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देवभूमि में मानवता की मिसाल पेश कर रही ये समाजसेवी संस्था, लोगों के लिए बन रही प्रेरणा का स्रोत

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Published : Sep 28, 2019, 4:53 PM IST

ऊना की एक समाजसेवी संस्था आज के समय में मानवता की बेहतरीन मिसाल पेश कर रही है. संस्था लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर हिन्दू रीति रिवाजों के साथ हरिद्वार में उनकी अस्थियों का विसर्जन भी करती है.

समाजसेवी संस्था के कार्यकर्ता

ऊना: ऊना की एक समाजसेवी संस्था जनहित मोर्चा मानवता की बेहतरीन मिसाल बनती जा रही है. संस्था के कार्यकर्ता लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं. जिसके बाद अस्थियों को हिन्दू रीति रिवाजों के साथ हरिद्वार में विसर्जित किया जाता है.

बता दें कि ऊना जनहित मोर्चा के कार्यकर्ता लगातार समाजसेवा के साथ-साथ ऊना के लोगों की आवाज सरकार और प्रशासन के समक्ष उठाने का काम कर रहे हैं. यह समाजसेवी संस्था पिछले करीब कई सालों से ऊना स्वर्गधाम में आने वाले लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रही है. संस्था के कार्यकर्ता अंतिम संस्कार के बाद इनकी अस्थियों को हिन्दू रीति रिवाजों के साथ हरिद्वार में विसर्जित करते हैं. समाजसेवी संस्था की तरफ से बीते13 सालों से अब तक कुल 950 से अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है.

वीडियो

संस्था के पदाधिकारी हर वर्ष दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए हरिद्वार में पिंड दान करवाने के साथ-साथ हरिद्वार में भंडारा भी लगाते हैं. ऊना जनहित मोर्चा के संस्थापक राजीव भनोट ने बताया कि पहचान के मोहताज शवों का अंतिम संस्कार और अस्थि विसर्जन करके उन्हें बहुत ही सकून मिलता है.

संस्था के चैयरमेन हरिओम गुप्ता ने बताया कि 13 वर्ष पहले शुरू की गई इस संस्था में सदस्यों की गिनती नाममात्र ही थी, लेकिन संस्था के कार्यों को देखते हुए ऊना के प्रबुद्ध लोग इससे जुड़ते गए और आज तन, मन, धन से संस्था के साथ काम कर रहे हैं. संस्था के सदस्यों की माने तो वें खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं, जिन्हें इस तरह की संस्था से जुड़कर ऐसे समाजसेवा के काम करने का मौका मिल रहा है.

ऊना: ऊना की एक समाजसेवी संस्था जनहित मोर्चा मानवता की बेहतरीन मिसाल बनती जा रही है. संस्था के कार्यकर्ता लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं. जिसके बाद अस्थियों को हिन्दू रीति रिवाजों के साथ हरिद्वार में विसर्जित किया जाता है.

बता दें कि ऊना जनहित मोर्चा के कार्यकर्ता लगातार समाजसेवा के साथ-साथ ऊना के लोगों की आवाज सरकार और प्रशासन के समक्ष उठाने का काम कर रहे हैं. यह समाजसेवी संस्था पिछले करीब कई सालों से ऊना स्वर्गधाम में आने वाले लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रही है. संस्था के कार्यकर्ता अंतिम संस्कार के बाद इनकी अस्थियों को हिन्दू रीति रिवाजों के साथ हरिद्वार में विसर्जित करते हैं. समाजसेवी संस्था की तरफ से बीते13 सालों से अब तक कुल 950 से अधिक लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है.

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संस्था के पदाधिकारी हर वर्ष दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए हरिद्वार में पिंड दान करवाने के साथ-साथ हरिद्वार में भंडारा भी लगाते हैं. ऊना जनहित मोर्चा के संस्थापक राजीव भनोट ने बताया कि पहचान के मोहताज शवों का अंतिम संस्कार और अस्थि विसर्जन करके उन्हें बहुत ही सकून मिलता है.

