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हिमाचल में पार्टी चिन्ह पर नहीं होंगे पंचायत चुनाव, नवंबर में लगेगी आचार संहिता

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Published : Jul 10, 2020, 10:32 PM IST

हिमाचल में पंचायती राज चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई है. पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि दिसंबर में प्रस्तावित पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं होंगे. वहीं, चुनावों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.

Panchayat elections will not be held on party symbol in Himachal
फोटो

हमीरपुर/ऊना: पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि दिसंबर में प्रस्तावित पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं होंगे. साल 2011 की जनगणना के अनुसार ही पंचायत चुनाव होंगे. उन्होंने कहा कि पंचायती राज चुनावों को लोकतांत्रिक तरीके से करवाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयारी कर चुकी है.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पंचायत चुनावों की प्रक्रिया को समय पर करवाने के लिए सभी विभागों को उचित दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मौजूदा वक्त में देश और प्रदेश में कोरोना महामारी चल रही है.

ऐसे में चुनाव प्रक्रिया विशेष सतर्कता और एहतियात बरतते हुए मुकम्मल की जाएगी. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते इस समय जनगणना करना संभव नहीं है. इसी के चलते साल 2011 की जनगणना के अनुसार ही चुनाव करवाए जाएंगे. राज्य में चुनाव आयोग ने पंचायत चुनावों को समय पर करवाने की घोषणा कर दी है.

नवंबर में आचार संहिता तो दिसंबर में चुनाव

जिला परिषद अध्यक्ष हमीरपुर राकेश ठाकुर का कहना है कि पंचायती राज चुनाव दिसंबर में निर्धारित समय में होंगे. इसकी घोषणा सरकार ने कर दी है और चुनाव आबादी के हिसाब से आरक्षण सहित रोस्टर जारी होगा. उन्होंने कहा कि हमीरपुर की कुल 229 पंचायतों में चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई हैं.

बीडीसी, जिला परिषद की वार्ड बंदी का काम पूरा हो गया है और अब वोटर लिस्टों सहित पंचायतों के वार्डों के कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पंचायती राज चुनाव दिसंबर महीने में होंगे और आचार संहिता नवंबर में लग जाएगी.

हर पंचायत का बदलेगा रोस्टर

चुनावों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. वहीं, 15 प्रतिशत सीटें ओबीसी वर्ग के लिए और एसटी के लिए आरक्षित होंगी. प्रदेश की 3226 पंचायतों में हर पंचायत में आबादी के मुताबिक आरक्षण मिलेगा. हर पंचायत का रोस्टर बदला जाएगा.

गांव-गांव चर्चाएं शुरू

प्रदेश में पंचायत चुनाव करवाने की कदमताल शुरू हो गई है. कई लोग चुनाव मैदान में उतरने के लिए उत्सुक हो गए हैं. पंचायती राज में पंचायत चुनावों में वार्ड सदस्य, उपप्रधान, प्रधान, बीडीसी सदस्य और जिला पार्षद सदस्य प्रत्याशी मैदान में होते हैं. ऐसे में अब लोग घरों में बैठकर यही कयास लगा रहे हैं कि कौन प्रत्याशी मैदान में होगा और किसका मुकाबला किस प्रत्याशी के साथ होगा. हर गली, हर घर और हर बाजार में पंचायत चुनावों की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

ये भी पढ़ें: सुशील कुमार होंगे ASP शिमला, हिमाचल में 4 पुलिस अधिकारियों के तबादले

हमीरपुर/ऊना: पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि दिसंबर में प्रस्तावित पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं होंगे. साल 2011 की जनगणना के अनुसार ही पंचायत चुनाव होंगे. उन्होंने कहा कि पंचायती राज चुनावों को लोकतांत्रिक तरीके से करवाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयारी कर चुकी है.

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पंचायत चुनावों की प्रक्रिया को समय पर करवाने के लिए सभी विभागों को उचित दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. वीरेंद्र कंवर ने कहा कि मौजूदा वक्त में देश और प्रदेश में कोरोना महामारी चल रही है.

ऐसे में चुनाव प्रक्रिया विशेष सतर्कता और एहतियात बरतते हुए मुकम्मल की जाएगी. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते इस समय जनगणना करना संभव नहीं है. इसी के चलते साल 2011 की जनगणना के अनुसार ही चुनाव करवाए जाएंगे. राज्य में चुनाव आयोग ने पंचायत चुनावों को समय पर करवाने की घोषणा कर दी है.

नवंबर में आचार संहिता तो दिसंबर में चुनाव

जिला परिषद अध्यक्ष हमीरपुर राकेश ठाकुर का कहना है कि पंचायती राज चुनाव दिसंबर में निर्धारित समय में होंगे. इसकी घोषणा सरकार ने कर दी है और चुनाव आबादी के हिसाब से आरक्षण सहित रोस्टर जारी होगा. उन्होंने कहा कि हमीरपुर की कुल 229 पंचायतों में चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई हैं.

बीडीसी, जिला परिषद की वार्ड बंदी का काम पूरा हो गया है और अब वोटर लिस्टों सहित पंचायतों के वार्डों के कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पंचायती राज चुनाव दिसंबर महीने में होंगे और आचार संहिता नवंबर में लग जाएगी.

हर पंचायत का बदलेगा रोस्टर

चुनावों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. वहीं, 15 प्रतिशत सीटें ओबीसी वर्ग के लिए और एसटी के लिए आरक्षित होंगी. प्रदेश की 3226 पंचायतों में हर पंचायत में आबादी के मुताबिक आरक्षण मिलेगा. हर पंचायत का रोस्टर बदला जाएगा.

गांव-गांव चर्चाएं शुरू

प्रदेश में पंचायत चुनाव करवाने की कदमताल शुरू हो गई है. कई लोग चुनाव मैदान में उतरने के लिए उत्सुक हो गए हैं. पंचायती राज में पंचायत चुनावों में वार्ड सदस्य, उपप्रधान, प्रधान, बीडीसी सदस्य और जिला पार्षद सदस्य प्रत्याशी मैदान में होते हैं. ऐसे में अब लोग घरों में बैठकर यही कयास लगा रहे हैं कि कौन प्रत्याशी मैदान में होगा और किसका मुकाबला किस प्रत्याशी के साथ होगा. हर गली, हर घर और हर बाजार में पंचायत चुनावों की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.

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