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दो सालों में ही मिनी सचिवालय के भवन में आई दरारें, कर्मचारियों पर मंडरा रहा खतरा - मिनी सचिवालय के भवन में आई दरारें

मिनी सचिवालय के भवन का उद्घाटन वर्ष अगस्त 2017 में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था. उद्घाटन के बाद से ही यह भवन कमरों के छोटे आकार के कारण विवादों में आ गया था.

mini secretariat building
मिनी सचिवालय के भवन में आई दरारें
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Published : Jan 24, 2020, 7:59 PM IST

सोलन: महज दो वर्ष में मिनी सचिवालय के भवन निर्माण पर सवाल खड़े हो गए है. इस भवन में आई दरार गहरी हो गई है, जो किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. यह दरार नीचे से ऊपर बिल्कुल बराबर है. इससे संकेत मिल रहे है कि भवन के ज्वाइंट अब ढीले पड़ने शुरू हो गए है.

यह दरार ग्राउंड फलोर से लेकर टॉप मंजिल तक है. हैरानी की बात यह है कि लोक निर्माण विभाग को इसकी जानकारी ही नहीं है. इस भवन का निर्माण लोक निर्माण विभाग ने ही किया है. इसके कारण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए है, जिस जगह पर यह दरार गहरी होती जा रही है वह हिस्सा दो भवनों का ज्वाइंट है, लेकिन दरार केवल एक तरफ ही आई है जबकि दूसरी ओर दीवार बिल्कुल ठीक है.

वीडियो.

दरार को गहरी होता देख मिनी सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारी भी घबराने शुरू हो गए है. करीब 6 मंजिला ऊंचा भवन प्रारंभ से विवादों में रहा है. जब इस भवन का निर्माण शुरू हुआ था तब जमीन धंस गई जिसके कारण बिजली बोर्ड के तीन भवन इसमें जमींदोज हो गए थे.

इसके बाद भूस्खलन के कारण मिनी सचिवालय का निर्माणाधीन भवन के एक ब्लाक का लेंटर ही टूट गया था. मिनी सचिवालय के भवन का उद्घाटन वर्ष अगस्त 2017 में तत्कालीन मुयमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था. उद्घाटन के बाद से ही यह भवन कमरों के छोटे आकार के कारण विवादों में आ गया था. अधिकारियों ने दो कमरों के बीच की दीवार को तुड़वाकर अपने लिए कमरे बनवाए जबकि कर्मचारियों को छोटे कमरे ही नसीब हुए.

इन कमरों में पुराना फर्नीचर भी एडजस्ट करना मुश्किल हो गया था जिसके कारण जिला प्रशासन ने लाखों रुपए खर्च कर कमरों के आकार के अनुसार ही नया फर्नीचर खरीदा. इस भवन के निर्माण के कुछ दिनों बाद ही अलमारियों के दरवाजे टूटने शुरू हो गए थे. इसके अलावा मिनी सचिवालय के भवन के टाइलें गिराना भी शुरू हो गया है. अगर विभाग ने समय रहते इस दरार को भरने का काम शुरू नहीं किया तो आने वाले दिनों में यह और भी गहरी हो सकती है.

ये भी पढे़ं: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में दिखेगी कुल्लू दशहरे की झांकी, लोगों में खुशी का माहौल

सोलन: महज दो वर्ष में मिनी सचिवालय के भवन निर्माण पर सवाल खड़े हो गए है. इस भवन में आई दरार गहरी हो गई है, जो किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है. यह दरार नीचे से ऊपर बिल्कुल बराबर है. इससे संकेत मिल रहे है कि भवन के ज्वाइंट अब ढीले पड़ने शुरू हो गए है.

यह दरार ग्राउंड फलोर से लेकर टॉप मंजिल तक है. हैरानी की बात यह है कि लोक निर्माण विभाग को इसकी जानकारी ही नहीं है. इस भवन का निर्माण लोक निर्माण विभाग ने ही किया है. इसके कारण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए है, जिस जगह पर यह दरार गहरी होती जा रही है वह हिस्सा दो भवनों का ज्वाइंट है, लेकिन दरार केवल एक तरफ ही आई है जबकि दूसरी ओर दीवार बिल्कुल ठीक है.

वीडियो.

दरार को गहरी होता देख मिनी सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारी भी घबराने शुरू हो गए है. करीब 6 मंजिला ऊंचा भवन प्रारंभ से विवादों में रहा है. जब इस भवन का निर्माण शुरू हुआ था तब जमीन धंस गई जिसके कारण बिजली बोर्ड के तीन भवन इसमें जमींदोज हो गए थे.