संस्था के चैयरमेन हरिओम गुप्ता ने बताया कि 13 वर्ष पहले शुरू की गई इस संस्था में सदस्यों की गिनती नाममात्र ही थी, लेकिन संस्था के कार्यों को देखते हुए ऊना के प्रबुद्ध लोग इससे जुड़ते गए और आज तन, मन, धन से संस्था के साथ काम कर रहे हैं. संस्था के सदस्यों की माने तो वें खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं, जिन्हें इस तरह की संस्था से जुड़कर ऐसे समाजसेवा के काम करने का मौका मिल रहा है.

Intro:स्लग -- ऊना जनहित मोर्चा लोगों के लिए बना प्रेरणा का स्रोत, 950 से अधिक लावारिस शवों का कर चुके है अंतिम संस्कार, जनहित मोर्चा हरिद्वार में करता है लावारिसों की अस्थियों का विसर्जन।Body:एंकर --जिला ऊना की एक समाजसेवी संस्था जनहित मोर्चा मानवता की बेहतरीन मिसाल बनती जा रही है। जनहित मोर्चा के कार्यकर्ता जहाँ लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते है। वहीँ इनकी अस्थियों को भी हिन्दू रीति रिवाजों के साथ हरिद्वार में विसर्जित किया जाता है। 13 साल लगातार जनहित मोर्चा द्वारा लावारिस 950 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। उनकी आस्तियों को हरिद्वार में भी विसर्जित किया गया है।

वी ओ 1 -- ऊना की समाजसेवी संस्था ऊना जनहित मोर्चा करीब 13 बर्ष पहले ऊना के कुछ युवाओं ने मिलकर इस संस्था का गठन किया था। जो आज समाज सेेवाकर मानवता की मिसाल पेश कर रहा है। ऊना जनहित मोर्चा के कार्यकर्ता लगातार समाजसेवा के साथ-साथ ऊना के हितों को सरकार और प्रशासन के समक्ष उठाने का काम कर रहे है। ऊना जनहित मोर्चा पिछले करीब 13 सालों से ऊना स्वर्गधाम में आने वाले लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहा है। यही नहीं संस्था के कार्यकर्ता अंतिम संस्कार के बाद इनकी अस्थियों को हिन्दू रीति रिवाजों के साथ हरिद्वार में विसर्जित करते हैं। जनहित मोर्चा द्वारा अब तक 950 से अधिक लावारिस शवों की अस्थियों का विसर्जन करवा चुका है और अस्थियों का विसर्जन पहले ऊना के साथ लगते विभौर साहिब की पवित्र नदी किया जाता रहा है। वही अब पिछले 5 वर्षो से अस्थियों का विसर्जन हरिद्वार में किया जा रहा है। वहीँ मोर्चा के पदाधिकारी हर वर्ष दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए हरिद्वार में पिंड दान करवाते आ रहे है और हरिद्वार में भंडारा भी लगाया जाता है। ऊना जनहित मोर्चा के संस्थापक राजीव भनोट ने बताया कि पहचान के मोहताज शवों का अंतिम संस्कार और अस्थि विसर्जन करके उन्हें बहुत ही सकून मिलता है।

बाइट -- राजीव भनोट (संस्थापक, ऊना जनहित मोर्चा)
JANHIT MORCHA 4

बाइट -- हरिओम गुप्ता (चेयरमैन, ऊना जनहित मोर्चा)
JANHIT MORCHA 5

वहीं संस्था के चैयरमेन हरिओम गुप्ता ने बताया कि 13 बर्ष पहले शुरू की गई इस संस्था में सदस्यों की गिनती नाममात्र ही थी लेकिन मोर्चा के कार्यों को देखते हुए ऊना के प्रबुद्ध लोग इससे जुड़ते गए और आज तन, मन, धन से मोर्चा के साथ काम कर रहे है। मोर्चा के सदस्यों की माने तो वो बहुत भाग्यशाली है जो इस तरह की संस्था से जुड़कर ऐसे समाजसेवा के काम करने का मौका मिल रहा है
Conclusion:
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