ऊनाः सोमवार देर शाम हरोली उप मंडल के तहत पालकवाह में स्वां नदी के किनारे हुए गोलीकांड में घायल युवकों के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप जड़े हैं. उनका कहना है कि घायलों का स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों और कर्मचारियों ने पूरी तरह से बिना उपचार किए ही उन्हें घर जाने के निर्देश से डाले. परिजनों का आरोप है कि शाम 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक युवकों के बदन में लगे गोलियों के छर्रे तक नहीं निकाले गए. उनके लाडले दर्द से कराह रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें रात को घर जाने और सुबह वापस लाने के निर्देश दे दिए.
अस्पताल में गहमागहमी
मामले को लेकर देर रात तक अस्पताल में गहमागहमी का माहौल भी रहा. हरोली उपमंडल के तहत पड़ते गांव पालकवाह में सोमवार देर शाम हुए गोलीकांड में घायल युवकों के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर युवकों के उपचार में कोताही बरतने और उन्हें बिना उपचार दिए घर भेजने के गंभीर आरोप जड़े हैं. घायल युवकों के परिजनों ने बताया कि गोलीकांड के बाद वे करीब शाम 6 बजे अपने घायलों को लेकर रीजनल अस्पताल पहुंचे थे. इसके बाद रात 9 बजे तक उनका सही ढंग से उपचार नहीं किया जा सका. यहां तक कि उनके लाडलों के बदन में लगे गोलियों के छर्रे तक भी चिकित्सकों ने नहीं निकाले. रात 9 बजे के बाद चिकित्सकों ने घायल युवकों को घर जाने के निर्देश भी दे दिए और सुबह वापस लाने की बात कही.
परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप
परिजनों का आरोप है कि यदि युवकों के बदन में लगे गोलियों के छर्रों से उन्हें किसी तरह का नुकसान पहुंचता है, तो उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को युवकों का पूरी तरह से उपचार करना चाहिए था, लेकिन केवल मात्र मरहम पट्टी करके उन्हें घर भेजने के निर्देश देना स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है.
मामले को लेकर देर रात स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों और घायल युवकों के परिजनों के बीच गहमागहमी रही. एक तरफ जहां घायल युवकों के परिजन युवकों के शरीर में लगे गोलियों के छर्रे निकालने की मांग कर रहे थे. वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक और कर्मी युवकों को पूरी तरह सही बता कर उन्हें छुट्टी देकर घर भेज रहे थे.
रास्ते को लेकर हुआ विवाद
गौरतलब है कि पालकवाह गांव में सोमवार देर शाम रास्ते के विवाद को लेकर 81 वर्षीय बुजुर्ग ने ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर सोमभद्रा नदी से रेत भरकर वापस जा रहे हलेड़ा बिलणा निवासी लखविंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह पर गोली दाग दी थी. हालांकि गोली युवकों को नहीं लगी, लेकिन गोली के छर्रे दोनों युवकों को जा लगी जिसके चलते हुए घायल हो गए और लहूलुहान हो गए. क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के अधीक्षक निर्दोष भारद्वाज ने कहा कि मामले की रात को घायल युवकों के उपचार के लिए डयूटी पर तैनात स्टाफ को आदेश दिए गए थे और रात ही आंखों के विशेषज्ञ को भी बुलाया गया था. उन्होंने कहा कि अगर इलाज में कोताही की लिखित शिकायत आएगी, तो अवश्य कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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