हैदराबाद : इंटरनेट और मोबाइल के इस युग में युवा किताबों से दूर होते जा रहे है. ऐसे में लोगों को किताबों से जोड़ने का सराहनीय काम कर रहे हैं आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के रेड्डी रमन, जिन्होंने अपनी बाइक को ही लाइब्रेरी बना दिया है. जगह-जगह घूमकर लोगों को किताबें पढ़ने को दे रहे हैं. उनके इस काम में कुछ लोगआर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं.
2005 से फैला रहे शिक्षा का प्रकाश
प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाने वाले रेड्डी आशा सेवा संस्थान भी चलाते हैं, 2005 से वह लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं. उनका कहना है बुजुर्गों का कहना था कि 'पुस्तक हाथ में एक आभूषण है', लेकिन आज के समय में युवा मोबाइल के जाल में उलझे हैं. मोबाइल युवाओं के लिए नशा बनता जा रहा है. ऐसे में उनको किताबों के माध्यम से जोड़ना जरूरी है.