ऊनाः हिमाचल प्रदेश सरकार की प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के दावों की पोल ऊना में खुलती देखी जा सकती है. ऊना क्षेत्रीय अस्पताल में लोगों को चिकित्सकों की कमी के कारण कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में करीब एक साल से हड्डी रोग विशेषज्ञ का पद खाली चल रहा है. वहीं, मनोरोग विशेषज्ञ की भी तैनाती नहीं हो पाई है. इसके साथ ही करीब एक माह पहले रेडियोलॉजिस्ट का तबादला तो कर दिया गया, उसके स्थान पर दूसरा रेडियोलॉजिस्ट तैनात नहीं किया गया.
क्षेत्रीय अस्पताल में पिछले करीब एक साल से हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं हो पाई है. जिस कारण लोगों को या निजी अस्पतालों का या फिर पीजीआई चंडीगढ़ और टांडा मेडिकल कालेज कांगड़ा का रूख करना पड़ रहा है. पिछले करीब 10 महीनों से क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में हड्डी रोग विशेषज्ञ न होने से ओपीडी पर ताला लटका हुआ है. क्षेत्रीय अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में रोजाना दर्जनों मरीज आते हैं.
वहीं, दुर्घटना वाले मरीज भी राम भरोसे ही रहते हैं. दुर्घटना में गंभीर रूप से घायलों को तुंरत ही पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया जाता है. इतना ही नहीं क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में दिव्यांगता सर्टिफिकेट्स बनवाने के लिए भी लोगों को खासी दिक्कतें पेश आ रही है.
अस्पताल में कुछ माह पहले हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति के आदेश जारी हुए थे, लेकिन इसके बावजूद भी चिकित्सक की तैनाती सुनिश्चित नहीं हो पाई है. वहीं, लंबे अरसे से क्षेत्रीय अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ भी तैनात नहीं हो पाया है.
एक माह पहले अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट के तबादले के कारण अल्ट्रासाउंड के लिए लोगों को निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों में जाना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने प्रदेश सरकार से क्षेत्रीय अस्पताल में रिक्त चल रहे चिकित्सकों के पदों को तुरंत भरने की गुहार लगाई है.