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जान से खिलवाड़, मरीज गोद में और कुर्सी स्ट्रेचर पर ऐसी है PMCH की व्यवस्था - अस्पताल की बदहाली

धनबाद से सटे कई जिलों की गर्भवती महिलाएं धनबाद के पीएमसीएच अस्पताल पहुंचती हैं, लेकिन गंभीर मरीजों के लिए भी वाहन से गायनी वार्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं है. ऐसा नहीं है कि अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं है. स्ट्रेचर तो है लेकिन उसका इस्तेमाल सामानों को ढोने के लिए किया जाता है.

देखिए स्पेशल स्टोरी
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Published : Jul 1, 2019, 1:09 PM IST

धनबाद: जिले का पीएमसीएच अस्पताल अपनी कुव्यवस्था को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहा है. सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद अस्पताल की व्यवस्था में सुधार होता नहीं नजर आता. धनबाद से सटे कई जिलों की गर्भवती महिलाएं अस्पताल पहुंचती हैं, लेकिन गंभीर मरीजों के लिए भी वाहन से गायनी वार्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं है. ऐसा नहीं है कि अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं है. स्ट्रेचर तो है लेकिन उसका इस्तेमाल सामानों को ढोने के लिए किया जाता है.

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गिरिडीह जिले से महिला मरीज को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए पीएमसीएच अस्पताल लाया गया है. महिला की हालत बेहद खराब है. वह चल पाने में भी असमर्थ है. वार्ड तक मरीज को ले जाने के लिए परिजनों द्वारा गायनी विभाग में स्ट्रेचर के लिए काफी दौड़ भाग की गई, लेकिन स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं हो सकी अंततः मरीज के पिता उसे अपने गोद में उठाकर वार्ड तक ले गए.


स्ट्रेचर से सामानों की ढुलाई
मरीज के लिए भले ही स्ट्रेचर न हो, लेकिन अस्पताल में सामानों को ढोने के लिए स्ट्रेचर जरूर है. जिन स्ट्रेचरों का उपयोग मरीजों को वार्ड तक ले जाने के लिए होना चाहिए था. उन स्ट्रेचरों पर चेयर ढोने का काम किया जा रहा है. दरअसल गिरिडीह जिले के तरन्नुम परवीन का प्रसव घर में कराया गया था. प्रसव के बाद बच्चे की मौत हो गई. आनन-फानन में परिजनों द्वारा उसे गंभीर अवस्था मे इलाज के लिए पीएमसीएच लाया गया.


स्ट्रेचर की कमी को की जाएगी दूर
वहीं इस मामले पर पीएमसीएच अधीक्षक डॉक्टर एचके सिंह सफाई देते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि स्ट्रेचर सामान ढोने के लिए नहीं है. कभी-कभार ऐसा हुआ होगा कि स्ट्रेचर पर समान ढोया गया होगा, लेकिन यदि गायनी विभाग में स्ट्रेचर नहीं है तो विभागाध्यक्ष से बात कर स्ट्रेचर की कमी को दूर की जाएगी. बहरहाल, मरीजों को आगे स्ट्रेचर मिल पाएगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन स्ट्रेचर की सुविधा मरीजों को न देकर उन पर सामानों को ढोना मरीज की जान से खिलवाड़ करने के बराबर है.

धनबाद: जिले का पीएमसीएच अस्पताल अपनी कुव्यवस्था को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहा है. सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद अस्पताल की व्यवस्था में सुधार होता नहीं नजर आता. धनबाद से सटे कई जिलों की गर्भवती महिलाएं अस्पताल पहुंचती हैं, लेकिन गंभीर मरीजों के लिए भी वाहन से गायनी वार्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं है. ऐसा नहीं है कि अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं है. स्ट्रेचर तो है लेकिन उसका इस्तेमाल सामानों को ढोने के लिए किया जाता है.

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गिरिडीह जिले से महिला मरीज को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए पीएमसीएच अस्पताल लाया गया है. महिला की हालत बेहद खराब है. वह चल पाने में भी असमर्थ है. वार्ड तक मरीज को ले जाने के लिए परिजनों द्वारा गायनी विभाग में स्ट्रेचर के लिए काफी दौड़ भाग की गई, लेकिन स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं हो सकी अंततः मरीज के पिता उसे अपने गोद में उठाकर वार्ड तक ले गए.