इसके बाद भूस्खलन के कारण मिनी सचिवालय का निर्माणाधीन भवन के एक ब्लाक का लेंटर ही टूट गया था. मिनी सचिवालय के भवन का उद्घाटन वर्ष अगस्त 2017 में तत्कालीन मुयमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था. उद्घाटन के बाद से ही यह भवन कमरों के छोटे आकार के कारण विवादों में आ गया था. अधिकारियों ने दो कमरों के बीच की दीवार को तुड़वाकर अपने लिए कमरे बनवाए जबकि कर्मचारियों को छोटे कमरे ही नसीब हुए.

इन कमरों में पुराना फर्नीचर भी एडजस्ट करना मुश्किल हो गया था जिसके कारण जिला प्रशासन ने लाखों रुपए खर्च कर कमरों के आकार के अनुसार ही नया फर्नीचर खरीदा. इस भवन के निर्माण के कुछ दिनों बाद ही अलमारियों के दरवाजे टूटने शुरू हो गए थे. इसके अलावा मिनी सचिवालय के भवन के टाइलें गिराना भी शुरू हो गया है. अगर विभाग ने समय रहते इस दरार को भरने का काम शुरू नहीं किया तो आने वाले दिनों में यह और भी गहरी हो सकती है.

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Intro:दो सालों में ही मिनी सचिवालय के भवन में आई गई दरारें.... कर्मचारियों पर मंडरा रहा खतरा......पीडब्ल्यूडी की कार्यप्रणाली पर उठ रहे है सवाल

■ निर्माण के प्रारभ से विवादों में रहा है भवन
■ दो वर्ष पूर्व हुआ था इस भवन का निर्माण
■ दो वर्ष में ढीले पडऩे लगे भवन के जॉइंट



महज दो वर्ष में मिनी सचिवालय के भवन निर्माण पर सवाल खड़े हो गए है। इस भवन के वाइंट में आई दरार गहरी हो गई है, जो किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। यह दरार नीचे से ऊपर बिल्कुल बराबर है। इससे संकेत मिल रहे है कि भवन के वाइंट अब ढीले पडऩे शुरू हो गए है। यह दरार ग्राउंड लोर से लेकर टाप मंजिल तक है। हैरानी की बात यह है कि लोक निर्माण विभाग को इसकी जानकारी ही नहीं है। इस भवन का निर्माण लोक निर्माण विभाग ने ही किया है। इसके कारण विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए है। जिस जगह पर यह दरार गहरी होती जा रही है वह हिस्सा दो भवनों का वाइंट है लेकिन दरार केवल एक तरफ ही आई है जबकि दूसरी ओर दीवार बिल्कुल ठीक है।



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दरार को गहरी होता देख मिनी सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारी भी घबराने शुरू हो गए है। करीब 6 मंजिला ऊंचा भवन प्रारभ से विवादों रहा है। जब इस भवन का निर्माण शुरू हुआ था तब जमीन धंस गई जिसके कारण बिजली बोर्ड के तीन भवन इसमें जमींदोज हो गए थे। इसके बाद भूस्खलन के कारण मिनी सचिवालय का निर्माणाधीन भवन के एक ब्लाक का लेंटर ही टूट गया था। मिनी सचिवालय के भवन का उद्घाटन वर्ष अगस्त 2017 में तत्कालीन मुयमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था। उद्घाटन के बाद से ही यह भवन कमरों के छोटे आकार के कारण विवादों में आ गया था। अधिकारियों ने दो कमरों के बीच की दीवार को तुड़वाकर अपने लिए कमरे बनवाए जबकि कर्मचारियों को छोटे कमरे ही नसीब हुए।


Conclusion:


इन कमरों में पुराना फर्नीचर भी एडजस्ट करना मुश्किल हो गया था जिसके कारण जिला प्रशासन ने लाखों रुपए खर्च कर कमरों के आकार के अनुसार ही नया फर्नीचर खरीदा। इस भवन के निर्माण के कुछ दिनों बाद ही अलमारियों के दरवाजे टूटने शुरू हो गए थे। इसके अलावा मिनी सचिवालय के भवन के टाइलें गिराना भी शुरू हो गया है। मिनी सचिवालय के टॉप लोर व ट्रेजरी आफिस की लोर के बीम में दरारें पडऩी शुरू हो गई है। यदि विभाग ने समय रहते इस दरार को भरने का काम शुरू नहीं किया तो आने वाले दिनों में यह और भी गहरी हो सकती है।


बाइट......प्रमोद आर्य एसडीओ लोक निर्माण विभाग सोलन
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