सोलन: केंद्र सरकार के अन्तर मन्त्रालय दल ने गत दिवस सोलन जिला में वर्षा ऋतु में हुई क्षति का जायजा लिया. यह जानकारी उपायुक्त सोलन केसी चमन ने दी. केसी चमन ने कहा कि अन्तर मन्त्रालय दल ने सोलन जिला में उन स्थानों पर जाकर नुकसान का गहन अध्ययन किया जहां मानसून के दौरान भारी क्षति हुई है.
उन्होंने कहा कि दल ने जिला के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नालागढ़ उपमण्डल में बद्दी-साई मार्ग पर कौण्डी, उपमण्डल में कनाहन खड्ड सहित धर्मपुर विकास खण्ड में भोजनगर और नेरीकलां में हुए नुकसान का आकंलन किया.
15 जून, 2020 से 30 सितम्बर 2020 तक 52.27 करोड़ रुपए की क्षति
केंद्रीय दल ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से वस्तु स्थिति और नुकसान के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की. उपायुक्त ने कहा कि सोलन जिला में इस वर्ष मानूसन के मौसम में 15 जून, 2020 से 30 सितम्बर 2020 तक 52.27 करोड़ रुपए की क्षति आंकी गई है.
उन्होंने कहा कि इस कारण जिला में लोक निर्माण विभाग को लगभग 32.92 करोड़ रुपए, जल शक्ति विभाग को लगभग 14.51 करोड़ रुपए, प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटिड को 35.34 लाख रुपए, राष्ट्रीय राजमार्गों को लगभग 2.84 करोड़ रुपए, मत्स्य विभाग को 10 लाख रुपए, स्थानीय शहरी निकायों को 1.29 करोड़ रुपए तथा राजस्व विभाग को 26.53 लाख रुपए के नुकसान का आकंलन किया गया है.
केसी चमन ने कहा कि अन्तर मन्त्रालय दल ने जिला के विभिन्न क्षेत्रों में मानसून के मौसम में भूमि कटाव, बाढ़, भूस्खलन सहित अन्य नुकसान का आकंलन किया. उपायुक्त ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस अन्तर मन्त्रालय दल की अगुवाई केन्द्रीय गृह मन्त्रालय में संयुक्त सचिव राकेश कुमार सिंह ने की.
केन्द्रीय जल आयोग शिमला के निदेशक पीयूष रंजन दल में सदस्य के रूप में सम्मिलत थे. यह दल 31 दिसम्बर को शिमला में हुए नुकसान का जायजा लेने के उपरांत प्रदेश के मुख्य सचिव अनिल खाची के साथ प्रथम जनवरी 2021 को बैठक करेगा.