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आंध्र प्रदेश: जालसाज ने कपड़ा उद्योग लगाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों को ठगा - ANDHRA PRADESH FRAUD

धोखेबाज ने स्थानीय लोगों को यह कहकर जाल में फंसाया कि उसे उद्योग स्थापित करने के लिए ट्रैक्टरों की जरूरत है.

Etv BharFraudster Dupes Over 100 People with Fake Garment Industry Promiseat
आंध्र प्रदेश में कपड़ा उद्योग लगाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों से ठगी का मामला (प्रतीकात्मक फोटो) (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 19, 2025, 1:58 PM IST

धर्मावरम: ताड़ीमार्री और बट्टालपल्ली इलाके में लोगों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. एक जालसाज ने गारमेंट उद्योग स्थापित करने का झूठा दावा करके 100 से अधिक लोगों को ठगा. उसने सुनहरे अवसरों और साझेदारी का वादा करके भोले-भाले लोगों से लाखों रुपए ऐंठ लिया.

घोटाले का खुलासा

धोखेबाज ने ताड़ीमार्री मंडल के पतरापल्ली गांव के स्थानीय लोगों को यह कहकर जाल में फंसाया कि उसे उद्योग स्थापित करने के लिए ट्रैक्टरों की जरूरत है. उसने हर ट्रैक्टर के लिए 40,000 रुपये प्रति महीने किराए का वादा किया. बाद में उसने और अधिक भरोसा जीतने के लिए ट्रैक्टर मालिकों से उद्योग स्थापित करने के लिए 12,500 रुपये पहले ही देने को कहा. कई लोगों ने बिना सोचे-समझे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर दिए, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उनके फोन बंद हो गए.

प्रत्येक पीड़ित से एक लाख रुपये से अधिक की ठगी

लोगों का कहना है कि तड़ीमर्री और बट्टालपल्ली मंडल के 100 से अधिक पीड़ित इस जाल में फंसे हैं. इनमें से प्रत्येक व्यक्ति ने एक लाख से दो लाख रुपये तक की ठगी की. तड़ीमर्री के पीड़ित भरत और संजीव रेड्डी ने एक -एक लाख रुपये गंवाए की बात कही. वहीं, बट्टालपल्ली के रमेश ने 2 लाख रुपये ठगे जाने की बात कही.

शातिर ठग ने संदेह से बचने के लिए लेन-देन के लिए अपने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल नहीं किया. इसके बजाय उसने पीड़ितों को फोनपे के जरिए अपने परिचितों से जुड़े खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए. सामाजिक कलंक के डर से कुछ पीड़ित चुप रहे, जिससे पता चलता है कि प्रभावित लोगों की वास्तविक संख्या और भी अधिक हो सकती है.

विश्वास जीतने के लिए फर्जी लैंड एग्रीमेंट

असली दिखने के लिए जालसाज ने फर्जी लैंड एग्रीमेंट बनाए. इन एग्रीमेंट को दिखाकर उसने गायब होने से पहले पीड़ितों को अपनी वैधता का भरोसा दिलाया.

पिछला अपराध

जांचकर्ताओं को संदेह है कि जालसाज 2021 में पेनुकोंडा में 2.5 करोड़ रुपये के इसी तरह के घोटाले में शामिल था, जिसके लिए किआ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था.

पीड़ितों ने अपनी बात रखी

पीड़ित भरत, रमेश ने कहा, 'भविष्य की उम्मीद में हमने उस पर भरोसा किया और पैसे भेजे. जब उसने जवाब देना बंद कर दिया, तभी हमें एहसास हुआ कि हमारे साथ धोखा हुआ है. अधिकतर पीड़ित किसान हैं और हम पुलिस से कार्रवाई करने का आग्रह किया.'

पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया

धर्मावरम के डीएसपी हेमंत कुमार ने कहा, 'हम सभी पीड़ितों की शिकायत की जांच करेंगे और धोखेबाज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. लोगों को ऐसे घोटालों से सावधान रहना चाहिए, खासकर ऐसे घोटालों से जो उद्योग, आसान लोन या उच्च किराया भुगतान का वादा करते हैं.' अधिकारी ने लोगों से वित्तीय लेन-देन करने से पहले दावों की अच्छी तरह से जांच करने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह किया.

