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देवघर में आग पर काबू पाना संभव नहीं, पानी की किल्लत से परेशान अग्निशमन विभाग

देवघर में अग्निशमन विभाग पानी कि किल्ल्त से परेशान है, उनका कहना है कि भीषण गर्मी में पानी न होने से अगलगी के किसी बड़े हादसे को रोकने में वे असमर्थ हैं.

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Published : May 28, 2019, 3:34 AM IST

दमकल विभाग का वाहन

मधुपुर/देवघर: मधुपुर अनुमंडल बनने के 25 साल बाद भी यहां अग्निशमन का कार्यालय अब तक नहीं बन पाया है. यूं कहे तो अनुमंडल क्षेत्र में आग पर बुझाने के लिए महज एक अग्निशमन का दमकल वाहन मधुपुर के नगर परिषद में रहता है. अब तक न तो विभाग का कार्यालय खुला है और ना ही दमकल की गाड़ियां बढ़ाई गई है.

जानकारी देते कर्मचारी

मधुपुर नगर परिषद में अग्निशमन टीम के तीन कर्मी नगर परिषद के मेहरबानी पर एक कमरे में रहते हैं. इस कमरे में ही तीनों कर्मी पूरे अनुमंडल क्षेत्र में आग पर काबू पाने के लिए तैनात हैं. अब तक ना तो इनके पास विभाग का कार्यालय है और ना ही दमकल में पानी भरने की कोई व्यवस्था, जबकि टीम द्वारा मधुपुर अनुमंडल के मार्गो मुंडा, करों, सारठ सहित पालोजोरी तक आग बुझाने के लिए जाते हैं जो मधुपुर से करीब 40 से 50 किलोमीटर दूरी पर है. ऐसे में आग लगने की सूचना जब तक दमकल टीम को मिलेगा और घटना स्थल पर पहुंचेगी तब तक शायद ही आग पर काबू पाया जा सकेगा.

इतना ही नहीं विभाग के पास पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण जहां तहां से पानी की व्यवस्था कर्मी करते हैं. कर्मियों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में आग लगने पर कम समय में पहुंच जाते हैं. लेकिन दूर-दराज आग लगने पर पहुंचने में काफी समय लगता है, मधुपुर शहर दो भागों में बांटा है दूसरे भाग में जाने के लिए अग्निशमन टीम को करीब 7 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ता है. अग्निशमन के कर्मी पानी के किल्लत से भी जूझ रहे हैं कर्मियों का कहना है कि पानी के लिए क्षेत्र में नदी, तालाब सूख चुके हैं ऐसे में पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सूरत जैसी घटना होने पर उनके पास व्यवस्था है जिससे काबू पाया जा सकता है लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर बड़ा हादसा शहर दूसरे भाग में हो जाए तो आग पर काबू पाना संभव ही नहीं.

मधुपुर/देवघर: मधुपुर अनुमंडल बनने के 25 साल बाद भी यहां अग्निशमन का कार्यालय अब तक नहीं बन पाया है. यूं कहे तो अनुमंडल क्षेत्र में आग पर बुझाने के लिए महज एक अग्निशमन का दमकल वाहन मधुपुर के नगर परिषद में रहता है. अब तक न तो विभाग का कार्यालय खुला है और ना ही दमकल की गाड़ियां बढ़ाई गई है.

जानकारी देते कर्मचारी

मधुपुर नगर परिषद में अग्निशमन टीम के तीन कर्मी नगर परिषद के मेहरबानी पर एक कमरे में रहते हैं. इस कमरे में ही तीनों कर्मी पूरे अनुमंडल क्षेत्र में आग पर काबू पाने के लिए तैनात हैं. अब तक ना तो इनके पास विभाग का कार्यालय है और ना ही दमकल में पानी भरने की कोई व्यवस्था, जबकि टीम द्वारा मधुपुर अनुमंडल के मार्गो मुंडा, करों, सारठ सहित पालोजोरी तक आग बुझाने के लिए जाते हैं जो मधुपुर से करीब 40 से 50 किलोमीटर दूरी पर है. ऐसे में आग लगने की सूचना जब तक दमकल टीम को मिलेगा और घटना स्थल पर पहुंचेगी तब तक शायद ही आग पर काबू पाया जा सकेगा.

