नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज विश्व जल दिवस के अवसर पर 'कैच द रेन' यानी 'वर्षा जल संचय अभियान' का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शुभारंभ किया. इसका उद्देश्य लोगों की भागीदारी के माध्यम से जमीनी स्तर पर जल संरक्षण करना है. इस अभियान को पूरे देश में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आज से यानि 22 मार्च से 30 नवंबर तक प्री-मानसून और मानसून अवधि के दौरान लागू किया जाएगा.
इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में पानी की समस्या के समाधान के लिए 'कैच द रैन' की शुरुआत के साथ ही केन बेतवा लिंक नहर के लिए भी बहुत बड़ा कदम उठाया गया है. उन्होंने कहा कि अटल जी ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों के हित में जो सपना देखा था, उसे साकार करने के लिए ये समझौता अहम है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम जब तेज़ विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो ये जल सुरक्षा के बिना, प्रभावी जल प्रबंधन के बिना संभव ही नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत के विकास का विजन, भारत की आत्मनिर्भरता का विजन, हमारे जल स्रोतों पर निर्भर है, हमारी वाटर कनेक्टिविटी पर निर्भर है.
उन्होंने केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हो या हर खेत को पानी अभियान, पर ड्रॉप मोर क्रॉप अभियान हो या नमामि गंगे मिशन, सभी योजनाओं पर काम हो रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन हो या अटल भूजल योजना सभी पर तेजी से काम हो रहा है. उन्होंने कहा कि भारत वर्षा जल का जितना बेहतर प्रबंधन करेगा उतना ही भूगर्भ जल पर देश की निर्भरता कम होगी. उन्होंने कहा कि 'Catch the Rain' जैसे अभियान चलाए जाने और सफल होने बहुत जरूरी हैं.
वर्षा जल संचय अभियान देशभर में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चलाया जाएगा और इसका नारा होगा, 'जहां भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें'. आज से शुरू होकर यह अभियान 30 नवबंर तक मानसून पूर्व और मानसून के दौरान लागू किया जाएगा. लोगों के सहयोग से गांव-गांव में यह जन आंदोलन चलाया जाएगा, ताकि बारिश के पानी का उपयुक्त भंडारण सुनिश्चित हो और भूजल स्तर बेहतर बने.
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प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री दोपहर 12.30 बजे इस अभियान की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करेंगे.