमा सेंटर चल सके. इसमें सिर्फ घायलों का प्रारंभिक उपचार किया जाता था और उन्हें रिम्स रेफर कर दिया जाता था. हजारीबाग ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं हुआ, लेकिन अब जिला प्रशासन और प्रबंधन समिति द्वारा ट्रामा सेंटर को अपग्रेड करने की कवायद तेज हो गई है.
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पिछले कई महीनों से सदर अस्पताल हजारीबाग विवादों में घिरा रहा है. सुविधा देने के मामले में फिसड्डी सदर अस्पताल अब दोबारा विश्वास जगाने का काम करने की कोशिश में लगा है. हजारीबाग में उत्साह के साथ ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन किया गया. अब सरकार और सदर अस्पताल प्रबंधन के प्रयास के बदौलत ट्रॉमा सेंटर को अपग्रेड करने की कोशिश की जा रही है. ताकि हजारीबाग समेत आसपास के जिलों के मरीजों को उत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराया जा सके.
प्रमंडलीय अस्पताल नया प्रतिमान गढ़ने का काम करने जा रहा है. पहले की अपेक्षा चमचमाते हुए भवन ही नहीं बल्कि आम लोगों के इलाज के लिए नई सुविधा भी बढ़ाई जा रही है. इसी कड़ी में आधुनिक x-ray मशीन, सीटी स्कैन मशीन लगाई जा रही है. यह मशीन अस्पताल में जांच की सुविधा मुहैया करा रहे हेल्थ मैप कंपनी लगा रही है. इसका इंस्टॉलेशन का काम भी जारी है.
कुछ दिनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा. फिर लोगों को इसकी सुविधा मिलने लगेगी. इसके साथ ही आईसीयू बनाया जा रहा है. वहीं, एक अत्याधुनिक ओटी चैंबर बनाया जा रहा है. जहां घायल मरीजों का इलाज किया जाएगा. यह तमाम सुविधा ट्रॉमा सेंटर के छत के नीचे देने की कवायद की जा रही है. इसके अलावा भी कई अन्य सुविधा सेंटर में आने वाले समय में देने का दावा किया जा रहा है.