सोलन: प्रदेश सरकार जहां प्रदेश के हर गांव को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए दावे कर रही है. वहीं हिमाचल के कुछ गांव ऐसे भी है, जहां आजादी के 72 साल बाद तक पानी नहीं पहुंच पाया है. आज भी लोग दूर-दराज के गांव जाकर पानी लेकर आते हैं.
नालागढ़ के किशनपुरा और पंजाब के साथ लगते किशनपुरा क्षेत्र का जहां आज भी करीब 25 गांव के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन आज तक पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. कई बार यह मुद्दे बैठकों और जनसभाओं में भी उठ चुके हैं, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. जनमंच कार्यक्रमों में भी यह समस्या कई बार उठाई जा चुकी है ,लेकिन आला अधिकारी और प्रदेश सरकार की सुस्त रवैया के कारण आज भी लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं.
वहीं, बीते दिनों हुई जिला परिषद की बैठक में भी यह समस्या गरमाई रही. जिला परिषद के अध्यक्ष धर्मपाल चौहान ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हर घर नल हर घर जल का सपना देख रही है. वहीं अधिकारी इसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं. हर बार टालमटोल कर इन सभी मुद्दों को दरकिनार कर दिया जाता है.
धर्मपाल चौहान ने बताया कि आजादी के 72 वर्षों बाद भी पानी की समस्या को पूरा न कर पाना हमारे लिए शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि पानी की समस्या से निजात दिलाई जाएगी, लेकिन हेड पंप लगाने की स्कीम को बंद करके प्रदेश सरकार ने पानी की समस्या को और बढ़ा दिया है.
धर्मपाल चौहान ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस समस्या की तरफ ध्यान दें और आईपीएच विभाग को इसकी तरफ जल्द कार्रवाई करने के आदेश दें.
बता दें कि प्रदेश सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर इस बात को कई बार मंच से कह चुके हैं कि हिमाचल के सभी गांव को हर घर जल, हर घर नल मिशन से जोड़ा जाएगा, लेकिन शायद मंत्री की नजर आज तक इन गांव पर नहीं पड़ी जहां आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी पानी की समस्या ज्यों की त्यों ही है.
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