ETV Bharat / briefs

चौधरी के सांसद बनने के बाद सुदेश के लिए खुले विकल्प, बन सकते हैं मंत्री - सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी

2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के रामगढ़ से विधायक और राज्य सरकार के जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद बनने के बाद राज्य सरकार की कैबिनेट में एक बर्थ खाली हो जाएगी. इस बारे में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी स्पष्ट कर दिया है कि आजसू कोटे की यह 'मिनिस्टीरियल बर्थ' उसी दल के जनप्रतिनिधि से भरी जाएगी. हालांकि, पार्टी के दो विधायक भी इसके लिए अहर्ता रखते हैं, लेकिन पार्टी सुप्रीमो ने अपने विकल्प खुले रखे हैं.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट
author img

By

Published : May 28, 2019, 1:22 PM IST

रांची: प्रदेश की सिल्ली विधानसभा सीट पर दो बार करारी हार के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो सत्ता गलियारे में अपनी मौजूदगी के लिए विकल्प तलाश रहे हैं. महतो 2000 से लेकर 2009 तक सिल्ली से तीन बार विधायक भी रहे हैं. वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव और 2018 में हुए उसी सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा के अमित महतो और बाद में उनकी पत्नी सीमा महतो ने शिकस्त दी थी.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट


लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी के विधायक और राज्य में मंत्री सीपी चौधरी के गिरिडीह से सांसद चुने जाने के बाद सुदेश महतो के पास एक अच्छा विकल्प नजर आ रहा है. इस पर पार्टी के अंदर खाने जमकर मंथन हो रहा है. हालांकि, इस मामले में अभी तक आजसू पार्टी ने किसी तरह का सिग्नल नहीं दिया है, लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो आजसू सुप्रीमो वापस सत्ता के गलियारे में लौटने का मन बना रहे हैं.


चौधरी बन गए सांसद
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के रामगढ़ से विधायक और राज्य सरकार के जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद बनने के बाद राज्य सरकार की कैबिनेट में एक बर्थ खाली हो जाएगी. इस बारे में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी स्पष्ट कर दिया है कि आजसू कोटे की यह 'मिनिस्टीरियल बर्थ' उसी दल के जनप्रतिनिधि से भरी जाएगी. हालांकि, पार्टी के दो विधायक भी इसके लिए अहर्ता रखते हैं, लेकिन पार्टी सुप्रीमो ने अपने विकल्प खुले रखे हैं.

आजसू के 4 विधायक
2014 में आजसू पार्टी से सीपी चौधरी समेत चार विधायक चुनकर झारखंड विधानसभा पहुंचे उनमें से एक चंद्र प्रकाश चौधरी सांसद बन गए हैं, जबकि एक अन्य तमाड़ से विधायक विकास मुंडा को पार्टी ने सस्पेंड कर रखा है. बाकी दो विधायक टुंडी से राजकिशोर महतो और जुगसलाई से रामचंद्र सहिस झारखंड विधानसभा के सदस्य हैं. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार बिना विधायक बने कोई भी व्यक्ति मंत्री पद पर रह सकता है. बशर्ते 6 महीने के अंदर उसे सदन का सदस्य होना होगा.


सुदेश महतो बन सकते हैं मंत्री
आजसू पार्टी के अंदर इस बात को भी लेकर मंथन चल रहा है कि चूंकि चौधरी के सांसद बन जाने से यह बर्थ खाली हो रही है तो ऐसे में महतो को वहां एक एकोमोडेट किया जाए. पार्टी सूत्रों की माने तो महतो दो बार लागतार शिकस्त झेल चुके हैं इसलिए मंत्री पद पर आने के बाद उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ेगा. हालांकि, पार्टी इस पर किसी तरह की ऑफिशियल टिप्पणी करने से परहेज कर रही है. आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत की मानें तो इन सब पर निर्णय पार्टी आलाकमान लेगा. पार्टी के अंदर सहिस के नाम पर भी थोड़ी सहमति बनती दिख रही है, लेकिन अभी तक इस बारे में किसी तरह की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

रांची: प्रदेश की सिल्ली विधानसभा सीट पर दो बार करारी हार के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो सत्ता गलियारे में अपनी मौजूदगी के लिए विकल्प तलाश रहे हैं. महतो 2000 से लेकर 2009 तक सिल्ली से तीन बार विधायक भी रहे हैं. वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव और 2018 में हुए उसी सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा के अमित महतो और बाद में उनकी पत्नी सीमा महतो ने शिकस्त दी थी.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट


लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी के विधायक और राज्य में मंत्री सीपी चौधरी के गिरिडीह से सांसद चुने जाने के बाद सुदेश महतो के पास एक अच्छा विकल्प नजर आ रहा है. इस पर पार्टी के अंदर खाने जमकर मंथन हो रहा है. हालांकि, इस मामले में अभी तक आजसू पार्टी ने किसी तरह का सिग्नल नहीं दिया है, लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो आजसू सुप्रीमो वापस सत्ता के गलियारे में लौटने का मन बना रहे हैं.


