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देश के अमन के लिए नन्हे रोजेदारों ने रखा रोजा, कहा- समाज की शांति तरक्की के लिए इबादत

रमजान रोजेदारों के लिए कड़ा इम्तिहान वाला है. चिलचिलाती धूप और गर्मी में रोजेदारों का बुरा हाल है. इसके बाद भी उनके हौसले पस्त नहीं है. ऐसे में नन्हे रोजेदार किसी से कम नहीं. हजारीबाग में नन्हे रोजेदार देश और समाज की शांति तरक्की के लिए इबादत कर रहे हैं.

नन्हे रोजेदारों का रोजा
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Published : Jun 3, 2019, 1:37 AM IST

हजारीबाग: मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना बेहद खास माना जाता है. इस महीने में समुदाय के लोग दिन भर भूखे प्यासे रहकर ऊपर वाले से अमन शांति तरक्की के लिए दुआ करते हैं. हजारीबाग में नन्हे रोजेदार भी देखे जा रहे हैं जो कम उम्र में भी इस चिलचिलाती गर्मी में रोजा रखकर इबादत कर रहे हैं. हजारीबाग के नन्हे रोजेदार देश के अमन के लिए दुआ कर रहे हैं.

नन्हे रोजेदारों का रोजा

रोजेदारों के लिए कड़ा इम्तिहान
इस बार रमजान रोजेदारों के लिए कड़ा इम्तिहान वाला है. चिलचिलाती धूप और गर्मी में रोजेदारों का बुरा हाल है. इसके बाद भी उनके हौसले पस्त नहीं है. ऐसे में नन्हे रोजेदार किसी से कम नहीं हैं, जो दिन भर भूख प्यास को कुर्बान कर शाम में इफ्तार कर रहे हैं.

शांति तरक्की के लिए इबादत
कहा जाए तो इफ्तार के बहाने समाज को एक सूत्र में बांधने का भी काम यह नन्हे रोजेदार कर रहे हैं. इनका कहना भी है कि देश और समाज की शांति तरक्की के लिए इबादत कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जब पति का इश्क चढ़ा परवान तो पत्नी ने दिया साथ, नाबालिग लड़की का किया अपहरण

रमजान एक पवित्र महीना
बच्चों का मानना है कि इस्लाम में रमजान एक पवित्र महीना है. रोजेदार के लिए झूठ बोलना- सुनना, गलत देखना, गलत रास्ते पर चलना बुरा माना गया है. इसी मान्यता को ध्यान में रखते हुए रोजा बच्चे रख रहे हैं.

हजारीबाग: मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना बेहद खास माना जाता है. इस महीने में समुदाय के लोग दिन भर भूखे प्यासे रहकर ऊपर वाले से अमन शांति तरक्की के लिए दुआ करते हैं. हजारीबाग में नन्हे रोजेदार भी देखे जा रहे हैं जो कम उम्र में भी इस चिलचिलाती गर्मी में रोजा रखकर इबादत कर रहे हैं. हजारीबाग के नन्हे रोजेदार देश के अमन के लिए दुआ कर रहे हैं.

नन्हे रोजेदारों का रोजा

रोजेदारों के लिए कड़ा इम्तिहान
इस बार रमजान रोजेदारों के लिए कड़ा इम्तिहान वाला है. चिलचिलाती धूप और गर्मी में रोजेदारों का बुरा हाल है. इसके बाद भी उनके हौसले पस्त नहीं है. ऐसे में नन्हे रोजेदार किसी से कम नहीं हैं, जो दिन भर भूख प्यास को कुर्बान कर शाम में इफ्तार कर रहे हैं.

शांति तरक्की के लिए इबादत
कहा जाए तो इफ्तार के बहाने समाज को एक सूत्र में बांधने का भी काम यह नन्हे रोजेदार कर रहे हैं. इनका कहना भी है कि देश और समाज की शांति तरक्की के लिए इबादत कर रहे हैं.

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रमजान एक पवित्र महीना
बच्चों का मानना है कि इस्लाम में रमजान एक पवित्र महीना है. रोजेदार के लिए झूठ बोलना- सुनना, गलत देखना, गलत रास्ते पर चलना बुरा माना गया है. इसी मान्यता को ध्यान में रखते हुए रोजा बच्चे रख रहे हैं.

Intro:मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना बेहद खास माना जाता है। इस महीने में समुदाय के लोग दिन भर भूखे प्यासे रहकर ऊपर वाले से अमन शांति तरक्की के लिए दुआ करते हैं। हजारीबाग में नन्हे रोजेदार भी देखे जा रहे हैं जो कम उम्र में भी इस चिलचिलाती गर्मी में रोजा रखकर इबादत कर रहे हैं। हजारीबाग के नन्हे रोजेदार देश के अमन के लिए दुआ कर रहे हैं।


Body:इस बार रमजान रोजेदारों के लिए कड़ा इम्तिहान वाला है। चिलचिलाती धूप व गर्मी में रोजेदारों का बुरा हाल है। इसके बाद भी उनके हौसले पस्त नहीं है। ऐसे में नन्हे रोजेदार किसी से कम नहीं है। जो दिन भर भूख प्यास को कुर्बान कर शाम में इफ्तार कर रहे हैं।

कहां जाए तो इफ्तार के बहाने समाज को एक सूत्र में बांधने का भी काम यह नन्हे रोजेदार कर रहे हैं ।इनका कहना भी है कि देश और समाज की शांति तरक्की के लिए इबादत कर रहे हैं।

बच्चों का मानना है कि इस्लाम में रमजान एक पवित्र महीना है। रोजेदार के लिए झूठ बोलना- सुनना, गलत देखना, गलत रास्ते पर चलना बुरा माना गया है ।इसी मान्यता को ध्यान में रखते हुए रोजा बच्चे रख रहे हैं ।बच्चों का कहना है कि रोजा रखने से जहां मन पवित्र होता है तो यह स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है ।

byte... शोयाब इमाम. सफेद दुपट्टा लिए हुए
byte.... मरीना इमामा काला दुपट्टा लिए हुए


Conclusion:जिस तरह से बच्चों ने कहा कि वह देश और समाज के तरक्की के लिए इबादत कर रहे हैं। यह एक परिवर्तन समाज का दिखाता है। हमें सीख लेने की भी आवश्यकता है इन छोटे नन्हे रोजेदारो से।
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