इतना ही नहीं विभाग के पास पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण जहां तहां से पानी की व्यवस्था कर्मी करते हैं. कर्मियों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में आग लगने पर कम समय में पहुंच जाते हैं. लेकिन दूर-दराज आग लगने पर पहुंचने में काफी समय लगता है, मधुपुर शहर दो भागों में बांटा है दूसरे भाग में जाने के लिए अग्निशमन टीम को करीब 7 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ता है. अग्निशमन के कर्मी पानी के किल्लत से भी जूझ रहे हैं कर्मियों का कहना है कि पानी के लिए क्षेत्र में नदी, तालाब सूख चुके हैं ऐसे में पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सूरत जैसी घटना होने पर उनके पास व्यवस्था है जिससे काबू पाया जा सकता है लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर बड़ा हादसा शहर दूसरे भाग में हो जाए तो आग पर काबू पाना संभव ही नहीं.

Intro:अग्निशमन टीम पानी की किल्लत से हैं परेशानBody:देवघर/मधुपुर मधुपुर अनुमंडल बनने के 25 साल बाद भी यहां अग्निशमन का कार्यालय अब तक नहीं बना है यूं कहे तो अनुमंडल क्षेत्र में आग पर बुझाने के लिए महज एक अग्निशमन का दमकल वाहन मधुपुर के नगर परिषद में रहता है अब तक न तो विभाग का कार्यालय खुला है और ना ही दमकल की गाड़ियां बढ़ाई गई है मधुपुर नगर परिषद में अग्निशमन टीम के तीन कर्मी नगर परिषद के मेहरबानी पर एक कमरे में रहते हैं इस कमरे में ही तीनों कर्मी पूरे अनुमंडल क्षेत्र में आग पर काबू पाने के लिए तैनात है अब तक ना तो इनके पास विभाग का कार्यालय है और ना ही दमकल में पानी भरने की कोई व्यवस्था,जबकि टीम द्वारा मधुपुर अनुमंडल के मार्गो मुंडा, करों, सारठ सहीत पालोजोरी तक आग बुझाने के लिए जाते हैं जो मधुपुर से करीब 40 से 50 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित है ऐसे में आग लगने की सूचना जब तक दमकल टीम को मिलेगा और घटना स्थल पर पहुंचेगी तब तक शायद ही आग पर काबू पाया जा सकेगा है इतना ही नहीं विभाग के पास पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण जहां तहां से पानी की व्यवस्था कर्मी करते हैं कर्मियों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में आग लगने पर कम समय में पहुंच जाते हैं लेकिन दूरदराज आग लगने पर पहुंचने में काफी समय लगता है मधुपुर शहर दो भागों में बांटा है दूसरे भाग में जाने के लिए अग्निशमन टीम को करीब 7 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ता है कारण दूसरे भाग में जाने के वाहन का रास्ता नहीं है ऐसे में जब तक अग्निशमन टीम पहुंचेगी तब तक हादसा पर काबू नहीं पाया जा सकता है। इतना ही नहीं अग्निशमन के कर्मी पानी के किल्लत से भी जूझ रहे हैं कर्मियों का कहना है कि पानी के लिए क्षेत्र में नदी तालाब सूख चुके हैं ऐसे में पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सूरत जैसी घटना होने पर उनके पास व्यवस्था है जिससे काबू पाया जा सकता है लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर बड़ी हादसा शहर दूसरे भाग में हो जाए तो आग पर काबू पाना संभव ही नहीं बल्कि मुश्किल है देखना यह होगा कि अनुमंडल क्षेत्र के लिए अग्निशमन टीम का कार्यालय कब तक बन पाता है।
अजीत आनंद,मधुपुरConclusion:बरहाल समस्या का समाधान विभाग के अपने कार्यालय खुलने के बाद ही संभव हो सकता है
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