गिरीडीह: गरीबों के सरकारी लाभ पर डकैती होती रहती है. इस बार गिरिडीह में कुछ ऐसा ही हो रहा है. यहां सरकारी अस्पताल के बाहर मेडिकल की दुकान चल रही है. बड़ी बात है कि अस्पताल में दवा उपलब्ध रहने के बाद भी सहिया के द्वारा मरीजों के परिजनों को इसी बाहरी दुकान से दवा दिलवाया जा रहा है.
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सरकारी अस्पताल में अवैध दवाखाना
एक तरफ गिरिडीह में सरकारी अस्पताल में दवा की उपलब्धता का दावा किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ मरीजों को बाहर से दवा लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है. गिरिडीह का मातृ एवं शिशु इकाई में कुछ ऐसा ही खेल धड़ल्ले से चल रहा है. यहां भर्ती मरीजों को या फिर यहां चेकअप के लिए पहुंची महिलाओं को दवा इकाई के मुख्य द्वार पर संचालित अवैध मेडिकल दुकान से दवा खरीदना पड़ रहा है.
बिना साइन बोर्ड के चल रहा मेडिकल दुकान
दरअसल लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि मातृ एवं शिशु इकाई के ठीक बाहर एक कमरा है. जिसमें अवैध तौर पर दवा की खरीद बिक्री की जाती है. इतना ही नहीं जिन महिला मरीजों का अस्पताल में इलाज होता है. उन्हें लेकर सहिया अस्पताल से बाहर आ जाती हैं और इसी दुकान से दवा खरीदवाती है. इस शिकायत की पड़ताल की गई तो मामला सच निकला.
सहिया की मिलीभगत से अवैध कारोबार
बुधवार को चार-पांच मरीज के परिजनों का पुर्जा लेकर सहिया इस दुकान में पहुंची. यहां दवा खरीदा जा रहा था. जब इस मामले पर दवा लेने पहुंची महिलाओं से बात की गई तो बताया कि सहिया ने उन्हें बताया कि अस्पताल के अंदर अवस्थित दवा दुकान में उपर्युक्त दवाइयां नहीं है. सहिया ने ही उन्हें इस दुकान में भेजा है.
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सरकारी दुकान में उपलब्ध थी दवा
इधर जब दवा की उपलब्धता कि जानकारी अस्पताल में स्थित सरकारी दुकान से ली गई तो पता चला कि वहां सारी दवा मौजूद . यह भी बताया कि जो भी मरीज या उनके परिजन दवा लेने यहां आते हैं उन्हें दवा दी जाती है.
दुकानदार ने काटी कन्नी
दूसरी तरफ बाहर के सरकारी भवन में बाकायदा दरवाजा लगाकर दवा दुकान चला रहे दुकानदार से जानकारी मांगी गई तो वह कुछ बताने से परहेज करने लगा. इतना नहीं ऊंची पैरवी का हवाला भी दिया.
ड्रग इंस्पेक्टर ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
इस पूरे मामले पर ड्रग इंस्पेक्टर अरूप रतन शाहा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल के बाउंड्री के दीवार से सटे सरकारी भवन में अवैध तरीके से दवा दुकान का संचालन होने की जानकारी उन्हें नहीं थी. आज उन्हें जानकारी मिली है ऐसे में संबंधित दुकानदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी जाएगी.