स्ट्रेचर से सामानों की ढुलाई
मरीज के लिए भले ही स्ट्रेचर न हो, लेकिन अस्पताल में सामानों को ढोने के लिए स्ट्रेचर जरूर है. जिन स्ट्रेचरों का उपयोग मरीजों को वार्ड तक ले जाने के लिए होना चाहिए था. उन स्ट्रेचरों पर चेयर ढोने का काम किया जा रहा है. दरअसल गिरिडीह जिले के तरन्नुम परवीन का प्रसव घर में कराया गया था. प्रसव के बाद बच्चे की मौत हो गई. आनन-फानन में परिजनों द्वारा उसे गंभीर अवस्था मे इलाज के लिए पीएमसीएच लाया गया.


स्ट्रेचर की कमी को की जाएगी दूर
वहीं इस मामले पर पीएमसीएच अधीक्षक डॉक्टर एचके सिंह सफाई देते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि स्ट्रेचर सामान ढोने के लिए नहीं है. कभी-कभार ऐसा हुआ होगा कि स्ट्रेचर पर समान ढोया गया होगा, लेकिन यदि गायनी विभाग में स्ट्रेचर नहीं है तो विभागाध्यक्ष से बात कर स्ट्रेचर की कमी को दूर की जाएगी. बहरहाल, मरीजों को आगे स्ट्रेचर मिल पाएगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन स्ट्रेचर की सुविधा मरीजों को न देकर उन पर सामानों को ढोना मरीज की जान से खिलवाड़ करने के बराबर है.

Intro:धनबाद। जिले का पीएमसीएच अस्पताल अपनी कुव्यवस्था को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहा है। सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद अस्पताल की व्यवस्था में सुधार होता नहीं नजर आता। धनबाद से सटे कई जिलों की गर्भवती महिलाएं अस्पताल पहुंचती हैं।लेकिन गंभीर मरीजों के लिए भी वाहन से गायनी वार्ड तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं है। ऐसा नहीं है कि अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं है। स्ट्रेचर तो है लेकिन उसका इस्तेमाल सामानों को ढोने के लिए किया जा जाता है।


Body:जरा गौर से देखिए इन तस्वीरों को। यह तस्वीर है पीएमसीएच अस्पताल की। गिरिडीह जिले से महिला मरीज को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए पीएमसीएच अस्पताल लाया गया है। महिला की हालत बेहद खराब है। वह चल पाने में भी असमर्थ है। वार्ड तक मरीज को ले जाने के लिए परिजनों द्वारा गायनी विभाग में स्ट्रेचर के लिए काफी दौड़ भाग की गई।लेकिन स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं हो सकी।अंततः मरीज के पिता उसे अपने गोद में उठाकर वार्ड तक ले गए।

अब जरा इस तस्वीर को भी देखिए मरीज के लिए भले ही स्ट्रेचर न हो लेकिन अस्पताल में सामानों को ढोने के लिए स्ट्रेचर जरूर है।जिन स्ट्रेचरों का उपयोग मरीजों को वार्ड तक ले जाने के लिए होना चाहिए था। उन स्ट्रेचरों पर चेयर ढोने का काम किया जा रहा है।


दरअसल गिरिडीह जिले के तरन्नुम परवीन का प्रसव घर में कराया गया था।प्रसव के बाद बच्चे की मौत हो गई। आनन-फानन में परिजनों द्वारा उसे गंभीर अवस्था मे इलाज के लिए पीएमसीएच लाया गया।

BYTE_ABDUL KUDDUS,MARIAJ KA PITAA

वहीं इस मामले पर पीएमसीएच अधीक्षक डॉक्टर एचके सिंह सफाई देते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि स्ट्रेचर सामान ढोने के लिए नहीं है। कभी-कभार ऐसा हुआ होगा कि स्ट्रेचर पर समान ढोया गया होगा। लेकिन यदि गायनी विभाग में स्ट्रेचर नहीं है तो विभागाध्यक्ष से बात कर स्ट्रेचर की कमी को दूर की जाएगी।

BYTE_DR HK SINGH, ADHIKSHAK,PMCH


Conclusion:बहरहाल, मरीजों को आगे स्ट्रेचर मिल पाएगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन स्ट्रेचर की सुविधा मरीजों को ना देकर उन पर सामानों को ढोना मरीज की जान से खिलवाड़ करने के बराबर है।

नरेंद्र कुमार ईटीवी भारत धनबाद
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