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जनप्रतिनिधि और निगम प्रशासन के बीच 'घमासान', मेयर ने लगाए कई गंभीर आरोप

नगर निगम के जनप्रतिनिधि और निगम प्रशासन की लड़ाई सड़क पर आ गई है. मेयर रोशनी तिर्की ने कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव और उपमहापौर राजकुमार लाल को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि आदिवासी महिला होने के कारण कार्यपालक पदाधिकारी उन पर दबाव बना रहे हैं और निगम में काम नहीं करने दे रहे हैं.

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Published : Mar 4, 2019, 11:46 PM IST

हजारीबाग: नगर निगम के जनप्रतिनिधि और निगम प्रशासन की लड़ाई सड़क पर आ गई है. मेयर रोशनी तिर्की ने कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव और उपमहापौर राजकुमार लाल को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि आदिवासी महिला होने के कारण कार्यपालक पदाधिकारी उन पर दबाव बना रहे हैं और निगम में काम नहीं करने दे रहे हैं.

मेयर ने कहा कि राजकुमार लाल जो कि भारतीय जनता पार्टी के हैं और उपमहापौर हैं. वह भी अब सहायता नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड नगर निगम अधिनियम 2010 के तहत जो अधिकार मिला है, उसका उपमहापौर के दबाव में कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव उल्लंघन कर रहे हैं. रणनीति के तहत महापौर के पद पर काबिज होने के लिए इस तरह से नियम को अनदेखी कर कार्य किया जा रहा है.

देखें पूरी खबर.

उन्होंने कहा कि झारखंड नगर निगम अधिनियम 2011 के तहत जो अधिकार मिले हैं उसके तहत उन्होंने 28 फरवरी को बैठक रद्द कर दी. लेकिन उपमहापौर और कार्यपालक पदाधिकारी ने नियम का उल्लंघन कर सभापति का चयन किया. इस बाबत उन्होंने अपने विभाग के सचिव को भी खत लिखा है. खत के जरिए बताया गया है कि किस तरह से उनका भयारोपण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था, इस कारण उन्हें आम जनता के पास मीडिया के माध्यम से जाना पड़ा है.

उन्होंने कहा कि 550 करोड़ रुपए की बजट राशि, बोर्ड बैठक के द्वारा पास किया गया है, उसे निरस्त करने की बात कही है. उनका कहना है कि जिस तरह से बजट पास किया गया है वह नियम संगत नहीं है. उन्होंने हजारीबाग के विधायक और सांसद जयंत सिन्हा के पास भी अपनी बात रखने की बात कही.

हजारीबाग: नगर निगम के जनप्रतिनिधि और निगम प्रशासन की लड़ाई सड़क पर आ गई है. मेयर रोशनी तिर्की ने कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव और उपमहापौर राजकुमार लाल को कठघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि आदिवासी महिला होने के कारण कार्यपालक पदाधिकारी उन पर दबाव बना रहे हैं और निगम में काम नहीं करने दे रहे हैं.

मेयर ने कहा कि राजकुमार लाल जो कि भारतीय जनता पार्टी के हैं और उपमहापौर हैं. वह भी अब सहायता नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड नगर निगम अधिनियम 2010 के तहत जो अधिकार मिला है, उसका उपमहापौर के दबाव में कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव उल्लंघन कर रहे हैं. रणनीति के तहत महापौर के पद पर काबिज होने के लिए इस तरह से नियम को अनदेखी कर कार्य किया जा रहा है.

देखें पूरी खबर.

उन्होंने कहा कि झारखंड नगर निगम अधिनियम 2011 के तहत जो अधिकार मिले हैं उसके तहत उन्होंने 28 फरवरी को बैठक रद्द कर दी. लेकिन उपमहापौर और कार्यपालक पदाधिकारी ने नियम का उल्लंघन कर सभापति का चयन किया. इस बाबत उन्होंने अपने विभाग के सचिव को भी खत लिखा है. खत के जरिए बताया गया है कि किस तरह से उनका भयारोपण किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था, इस कारण उन्हें आम जनता के पास मीडिया के माध्यम से जाना पड़ा है.

उन्होंने कहा कि 550 करोड़ रुपए की बजट राशि, बोर्ड बैठक के द्वारा पास किया गया है, उसे निरस्त करने की बात कही है. उनका कहना है कि जिस तरह से बजट पास किया गया है वह नियम संगत नहीं है. उन्होंने हजारीबाग के विधायक और सांसद जयंत सिन्हा के पास भी अपनी बात रखने की बात कही.

Intro:हजारीबाग नगर निगम के जनप्रतिनिधि और निगम प्रशासन लड़ाई सड़क पर आ गई है। नगर निगम की मेयर रोशनी तिर्की ने कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव और उपमहापौर राजकुमार लाल को कटघरे में खड़ा कर दिया है ।महापौर हजारीबाग नगर निगम रोशनी तिर्की ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर अपनी बातों को साझा किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी महिला होने के कारण कार्यपालक पदाधिकारी उन पर दबाव बना रहे हैं और निगम में काम नहीं करने दे रहे हैं ।मेयर ने कहा कि राजकुमार लाल जो कि भारतीय जनता पार्टी के हैं और उप महापौर हैं वह भी अब सहायता नहीं कर रहे हैं।


Body:उन्होंने कहा कि झारखंड नगर निगम अधिनियम 2010 के तहत जो अधिकार मिला है उसका उपमहापौर के दबाव में कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव उल्लंघन कर रहे हैं। रणनीति के तहत महापौर के पद पर काबिज होने के लिए इस तरह से नियम को अनदेखी कर नियम विरुद्ध कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि झारखंड नगर निगम अधिनियम 2011 के तहत जो अधिकार मिले हैं उसके तहत उन्होंने 28 फरवरी को बैठक रद्द कर दिया। लेकिन उप महापौर और कार्यपालक पदाधिकारी ने नियम का उल्लंघन कर सभापति का चयन किया। इस बाबत उन्होंने अपने विभाग के सचिव को भी खत लिखा है। खत के जरिए बताया गया है कि किस तरह से उनका भया रोपण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पास कोई विकल्प नहीं था इस कारण उन्हें आम जनता के पास प्रेस के माध्यम से जाना पड़ा है।

रोशनी तिर्की ने नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 550 करोड रुपए की बजट राशि बोर्ड बैठक के द्वारा पास किया गया है उसे निरस्त करने की बात कही है ।उनका कहना है कि जिस तरह से बजट पास किया गया है वह नियम संगत नहीं है।

byte.... रोशनी तिर्की महापौर हजारीबाग नगर निगम


Conclusion:मेयर रोशनी तिर्की ने जिस तरह से नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी और उपमहापौर को कटघरे में खड़ा किया है यह कई सवाल खड़ा करते हैं, कि आखिर क्यों महिला के साथ इस तरह से व्यवहार किया जा रहा है। रोशनी तिर्की जो कि भारतीय जनता पार्टी से है वह अपनी बात हजारीबाग के विधायक और सांसद जयंत सिन्हा के पास भी रखेंगे, क्योंकि जयंत सिन्हा और मनीष जायसवाल दोनों भारतीय जनता पार्टी के हैं। ऐसे में देखना होगा कि अब किस तरह से अंतर्विरोध को खत्म किया जाता है।
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