ETV Bharat / city

चाईबासा में शीतला माता के दरबार में पहुंचे श्रद्धालु, भक्ति भाव से की मां की पूजा

चाईबासा में शीतला माता का भव्य श्रृंगार किया गया. मारवाड़ी समुदाय की ओर से भक्ति भाव के साथ हर साल शीतला माता की पूजा की जाती है. इस मौके पर मंदिर समिति और पुलिस प्रशासन ने सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का अनुपालन करवाया गया.

author img

By

Published : Apr 5, 2021, 1:46 PM IST

Marwari community worships Sheetla Mata in Chaibasa
चाईबासा में मारवाड़ी समुदाय ने की शीतला माता की पूजा

चाईबासा: सोमवार को शीतला माता का भव्य श्रृंगार किया गया. चाईबासा शहर में भक्ति भाव के साथ हर साल शीतला माता की पूजा मारवाड़ी समुदाय करता आ रहा है. सूर्योदय से पहले ही मंदिर में कतार लगाकर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना प्रारंभ किया और माता शीतला से अपने परिवार और समाज के लिए कामना की.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- जल संकटः हाथी के दांत साबित हो रहे रामगढ़ के चुंबा में बने जल मीनार, दर-दर भटक रहे ग्रामीण

पूजा की खासियत

शीतला माता की पूजा में ठंडा खाना खाने की परंपरा है. होली से ठीक 8 दिन बाद माता शीतला की विशेष पूजा मारवाड़ी समुदाय की ओर से की जाती है. इसमें 1 दिन पहले तरह-तरह के पकवान बनाकर रख लिए जाते हैं और अगली सुबह मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करने के बाद उस भोजन का सेवन दिनभर किया जाता है. इसे मारवाड़ी भाषा में बासीड़ा भी कहते हैं. मुख्य रूप से इसमें बाजरे की रोटी, मीठा भात, बाजरा और बाजरे से बनी रबड़ी माता शीतला को चढ़ाया जाता है.

माता से ये कामना की जाती है कि जिस तरह वो शीतल हैं, उसी तरह सभी के जीवन में भी शीतलता बनी रहे. इस मौके पर मंदिर समिति और पुलिस प्रशासन ने सरकार की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन का पालन किया.

चाईबासा: सोमवार को शीतला माता का भव्य श्रृंगार किया गया. चाईबासा शहर में भक्ति भाव के साथ हर साल शीतला माता की पूजा मारवाड़ी समुदाय करता आ रहा है. सूर्योदय से पहले ही मंदिर में कतार लगाकर श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना प्रारंभ किया और माता शीतला से अपने परिवार और समाज के लिए कामना की.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- जल संकटः हाथी के दांत साबित हो रहे रामगढ़ के चुंबा में बने जल मीनार, दर-दर भटक रहे ग्रामीण

पूजा की खासियत

शीतला माता की पूजा में ठंडा खाना खाने की परंपरा है. होली से ठीक 8 दिन बाद माता शीतला की विशेष पूजा मारवाड़ी समुदाय की ओर से की जाती है. इसमें 1 दिन पहले तरह-तरह के पकवान बनाकर रख लिए जाते हैं और अगली सुबह मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करने के बाद उस भोजन का सेवन दिनभर किया जाता है. इसे मारवाड़ी भाषा में बासीड़ा भी कहते हैं. मुख्य रूप से इसमें बाजरे की रोटी, मीठा भात, बाजरा और बाजरे से बनी रबड़ी माता शीतला को चढ़ाया जाता है.

माता से ये कामना की जाती है कि जिस तरह वो शीतल हैं, उसी तरह सभी के जीवन में भी शीतलता बनी रहे. इस मौके पर मंदिर समिति और पुलिस प्रशासन ने सरकार की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन का पालन किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.