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मिलावटी फूड प्रोडक्ट्स पर लगाम लगाने में फेल प्रशासन, कई सालों से नहीं हुई सैंपलिंग - हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग

ऊना में साल 2015 से स्थाई खाद्य सुरक्षा अधिकारी का पद खाली है और अभी तक इस पद पर किसी भी अधिकारी की तैनाती विभाग द्वारा नहीं की गई. वहीं, दूसरी ओर गर्मीयों के सीजन के चलते मिलावटी खाद्य पदार्थों पर लगाम लगाना मुश्किल हो गया है.

ऊना क्षेत्रीय अस्पताल
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Published : Jun 10, 2019, 3:10 PM IST

ऊना: प्रदेशवासियों को शुद्ध और स्वच्छ खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग नाकारा साबित हो रहा है. फूड सेफ्टी ऑफिसर्स के 13 पद स्वीकृत हैं, लेकिन लाखों लोगों की सेहत और पदार्थों की गुणवत्ता जांचने के लिए विभाग के पास पिछले लंबे अरसे से कई जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पद खाली चल रहे हैं.

patients in una hospital
ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल में पहुंचे मरीज

खाली पड़े इन पदों में जिला ऊना में साल 2015 से स्थाई खाद्य सुरक्षा अधिकारी नहीं मिल पाया है. 2015 से लेकर 2017 तक अन्य जिला के अधिकारियों को ऊना का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था, लेकिन 2017 के बाद से ऊना में ये पद खाली ही चल रहा है. डॉक्टर्स की मानें तो गर्मियों के सीजन में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

patients in una hospital
ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल में पहुंचे मरीज

ऊना क्षेत्रीय अस्पताल के चिकित्सक कमल किशोर की मानें तो गर्मियों में मिलावटी वस्तुएं खाने से उल्टी, दस्त और डिहाइड्रेशन के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. स्टाफ की कमी को लेकर हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग के अधिकारी भी खासे परेशान हैं.

ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल में पहुंचे मरीज, चिकित्सक कमल किशोर

इस बारे में विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर जगदीश धीमान ने बताया कि प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के रिजल्ट आने के बाद पोस्टिंग की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही खाली चल रहे पद भर दिए जायेंगे. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी के चलते सैंपलिंग ना होने की बात को भी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर ने कबूल किया.

ये भी पढ़ें - हिमाचल की उफनती नदियों के पास 'खतरे की सेल्फी', सतलुज में डूबे युवक का नहीं मिला सुराग

ऊना: प्रदेशवासियों को शुद्ध और स्वच्छ खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग नाकारा साबित हो रहा है. फूड सेफ्टी ऑफिसर्स के 13 पद स्वीकृत हैं, लेकिन लाखों लोगों की सेहत और पदार्थों की गुणवत्ता जांचने के लिए विभाग के पास पिछले लंबे अरसे से कई जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के पद खाली चल रहे हैं.

patients in una hospital
ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल में पहुंचे मरीज

खाली पड़े इन पदों में जिला ऊना में साल 2015 से स्थाई खाद्य सुरक्षा अधिकारी नहीं मिल पाया है. 2015 से लेकर 2017 तक अन्य जिला के अधिकारियों को ऊना का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था, लेकिन 2017 के बाद से ऊना में ये पद खाली ही चल रहा है. डॉक्टर्स की मानें तो गर्मियों के सीजन में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

patients in una hospital
ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल में पहुंचे मरीज

ऊना क्षेत्रीय अस्पताल के चिकित्सक कमल किशोर की मानें तो गर्मियों में मिलावटी वस्तुएं खाने से उल्टी, दस्त और डिहाइड्रेशन के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. स्टाफ की कमी को लेकर हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग के अधिकारी भी खासे परेशान हैं.

ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल में पहुंचे मरीज, चिकित्सक कमल किशोर

इस बारे में विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर जगदीश धीमान ने बताया कि प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के रिजल्ट आने के बाद पोस्टिंग की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही खाली चल रहे पद भर दिए जायेंगे. खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की कमी के चलते सैंपलिंग ना होने की बात को भी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर ने कबूल किया.

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ऊना

 कैसे लगेगी मिलावटी खाद्य पदार्थों पर लगाम, गर्मियों के सीजन में बिमारियों को न्यौता दे रहे खाद्य पदार्थ, ऊना में पिछले कई सालों से नहीं हुई सैंपलिंग, दो साल से खाली चल रहा खाद्य सुरक्षा अधिकारी का पद।  

हिमाचल प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिकारीयों का कमी कहीं गर्मियों के सीजन में प्रदेश की जनता की सेहत पर भारी न पड़े, इसके लिए न ही प्रदेश सरकार और न ही विभाग गम्भीरता दिखा रहा। प्रदेशवासियों को शुद्ध और स्वच्छ खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग नाकारा साबित हो रहा है। यूं तो प्रदेश में फ़ूड सेफ्टी आफिसर्स के 13 पद स्वीकृत है, लेकिन लाखो लोगों की सेहत के लिए पदार्थो की गुणवत्ता जांचने के लिए विभाग के पास पिछले लंबे अरसे से कई जिलों में खाद्य सुरक्षा अधिकारीयों के पद खाली चल रहे है। इनमें से ही जिला ऊना में बर्ष 2015 से स्थाई खाद्य सुरक्षा अधिकारी नहीं मिल पाया है। 2015 से लेकर 2017 तक अन्य जिला के अधिकारीयों को ऊना का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। लेकिन 2017 के बाद से ऊना में यह पद खाली ही चल रहा है। अब खुद ही अंदाजा लगा सकते है कि ऊना जिला में खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता का क्या हाल होगा। इससे सरकार और विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है कि सरकार और विभाग मिलावटखोरों पर इतनी दया क्यों दिखा रही है। चिकित्सकों की माने तो गर्मियों के सीजन में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 

बाइट -- डा. कमल किशोर (चिकित्सक)
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ऊना के चिकित्सक कमल किशोर की माने तो गर्मियों में मिलावटी वस्तुएं खाने से उल्टी,दस्त और डिहाइड्रेशन के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।  

बाइट  -- जगदीश धीमान (असिस्टेंट कमिश्नर, हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग)
 
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वहीं स्टाफ की कमी को लेकर हेल्थ सेफ्टी एंड रेगुलेशन विभाग के अधिकारी भी खासे परेशान है। विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर जगदीश धीमान की माने तो प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिकारीयों के रिजल्ट आने के बाद पोस्टिंग की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही खाली चल रहे पद भर दिए जायेंगे। वहीँ खाद्य सुरक्षा अधिकारीयों की कमी के चलते सैंपलिंग ना होने की बात को भी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर ने कबूल किया।   
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