ये भी पढ़ें-कानून की धज्जियां उड़ाकर जंगल की जमीन पर पूर्व मंत्री का कब्जा ! - USURPING FOREST LAND

धर्मावरम: ताड़ीमार्री और बट्टालपल्ली इलाके में लोगों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. एक जालसाज ने गारमेंट उद्योग स्थापित करने का झूठा दावा करके 100 से अधिक लोगों को ठगा. उसने सुनहरे अवसरों और साझेदारी का वादा करके भोले-भाले लोगों से लाखों रुपए ऐंठ लिया.

घोटाले का खुलासा

धोखेबाज ने ताड़ीमार्री मंडल के पतरापल्ली गांव के स्थानीय लोगों को यह कहकर जाल में फंसाया कि उसे उद्योग स्थापित करने के लिए ट्रैक्टरों की जरूरत है. उसने हर ट्रैक्टर के लिए 40,000 रुपये प्रति महीने किराए का वादा किया. बाद में उसने और अधिक भरोसा जीतने के लिए ट्रैक्टर मालिकों से उद्योग स्थापित करने के लिए 12,500 रुपये पहले ही देने को कहा. कई लोगों ने बिना सोचे-समझे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर दिए, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उनके फोन बंद हो गए.

प्रत्येक पीड़ित से एक लाख रुपये से अधिक की ठगी

लोगों का कहना है कि तड़ीमर्री और बट्टालपल्ली मंडल के 100 से अधिक पीड़ित इस जाल में फंसे हैं. इनमें से प्रत्येक व्यक्ति ने एक लाख से दो लाख रुपये तक की ठगी की. तड़ीमर्री के पीड़ित भरत और संजीव रेड्डी ने एक -एक लाख रुपये गंवाए की बात कही. वहीं, बट्टालपल्ली के रमेश ने 2 लाख रुपये ठगे जाने की बात कही.

शातिर ठग ने संदेह से बचने के लिए लेन-देन के लिए अपने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल नहीं किया. इसके बजाय उसने पीड़ितों को फोनपे के जरिए अपने परिचितों से जुड़े खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए. सामाजिक कलंक के डर से कुछ पीड़ित चुप रहे, जिससे पता चलता है कि प्रभावित लोगों की वास्तविक संख्या और भी अधिक हो सकती है.

विश्वास जीतने के लिए फर्जी लैंड एग्रीमेंट

असली दिखने के लिए जालसाज ने फर्जी लैंड एग्रीमेंट बनाए. इन एग्रीमेंट को दिखाकर उसने गायब होने से पहले पीड़ितों को अपनी वैधता का भरोसा दिलाया.

पिछला अपराध

जांचकर्ताओं को संदेह है कि जालसाज 2021 में पेनुकोंडा में 2.5 करोड़ रुपये के इसी तरह के घोटाले में शामिल था, जिसके लिए किआ पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था.

पीड़ितों ने अपनी बात रखी

पीड़ित भरत, रमेश ने कहा, 'भविष्य की उम्मीद में हमने उस पर भरोसा किया और पैसे भेजे. जब उसने जवाब देना बंद कर दिया, तभी हमें एहसास हुआ कि हमारे साथ धोखा हुआ है. अधिकतर पीड़ित किसान हैं और हम पुलिस से कार्रवाई करने का आग्रह किया.'

पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया

धर्मावरम के डीएसपी हेमंत कुमार ने कहा, 'हम सभी पीड़ितों की शिकायत की जांच करेंगे और धोखेबाज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे. लोगों को ऐसे घोटालों से सावधान रहना चाहिए, खासकर ऐसे घोटालों से जो उद्योग, आसान लोन या उच्च किराया भुगतान का वादा करते हैं.' अधिकारी ने लोगों से वित्तीय लेन-देन करने से पहले दावों की अच्छी तरह से जांच करने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह किया.

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