ऊनाः कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जिला के अंब उपमंडल क्षेत्र मैड़ी स्थित बाबा बड़भाग सिंह में होने वाले होला मोहल्ला मेले को स्थगित करने का फैसला लिया है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते इस बार होला मोहल्ला मेले का स्वरुप पहले की तरह बिल्कुल भी नहीं रहेगा.
यहां श्रद्धालुओं के आने पर पूरी तरह से रोक रहेगी. मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की भीड़ को रोकने के लिए प्रदेश की सीमाओं पर नाकेबंदी की जाएगी, जबकि इसके साथ ही मेला क्षेत्र में भी पुलिस की नाकेबंदी रहेंगी जो मेला क्षेत्र के लिए यात्रा करने वाले लोगों को वापस लौटाएंगी.
होला मोहल्ला मेला को प्रदेश सरकार ने किया स्थगित
21 मार्च से 31 मार्च तक आयोजित होने वाले होला मोहल्ला मेला को प्रदेश सरकार ने स्थगित करने का निर्णय लिया है. देशभर में कोविड-19 के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सरकार ने एहतियातन यह कदम उठाया है. मंगलवार को इस संबंध में बाबा बड़भाग सिंह क्षेत्र के धार्मिक संस्थानों के प्रबंधकों के साथ हुई बैठक के बाद डीसी ऊना राघव शर्मा ने प्रेस वार्ता करते हुए मेले के नए स्वरूप की रूपरेखा सांझा की.
मेला रद्द होने के बावजूद पूरे होंगे रीति रिवाज
डीसी ऊना राघव शर्मा ने कहा कि डेरा बाबा बड़भाग सिंह में आयोजित होने वाले होला मोहल्ला मेले में लाखों की तादाद में श्रद्धालु भाग लेने आते हैं. भौगोलिक रूप से यह क्षेत्र काफी तंग है, जबकि यहां 10 दिन तक लाखों श्रद्धालु डेरा डाल कर बैठते हैं. बाबा बड़भाग सिंह में होला मोहल्ला मेला आज तक जिस स्वरूप से मनाया जाता रहा है, इस बार मेले को उस स्वरूप में आयोजित नहीं किया जाएगा.
कोविड-19 की रोकथाम के लिए मेला क्षेत्र में भी होगी पुलिस नाके बंदियां
इस बार वहां श्रद्धालुओं के आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. संबंधित क्षेत्र में मेले के दौरान लगने वाले सार्वजनिक भंडारों पर भी पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. मेला क्षेत्र में लगने वाली अस्थाई दुकानों पर भी प्रतिबंध रहेगा, जबकि स्थानीय खेतों में श्रद्धालुओं द्वारा टेंट लगाकर रहने पर भी पूरी तरह मनाही रहेगी. इसे सुनिश्चित करने के लिए पुलिस विभाग द्वारा प्रदेश के सीमाओं पर नाके लगाए जाएंगे. कोविड-19 की रोकथाम के लिए मेला क्षेत्र में भी पुलिस द्वारा नाके बंदियां की जाएंगी.
इसके लिए पंजाब के उपायुक्तों के साथ भी संपर्क करके यह सुनिश्चित किया गया है कि वह इस धार्मिक क्षेत्रों के साथ जुड़े श्रद्धालुओं को भी सूचित करें कि इस बार मैड़ी मिला के लिए वह यात्रा न करें. हालांकि इन दिनों में स्थानीय क्षेत्र के गुरुद्वारा में होने वाले धार्मिक रीति-रिवाजों पर कोई रोक नहीं रहेगी. उनके जो पारंपरिक अधिकार हैं, वह उन्हें जरूर मिलेंगे.
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