रांची: झारखंड में लगातार पुलिस के अभियान के बावजूद कई ऐसे लोकसभा क्षेत्र हैं, जहां नक्सलियों का प्रभाव अभी भी बना हुआ है. लोकसभा चुनाव के समय उन इलाकों में नक्सली पुलिस को चुनौती दे सकते हैं. खासकर संताल के इलाके में नक्सली अपनी पैठ जमाने में लगे हुए हैं.
स्पेशल ब्रांच की सूचना के अनुसार पलामू, दुमका, चतरा, धनबाद, गिरिडीह और खूंटी में नक्सली चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं. इन लोकसभा क्षेत्रों में नक्सली चुनाव प्रचार और चुनाव को प्रभावित करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
चतरा में संदीप का दस्ता कर रहा है कैंप
25 लाख के इनामी सहायक सदस्य संदीप यादव का दस्ता इन दिनों चतरा इलाके में कैंप कर रहा है. बेहद आक्रामक तरीके से काम करने वाला यह दस्ता चुनाव में किसी पार्टी विशेष के पक्ष में मतदान को प्रभावित कर सकता है. इस दस्ते के खिलाफ चतरा पुलिस ने हाल में लगातार अभियान चलाया है, लेकिन संदीप के दस्ते और पुलिस के बीच अभी तक आमने-सामने की मुठभेड़ नहीं हुई है. स्पेशल ब्रांच को मिली जानकारी के अनुसार, नक्सली भले ही चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर रहे हैं, लेकिन वे जातिगत समीकरणों के आधार पर किसी न किसी दल को सहयोग करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
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इलाके में माओवादी का प्रभाव
एक वक्त था जब चतरा नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों का सबसे सुरक्षित इलाका माना जाता था, लेकिन टीपीसी का प्रभाव पड़ने की वजह से इस इलाके में माओवादी लगातार कमजोर होते चले गए. लेकिन एनआईए की दबिश और पुलिस के एनकाउंटर में टीपीसी के कई बड़े नक्सलियों के मारे जाने के बाद अब इस इलाके में माओवादियों ने दोबारा अपनी पकड़ कायम कर ली है. यही वजह है कि इस बार चतरा में चुनाव के दौरान नक्सलियों की धमक दिखाई दे सकती है. वहीं चतरा से सटे पलामू में भी नक्सलियों का दस्ता मौजूद है जो चुनाव को प्रभावित करने की रणनीति पर काम कर रहा है.
धनबाद में भी मौजूद है दस्ता
देश की कोयला राजधानी धनबाद के टुंडी और तोपचांची में भी कुख्यात नक्सलियों का दस्ता सक्रिय हो चला है. इस दस्ते के द्वारा चुनाव कार्य को प्रभावित करने संबंधी अलर्ट स्पेशल ब्रांच के द्वारा पुलिस मुख्यालय को दिया गया है. वहीं गिरिडीह के पारसनाथ में भी बिहार से आया नक्सलियों का दस्ता मौजूद है. हालांकि, इन दोनों ही जगहों पर पुलिस ने नक्सलियों की घेराबंदी करके रखा हुआ है ताकि यह किसी भी तरह से चुनाव कार्य को प्रभावित न कर पाए.
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खूंटी में पीएलएफआई का प्रभाव
पिछले विधानसभा चुनाव में खूंटी में पीएलएफआई ने भाजपा और दूसरी पार्टियों के प्रचार वाहनों को निशाना बनाया था. इस लोकसभा चुनाव में भी सिमडेगा और खूंटी में पीएलएफआई द्वारा चुनाव कार्य को प्रभावित करने की आशंका जाहिर की गई है. गौरतलब है कि खूंटी, सिमडेगा और गुमला में पीएलएफआई का अच्छा खासा प्रभाव है.
संताल में पीरटांड़ से आए दस्ते ने डाला डेरा
पलामू, बोकारो, गिरिडीह, चतरा, गढ़वा, लातेहार और खूंटी में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस के जोरदार अभियान की वजह से साल 2019 की शुरुआत से लेकर अब तक पुलिस ने 15 नक्सलियों को इनकाउंटर में मार गिराया है. इन इलाकों में कमजोर पड़ने की वजह से नक्सलियों ने संताल को अपना नया कार्यक्षेत्र बना लिया है. झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान एमएलमीणा के अनुसार गिरिडीह के पीरटांड़ से कुछ बड़े नक्सली संताल में कैंप कर रहे हैं. वहां वे अपने कुनबे को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.
सबकी जानकारी है- एडीजी
झारखंड पुलिस के एडीजी अभियान एमएल मीणा के अनुसार कौन-कौन से बड़े नक्सली सक्रिय हैं, उनका नाम लेकर मुख्यालय उनका महिमामंडन नहीं करना चाहता है, लेकिन सभी पुलिस के टारगेट पर हैं. वह कभी भी एनकाउंटर में मारे जा सकते हैं. जब तक वह बचे हुए हैं उनकी किस्मत है.
पुलिस को विशेष ट्रेनिंग
लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सली मतदान को प्रभावित करने के लिए अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस मुख्यालय उनके खिलाफ बड़े अभियान की तैयारी में लगा हुआ है. फिलहाल पुलिस मुख्यालय झारखंड के सभी 14 लोकसभा सीटों पर सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर माथापच्ची कर रहा है. हालांकि पुलिस नक्सलियों से निपटने को लेकर अपनी तैयारी भी मुकम्मल करने में लगी हुई है, लेकिन इतना तय की पलामू, दुमका, चतरा, धनबाद, गिरिडीह और खूंटी में नक्सली चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं.