कसौली/सोलन: विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर जल्द ही लाल रंग और काले शीशे वाले पैनोरमिक कोच दौड़ते नजर आएंगे. इनसे पर्यटकों को पहाड़ों की खूबसूरती का नजारा और करीब से देखने को मिलेगा. इन कोच के चलने के बाद पहाड़ों में नैरोगेज रेल लाइन पर सफर और रोमांच भरा हो जाएगा. दरअसल, सोमवार को नए पैनोरमिक कोच का दूसरा ट्रायल शुरू हो गया है. पहले ट्रायल में सफलता मिलने के बाद आरडीएसओ, रेल कोच फैक्ट्री और रेलवे बोर्ड की टीम भार के साथ कोच की जांच कर रही है.
दूसरे चरण के ट्रायल के लिए पैनोरमिक कोच रवाना: सोमवार को दूसरे चरण के ट्रायल के लिए कालका से शिमला की ओर पैनोरमिक कोच रवाना हुआ. इस दौरान विभिन्न स्टेशन पर रुकने के बाद कोच की प्रत्येक व्यवस्था को जांचा गया. बता दें, रेलवे बोर्ड की ओर से शुक्रवार को नए तैयार किए चार पैनोरमिक कोच का ट्रायल शुरू किया गया था. इस दौरान खाली कोच को ट्रैक पर दौड़ाए गए थे. इस ट्रायल को सफलतापूर्वक हरी झंडी मिलने के बाद टीम की ओर से सोमवार को चारों पैनोरमिक कोच में वजन के साथ दूसरे चरण का ट्रायल किया गया. इसके लिए कोच के भीतर 50-50 किलोग्राम के लोहे के बट्टे रखे गए. जिसके बाद ट्रेन शिमला की ओर दौड़ी. बताया जा रहा है की यह ट्रायल शनिवार से शुरू होना था लेकिन बारिश के बाद ट्रैक बाधित होने के कारण यह ट्रायल नहीं हो पाया था.
कपूरथला में तैयार किए गए हैं कोच: पैनोरमिक कोच रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में तैयार किया गया है. यह कोच दिखने में भी बेहद खूबसूरत है. कोच में बड़े आकार की खिड़कियां बनाई गई है जिससे लोग पहाड़ों का दीदार और भी आसानी से कर सकेंगे. वही पैनोरमिक कोच को साउंड प्रूफ बनाया गया है. बाहर का शोर उसके अंदर सुनाई नहीं देता साथ ही कोच में एयर ब्रेक की सुविधा भी दी गई है. इसके अलावा एलईडी लाइटों से लैस स्टेनलेस स्टील कोच तैयार किया गया है. वही कोच में सीट 360 डिग्री तक घूमती है. इसके अलावा एलईडी स्क्रीन, एलईडी लाइट समेत फायर अलार्म समेत अन्य सुविधाएं भी हैं.
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