दुमकाः एक तरफ जहां पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून पर हंगामा हो रहा है. वहीं, समाज का एक ऐसा तबका है जो इस कानून के आने से राहत की सांस ले रहा है. दरअसल, इस कानून के अनुसार 1971 से पहले मुस्लिम बहुल देश से आकर भारत में रह रहे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को अब नागरिकता दी जानी है, जिससे उनमें खुशी की लहर है.
इस मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने दुमका जिले में रह रहे बांग्लादेशी परिवार से बातचीत की. इस दौरान बांग्लादेशी परिवार ने बताया कि इस कानून से उन जैसे सैकड़ों परिवारों ने राहत की सांस ली है.
इस मुद्दे पर दुमका सांसद सुनील सोरेन ने इस परिवार से मुलाकात की. इस दौरान सांसद ने इस परिवार को नागरिकता संशोधन कानून के बारे में विस्तृत जानकारी दी. बाद में पत्रकारों से बातचीत में सुनील सोरेन ने कहा कि यह कानून देश और समाज हित में लाया गया है.
वहीं, बांग्लादेश से आकर निवास कर रहे इस परिवार के मुखिया विनोद सिंघानिया ने कहा कि पूर्ण रूप से नागरिकता नहीं होने के दंभ को उन्होंने झेला है, इसलिए इस कानून के आने से वो काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि वो भारत सरकार के प्रति शुक्रगुजार हैं.