हजारीबाग: बिरसा कृषकों के समग्र विकास एवं ज्ञानवर्धन पर शनिवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) गोरिया करमा, बरही, हजारीबाग में प्रमंडल स्तरीय किसान मेला सह प्रदर्शनी कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की शामिल हुईं.
यह स्टॉल किसान भाईयों के लिए हैं: शिल्पी नेहा
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषि विभाग की योजनाओं से किसानों को अवगत कराना है. किसान वर्ग को अन्नदाता कहा जाता है. झारखंड की जमीन उन्नत होने के बाद भी जानकारी के अभाव में यहां के किसान खुद को स्थापित नहीं कर पाए है. इस कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं के स्टॉल लगाए गए हैं, जो विशेष रूप से किसान भाइयों के लिए है. उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल हुए कृषकों की अच्छी तादाद को देखकर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि आप सभी एक जागरूक एवं तत्पर किसान है. इसलिए आप सभी इस कार्यक्रम में दूर दराज से कुछ जानने और समझने आए हैं.
किसानों को समय के साथ अद्यतन करने की जरूरत: मंत्री
खेती और कृषि अपने आप में एक बहुत बड़ा क्षेत्र है. झारखंड जैसे राज्य के लिए एग्रीकल्चर एक महत्वपूर्ण विषय है. झारखंड की 80% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है. ये लोग खेती-बाड़ी के माध्यम से ही अपना जीवन यापन करते हैं. उन्होंने बताया कि झारखंड में पारंपरिक खेती से किसान अपने 90 प्रतिशत खेतों पर केवल धान उगाते हैं. जबकि अन्य राज्यों में आधुनिक तकनीक से बहुआयामी खेती कर उन्नत हो रहे हैं. कृषि मंत्री ने समय के साथ किसानों को अपने कार्य प्रणाली को भी अद्यतन करने को कहा.
लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण
मौके पर उप विकास आयुक्त इश्तियाक अहमद ने कहा कि गोरिया करमा में आयोजित यह कार्यक्रम किसान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. नई तकनीक, नए आयाम इस कार्यक्रम में समाहित है. उन्होंने किसान भाइयों से इसका भरपूर लाभ उठाने को कहा. इस दौरान कृषि मंत्री ने मत्स्य विभाग अंतर्गत 3808700 रुपए की राशि की लागत से 142 लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण किया. इस कार्यक्रम में मंत्री कृषि एवं पशुपालन शिल्पी नेहा तिर्की ने किसान समृद्धि योजना मार्गदर्शिका नामक पुस्तक का विमोचन किया, जिसमें आधुनिक कृषि व सही तकनीक के सारे महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई गई है. इसके माध्यम से किसान खेती के हर बारीकियों को समझ कर उन्नत हो सकते हैं.