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मांगों को लेकर ल्यूमिनस उद्योग के कामगारों का फूटा गुस्सा, प्रबंधन के खिलाफ सड़कों पर उतरे वर्कर्स - protest

अपनी मांगों को लेकर ल्यूमिनस उद्योग के कामगारों का उद्योग प्रबंधन और श्रम विभाग के खिलाफ एक बार फिर से गुस्सा फूट पड़ा है. उद्योग के हजारों कामगारों ने ट्रेड यूनियन सीटू के बैनर तले सोमवार को उद्योग प्रबंधन के खिलाफ सड़कों पर उतरे. ल्यूमिनस वर्कर यूनियन गगरेट के प्रधान मनोज कुमार की अध्यक्षता में रोष प्रदर्शन किया.

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Published : Mar 25, 2019, 7:27 PM IST

ऊनाः अपनी मांगों को लेकर ल्यूमिनस उद्योग के कामगारों का उद्योग प्रबंधन और श्रम विभाग के खिलाफ एक बार फिर से गुस्सा फूट पड़ा है. उद्योग के हजारों कामगारों ने ट्रेड यूनियन सीटू के बैनर तले सोमवार को उद्योग प्रबंधन के खिलाफ सड़कों पर उतर पड़े. ल्यूमिनस वर्कर यूनियन गगरेट के प्रधान मनोज कुमार की अध्यक्षता में रोष प्रदर्शन किया गया.

workers protest
रामलीला मैदान में वर्करों का प्रदर्शन

कामगारों ने मांगों के समर्थन में रामलीला मैदान से विशाल जुलूस निकालकर अंब बाजार से होते हुए श्रम निरीक्षक कार्यलय और एसडीएम कार्यालय अंब में रोष प्रदर्शन किया. यहां कामगारों को संबोधित करते हुए सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर सिंह ने कहा कि ल्यूमिनस उद्योग प्रबंधन अपनी ओछी हरकतें करना बंद कर दें. उन्होंने कहा कि प्रबंधन जिस तरह से कामगारों का शोषण कर रहा है, यह बिल्कुल गलत है.

उन्होंने श्रम निरीक्षक व श्रम विभाग को चेताया कि यूनियन का पंजीकरण करवाने के लिए पुरजोर तरीके से संघर्ष किया जाएगा. कामगारों के प्रति श्रम विभाग के प्रति नाकारात्मक रवैय से वह स्तब्ध है. यूनियन के गठन को लेकर कामगारों ने श्रम विभाग का दरवाजा खटखटाया, लेकिन श्रम विभाग कामगारों की इस मांग को तवज्जो नहीं दे रहा.

वहीं, कामगारों को संबोधित करते हुए अन्य वक्ताओं ने कहा कि कामगारों का उद्योग में उत्पीड़न किया जा रहा है. यूनियन के नेताओं ने जब उद्योग प्रबंधन से श्रम कानूनों को लागू करने की मांग उठाई तो प्रबंधन ने इन कामगारों को तमिलनाडु बदली कर दिया. उद्योग प्रबंधन ने कामगारों के ऊपर बाहरी गुंडातत्वों से जानलेवा हमले भी करवाए और इसके बाद भी पुलिस प्रशासन ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की.

रामलीला मैदान में वर्करों का प्रदर्शन

ये हैं कामगारों के आरोप व मांगें

ल्यूमिनस वर्कर यूनियन गगरेट की मांग है कि उद्योग के प्लाटों 1,2,3,4 और 5 के कामगारों की यूनियनों के पंजीकरण के संबंध में सभी दस्तावेज करीब एक वर्ष से श्रम निरीक्षक अंब के कार्यालय में लंबित पड़े हैं. कामगारों का आरोप है कि श्रम निरीक्षक अंब ल्यूमिनस उद्योग प्रबंधन के साथ सांठगांठ के कारण पंजीकरण के दस्तावेज पंजीकरण के लिए श्रमायुक्त शिमला के कार्यालय नहीं भेज रहा है.

उद्योग प्रबंधन ने इस दौरान कामगारों को प्रताड़ित व गैरकानूनी दंडात्मक कार्रवाई शुरू कर दी. कामगारों ने एसडीएम से मांग उठाई कि वह ल्यूमिनस वर्कर यूनियन के पंजीकरण को लेकर कामगारों द्वारा किए जा रहे इस रोष से सरकार को अवगत करवाएं, ताकि ल्यूमिनस उद्योग में कार्यरत कामगारों की यूनियन का पंजीकरण किया जा सके.


