हजारीबाग: नगर निगम के जनप्रतिनिधि और निगम प्रशासन की लड़ाई सड़क पर आ गई है. मेयर रोशनी तिर्की ने कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव और उपमहापौर राजकुमार लाल को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि आदिवासी महिला होने के कारण कार्यपालक पदाधिकारी उन पर दबाव बना रहे हैं और निगम में काम नहीं करने दे रहे हैं.
मेयर ने कहा कि राजकुमार लाल जो कि भारतीय जनता पार्टी के हैं और उपमहापौर हैं. वह भी अब सहायता नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड नगर निगम अधिनियम 2010 के तहत जो अधिकार मिला है, उसका उपमहापौर के दबाव में कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव उल्लंघन कर रहे हैं. रणनीति के तहत महापौर के पद पर काबिज होने के लिए इस तरह से नियम को अनदेखी कर कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि झारखंड नगर निगम अधिनियम 2011 के तहत जो अधिकार मिले हैं उसके तहत उन्होंने 28 फरवरी को बैठक रद्द कर दी. लेकिन उपमहापौर और कार्यपालक पदाधिकारी ने नियम का उल्लंघन कर सभापति का चयन किया. इस बाबत उन्होंने अपने विभाग के सचिव को भी खत लिखा है. खत के जरिए बताया गया है कि किस तरह से उनका भयारोपण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था, इस कारण उन्हें आम जनता के पास मीडिया के माध्यम से जाना पड़ा है.
उन्होंने कहा कि 550 करोड़ रुपए की बजट राशि, बोर्ड बैठक के द्वारा पास किया गया है, उसे निरस्त करने की बात कही है. उनका कहना है कि जिस तरह से बजट पास किया गया है वह नियम संगत नहीं है. उन्होंने हजारीबाग के विधायक और सांसद जयंत सिन्हा के पास भी अपनी बात रखने की बात कही.