गिरिडीह: रिम्स की डॉक्टर अदिति कश्यप के साथ गिरिडीह में हुए दुर्व्यवहार और उनके चालक के साथ मारपीट के मामले में गिरिडीह के एसपी ने कार्रवाई करते हुए दो जवानों को भले ही निलंबित कर दिया है, लेकिन इस मामले में रोज नई जानकारी सामने आ रही है. अब यह पता चल रहा है कि डॉ. अदिति ने घटना के बाद जो शिकायत की है और उसमें ओवरटेक करने वाले स्कार्पियो का नंबर डाला है वह नंबर दोपहिया वाहन का है.
जिस स्कार्पियो पर गिरिडीह पुलिस की क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) सवार थी. उस स्कार्पियो का नंबर फर्जी है. यह जानकारी सामने आने के बाद अभी पुलिस अधिकारी कुछ बता नहीं रहे हैं. दरअसल, सोमवार की रात को पुलिस के जिस स्कार्पियो वाहन (जेएच 11 के 2319) पर क्विक रिस्पांस टीम के अधिकारी और जवान सवार थे. उसके नंबर प्लेट पर लिखा हुआ वाहन का निबंधन नंबर स्कार्पियो का न होकर स्कूटी का निकला है.
नंबर की जांच जब एम परिवहन एप्प से की तो इस नम्बर का निबंधन स्कूटी के नाम का निकला. एप्प से यह बात भी सामने आयी कि उक्त निबंधन में स्कूटी का मालिक का नाम अतुल कुमार हेम्ब्रम है और वाहन का रजिस्ट्रेशन 29 जून 2013 को हुआ है. फिटनेश 22 मई 2028 तक वैलिड है. अब सवाल यह उठता है कि किस परिस्थिति में पुलिस के स्कार्पियो वाहन पर फर्जी नम्बर चढ़ाया गया था.
नक्सल अभियान में गए थे क्यूआरटी के जवान
घटना के बाद जब यह पड़ताल की गई की जिस स्कार्पियो वाहन ने डॉ. अदिति के वाहन का पीछा किया और कोलड़िहा के पास ओवरटेक करके डॉ. के टाटा नेक्सन वाहन (जेएच 15वी 1234) को रोका. उस पर सवार पुलिस के जवान नक्सल प्रभावित इलाके में सर्च अभियान में गए थे. इस अभियान से वापस लौटने के क्रम में इस घटना को अंजाम दिया गया. घटना सामने आने के बाद एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने जिन दो जवान राजेंद्र कुमार और कुमार वर्धराज भास्कर को निलंबित किया उनके साथ वाहन पर कौन अधिकारी थे यह साफ नहीं हो सका है.
डॉक्टर की शिकायत
बता दें कि घटना के बाद जो शिकायत डॉ. अदिति ने पुलिस के साथ-साथ सीएम से की है, उसमें पूरी घटना का विस्तृत जिक्र किया गया है. कहा है कि वह अपने टाटा नेक्सन वाहन पर सवार होकर रांची से देवघर जा रही थी. रास्ते में डुमरी बड़ा पुल के पास दो ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया और जाम की संभावना बन गयी. ऐसे में जाम से बचने के लिए उसके वाहन को चालक ने तेजी से निकाला. इसके बाद उसके वाहन के पीछे एक बलेनो और एक सफेद रंग की स्कार्पियो आने लगी. स्कार्पियो ने उसके वाहन का पीछा शुरू कर दिया.
डाक्टर ने कहा कि उनके वाहन के चालक ने स्कॉर्पियो को पास दिया तो स्कॉर्पियो के शीशे को नीचे उतारकर उस पर सवार लोगों ने कहा कि 'रोकता क्यूं नहीं है रोक' इससे वाहन का चालक नर्वस हो गया और अपने वाहन की रफ्तार को बढ़ा दिया. जब वाहन शहर के नजदीक पहुंच गया तो ड्राइवर ने वाहन की रफ्तार को कम कर दिया. इस बीच वही स्कार्पियो पहुंची और उसके वाहन को रोका गया.
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स्कॉर्पियो से 12-13 लोग उतरे, जिनके पास एके-47 राइफल था. जवानों ने उसके चालक के साथ मारपीट की और जब उसने कारण पूछा तो उसे चुप रहने को कहा गया. उसे धक्का दिया गया और दुर्व्यवहार भी किया गया.
सीएम ने त्वरित कार्यवाई का दिया था निर्देश
बता दें कि पीड़िता ने ट्विटर से इस मामले की जानकारी सीएम हेमंत को दी थी, जिसके बाद सीएम ने तुरंत ही कार्रवाई करने का निर्देश पुलिस को दिया था.