वहीं कामगारों का आरोप है कि श्रम निरीक्षक अंब ल्यूमिनस उद्योग प्रबंधन के साथ सांठगांठ के कारण पंजीकरण के दस्तावेज पंजीकरण के लिए श्रमायुक्त शिमला के कार्यालय में नहीं भेज रहा है, जिस कारण यहां वर्करों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया है.

ऊनाः अपनी मांगों को लेकर ल्यूमिनस उद्योग के कामगारों का उद्योग प्रबंधन और श्रम विभाग के खिलाफ एक बार फिर से गुस्सा फूट पड़ा है. उद्योग के हजारों कामगारों ने ट्रेड यूनियन सीटू के बैनर तले सोमवार को उद्योग प्रबंधन के खिलाफ सड़कों पर उतर पड़े. ल्यूमिनस वर्कर यूनियन गगरेट के प्रधान मनोज कुमार की अध्यक्षता में रोष प्रदर्शन किया गया.

workers protest
रामलीला मैदान में वर्करों का प्रदर्शन

कामगारों ने मांगों के समर्थन में रामलीला मैदान से विशाल जुलूस निकालकर अंब बाजार से होते हुए श्रम निरीक्षक कार्यलय और एसडीएम कार्यालय अंब में रोष प्रदर्शन किया. यहां कामगारों को संबोधित करते हुए सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर सिंह ने कहा कि ल्यूमिनस उद्योग प्रबंधन अपनी ओछी हरकतें करना बंद कर दें. उन्होंने कहा कि प्रबंधन जिस तरह से कामगारों का शोषण कर रहा है, यह बिल्कुल गलत है.

उन्होंने श्रम निरीक्षक व श्रम विभाग को चेताया कि यूनियन का पंजीकरण करवाने के लिए पुरजोर तरीके से संघर्ष किया जाएगा. कामगारों के प्रति श्रम विभाग के प्रति नाकारात्मक रवैय से वह स्तब्ध है. यूनियन के गठन को लेकर कामगारों ने श्रम विभाग का दरवाजा खटखटाया, लेकिन श्रम विभाग कामगारों की इस मांग को तवज्जो नहीं दे रहा.

वहीं, कामगारों को संबोधित करते हुए अन्य वक्ताओं ने कहा कि कामगारों का उद्योग में उत्पीड़न किया जा रहा है. यूनियन के नेताओं ने जब उद्योग प्रबंधन से श्रम कानूनों को लागू करने की मांग उठाई तो प्रबंधन ने इन कामगारों को तमिलनाडु बदली कर दिया. उद्योग प्रबंधन ने कामगारों के ऊपर बाहरी गुंडातत्वों से जानलेवा हमले भी करवाए और इसके बाद भी पुलिस प्रशासन ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की.

रामलीला मैदान में वर्करों का प्रदर्शन

ये हैं कामगारों के आरोप व मांगें

ल्यूमिनस वर्कर यूनियन गगरेट की मांग है कि उद्योग के प्लाटों 1,2,3,4 और 5 के कामगारों की यूनियनों के पंजीकरण के संबंध में सभी दस्तावेज करीब एक वर्ष से श्रम निरीक्षक अंब के कार्यालय में लंबित पड़े हैं. कामगारों का आरोप है कि श्रम निरीक्षक अंब ल्यूमिनस उद्योग प्रबंधन के साथ सांठगांठ के कारण पंजीकरण के दस्तावेज पंजीकरण के लिए श्रमायुक्त शिमला के कार्यालय नहीं भेज रहा है.

उद्योग प्रबंधन ने इस दौरान कामगारों को प्रताड़ित व गैरकानूनी दंडात्मक कार्रवाई शुरू कर दी. कामगारों ने एसडीएम से मांग उठाई कि वह ल्यूमिनस वर्कर यूनियन के पंजीकरण को लेकर कामगारों द्वारा किए जा रहे इस रोष से सरकार को अवगत करवाएं, ताकि ल्यूमिनस उद्योग में कार्यरत कामगारों की यूनियन का पंजीकरण किया जा सके.


वहीं कामगारों का आरोप है कि श्रम निरीक्षक अंब ल्यूमिनस उद्योग प्रबंधन के साथ सांठगांठ के कारण पंजीकरण के दस्तावेज पंजीकरण के लिए श्रमायुक्त शिमला के कार्यालय में नहीं भेज रहा है, जिस कारण यहां वर्करों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया है.