चौधरी बन गए सांसद
दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के रामगढ़ से विधायक और राज्य सरकार के जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद बनने के बाद राज्य सरकार की कैबिनेट में एक बर्थ खाली हो जाएगी. इस बारे में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी स्पष्ट कर दिया है कि आजसू कोटे की यह 'मिनिस्टीरियल बर्थ' उसी दल के जनप्रतिनिधि से भरी जाएगी. हालांकि, पार्टी के दो विधायक भी इसके लिए अहर्ता रखते हैं, लेकिन पार्टी सुप्रीमो ने अपने विकल्प खुले रखे हैं.

आजसू के 4 विधायक
2014 में आजसू पार्टी से सीपी चौधरी समेत चार विधायक चुनकर झारखंड विधानसभा पहुंचे उनमें से एक चंद्र प्रकाश चौधरी सांसद बन गए हैं, जबकि एक अन्य तमाड़ से विधायक विकास मुंडा को पार्टी ने सस्पेंड कर रखा है. बाकी दो विधायक टुंडी से राजकिशोर महतो और जुगसलाई से रामचंद्र सहिस झारखंड विधानसभा के सदस्य हैं. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार बिना विधायक बने कोई भी व्यक्ति मंत्री पद पर रह सकता है. बशर्ते 6 महीने के अंदर उसे सदन का सदस्य होना होगा.


सुदेश महतो बन सकते हैं मंत्री
आजसू पार्टी के अंदर इस बात को भी लेकर मंथन चल रहा है कि चूंकि चौधरी के सांसद बन जाने से यह बर्थ खाली हो रही है तो ऐसे में महतो को वहां एक एकोमोडेट किया जाए. पार्टी सूत्रों की माने तो महतो दो बार लागतार शिकस्त झेल चुके हैं इसलिए मंत्री पद पर आने के बाद उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ेगा. हालांकि, पार्टी इस पर किसी तरह की ऑफिशियल टिप्पणी करने से परहेज कर रही है. आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत की मानें तो इन सब पर निर्णय पार्टी आलाकमान लेगा. पार्टी के अंदर सहिस के नाम पर भी थोड़ी सहमति बनती दिख रही है, लेकिन अभी तक इस बारे में किसी तरह की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

Intro:रांची। प्रदेश की सिल्ली विधानसभा सीट पर दो बार करारी हार के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो सत्ता के गलियारे में अपनी मौजूदगी के लिए विकल्प तलाश रहे हैं। महतो 2000 से लेकर 2009 तक सिल्ली से तीन बार विधायक भी रहे हैं। वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव और 2018 में हुए उसी सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा के अमित महतो और बाद में उनकी पत्नी सीमा महतो ने शिकस्त दी थी। लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी के विधायक और राज्य में मंत्री सीपी चौधरी के गिरिडीह से सांसद चुने जाने के बाद सुदेश महतो के पास एक अच्छा विकल्प नजर आ रहा है। इस पर पार्टी के अंदर खाने जमकर मंथन हो रहा है। हालांकि इस मामले में अभी तक आजसू पार्टी ने किसी तरह का सिग्नल नहीं दिया है लेकिन पार्टी सूत्रों की माने तो आप सो सुप्रीमो वापस सत्ता के गलियारे में लौटने का मन बना रहे हैं।


Body:दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के रामगढ़ से विधायक और राज्य सरकार के जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद बनने के बाद राज्य सरकार की कैबिनेट में एक बर्थ खाली हो जाएगी। इस बाबत मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी स्पष्ट कर दिया है कि आजसू कोटे कि यह 'मिनिस्टीरियल बर्थ' उसी दल के जनप्रतिनिधि से भरी जाएगी। हालांकि पार्टी के दो विधायक भी इसके लिए अहर्ता रखते हैं लेकिन पार्टी सुप्रीमो ने अपने विकल्प खुले रखे हैं।
2014 में आजसू पार्टी से सीपी चौधरी समेत चार विधायक चुनकर झारखंड विधानसभा पहुंचे उनमें से एक चौधरी सांसद बन गए हैं जबकि एक अन्य तमाड़ से विधायक विकास मुंडा को पार्टी ने सस्पेंड कर रखा है। जबकि बाकी दो विधायक टुंडी से राजकिशोर महतो और जुगसलाई से रामचंद्र सहित झारखंड विधानसभा के सदस्य हैं।


Conclusion:संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार बिना विधायक बने कोई भी व्यक्ति मंत्री पद पर रह सकता है बशर्ते 6 महीने के अंदर उसे सदन का सदस्य होना होगा। आजसू पार्टी के अंदर इस बात को भी लेकर मंथन चल रहा है कि चूंकि चौधरी के सांसद बन जाने से यह बर्थ खाली हो रही है तो ऐसे में महतो को वहां एक एकोमोडेट किया जाए। पार्टी सूत्रों की माने तो महतो दो बार लागतार शिकस्त झेल चुके हैं इसलिए मंत्री पद पर आने के बाद उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ेगा।
हालांकि पार्टी इस पर किसी तरह की ऑफिशियल टिप्पणी करने से परहेज कर रही है। आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत की माने तो इन सब पर निर्णय पार्टी आलाकमान लेगा। हालांकि पार्टी के अंदर सहिस के नाम पर भी थोड़ी सहमति बनती दिख रही है लेकिन अभी तक इस बाबत किसी तरह की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.