ऊना
अपनी मांगों को लेकर ल्यूमिनस उद्योग के कामगारों का फूटा गुस्सा, ट्रेड यूनियन सीटू के बैनर तले उद्योग प्रबंधन के खिलाफ उतरे सड़कों पर, एसडीएम कार्यालय अम्ब में किया धरना प्रदर्शन।

 अपनी मांगों को लेकर ल्यूमिनस उधोग  के कामगारों का उद्योग प्रबंधन और श्रम विभाग के खिलाफ एक बार फिर से गुस्सा फूट पड़ा है। उद्योग के हजारों कामगारों ने ट्रेड यूनियन सीटू के बैनर तले सोमवार को उद्योग प्रबंधन के खिलाफ सड़कों पर उतर पड़े। ल्यूमिनस वर्कर यूनियन गगरेट के प्रधान मनोज कुमार की अध्यक्षता में रोष प्रदर्शन किया गया।
कामगारों ने मांगों के समर्थन में रामलीला मैदान से विशाल जुलुस निकालकर अम्ब बाजार से होते हुए श्रम निरीक्षक कार्यलय और एसडीएम कार्यलय अम्ब में रोष प्रदर्शन किया। यहां कामगारों को संबोधित करते हुए सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ. कश्मीर सिंह ने कहा कि ल्यूमिनस उद्योग प्रबंधन अपनी ओछी हरकतें करना बंद कर दें। कहा कि प्रबंधन जिस तरह से कामगारों का शोषण कर रहा है यह बिलकुल गलत है। उन्होंने श्रम निरीक्षक व श्रम विभाग को चेताया कि यूनियन का पंजीकरण करवाने के लिए पुरजोर तरीके से संघर्ष किया जाएगा। कामगारों के प्रति श्रम विभाग के प्रति नकारात्मक रवैय से वह स्तब्ध है। यूनियन के गठन को लेकर कामगारों ने श्रम विभाग का दरवाजा खटखटाया लेकिन श्रम विभाग कामगारों की इस मांग को तवज्जो नही दे रहा है। 

वहीं, कामगारों को संबोधित करते हुए अन्य वक्ताओं ने कहा कि कामगारों का उद्योग में उत्पीड़न किया जा रहा है। यूनियन के नेताओं ने जब उद्योग प्रबंधन से श्रम कानूनों को लागू करने की मांग उठाई तो प्रबंधन ने इन कामगारों को तमिलनाडु वदली कर दिया। उद्योग प्रबंधन ने कामगारों के ऊपर वाहरी गुंडातत्वों से जानलेवा हमले भी करवाए और इसके बाद भी पुलिस प्रशासन ने उन पर कोई कार्यवाही नहीं की।

ये हैं कामगारों के आरोप व मांगे
ल्यूमिनस वर्कर यूनियन गगरेट की मांग है कि उद्योग के प्लाटों 1,2,3,4 और 5 के कामगारों की यूनियनों के पंजीकरण के संबंध में सभी दस्तावेज़ करीब एक वर्ष से श्रम निरीक्षक अम्ब के कार्यलय में लंबित पड़े हैं। कामगारों का आरोप है कि श्रम निरीक्षक अम्ब ल्यूमिनस उद्योग प्रबंधन के साथ सांठगांठ के कारण पंजीकरण के दस्तावेज़ पंजीकरण के लिए श्रमायुक्त शिमला के कार्यलय ने नही भेज रहा है। उद्योग प्रबंधन ने इस दौरान कामगारों को प्रताड़ित व गैरकानूनी दंडात्मक कार्यवाहियां शुरू कर दीं। कामगारों ने एसडीएम से मांग उठाई कि वह ल्यूमिनस वर्कर यूनियन के पंजीकरण को लेकर कामगारों द्वारा किए जा रहे इस रोष सरकार को अवगत करवाएं। ताकि ल्यूमिनस उद्योग में कार्यरत कामगारों की यूनियन का पंजीकरण किया जा सके।
 
बाइट-- मनोज कुमार ( जिला प्रधान, ल्यूमिनस वर्कर यूनियन)
         ROSH  PRADERSHAN -1

 वहीं कामगारों का आरोप है कि श्रम निरीक्षक अम्ब ल्यूमिनस उद्योग प्रबंधन के साथ सांठगांठ के कारण पंजीकरण के दस्तावेज़ पंजीकरण के लिए श्रमायुक्त शिमला के कार्यलय ने नही भेज रहा है। जिस कारण यहां वर्करों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया है।

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