सोलन: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में जिला सोलन का अहम योगदान रहता है. इसी के चलते जिला में कई बार राजनीतिक कारणों से कुछ काम अधूरे रह जाते हैं. इसी तरह का एक मामला जिला सोलन में नगर परिषद के रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए बनाया जाने वाला एक मार्केट का काम है.
2015 में रेहड़ी-फड़ी वालों के लिए मार्केट के काम की शुरुआत की गई थी. आज तक यह काम सिरे नहीं चढ़ पाया है. हर बार रेहड़ी-फड़ी वालों को सड़कों से उठाने के लिए नगर परिषद उनके चालान करती है, लेकिन रेहड़ी-फड़ी धारकों को उचित स्थान देने की मांग पर नगर परिषद मार्केट तैयार किए जाने का हवाला देती है.
नगर परिषद सोलन के पास करीब 148 रेहड़ी-फड़ी वाले पंजीकृत हैं. वहीं, करीब 100 रेहड़ी वाले अवैध रूप से सोलन शहर में काम कर रहे हैं. नगर परिषद लगातार रेहड़ी-फड़ी धारकों को हटाती है, लेकिन रेहड़ी वाले फिर से आ जाते हैं.
बता दें कि 3 साल पहले नगर परिषद ने रेहड़ी-फड़ी वालों को हाइवे से हटाकर बाईपास पर स्थापित करने के लिए रेड लाइट के नजदीक वेंडर मार्केट बनाने की योजना की थी, लेकिन 3 सालों से मार्केट बनने का काम अधर में लटका हुआ है.
कांग्रेस-बीजेपी की लड़ाई के बीच आजतक नहीं बन पाई वेंडर मार्केट
3 साल पहले 2017 में सोलन के विधायक को तत्काल मंत्री करना धनीराम शांडिल और नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष पवन गुप्ता ने वेंडर मार्केट की आधारशिला रखी थी. इसके बाद भी कांग्रेस और बीजेपी की लड़ाई के चलते वेंडर मार्केट बन नहीं पाई है.
कई बार कांग्रेस शहर में विकास के कार्यों को पूरा ना होने पर बीजेपी को कह चुकी है. वहीं, बीजेपी भी कांग्रेस के विधायक को कई बार कटघरे में उतार चुकी है, लेकिन राजनीति के चलते अभी तक वेंडर जोन पूरा नहीं हो पाया है. इसका खामियाजा सड़कों पर बैठने वाले रेहड़ी-फड़ी वालों को भुगतना पड़ रहा है.
नगर परिषद की लेटलतिफी के चलते दिनभर हाइवे पर खड़ी रहती हैं. रेहड़ियां नगर परिषद की लेटलतीफी के चलते शहर के हाइवे पर खड़ी रहती है, जबकि खरीदारी करने के लिए लोग भी हाइवे पर ही अपनी गाड़ियां खड़ी कर देते हैं, जिससे हर समय हादसे का अंदेशा बना रहता है.
स्थानीय लोगों ने नगर परिषद से वेंडर जॉन को जल्द शुरू करने की गुहार लगाई है. बता दें कि रेहड़ी धारक बाईपास में सब्जी, फास्ट फूड और अन्य चीजों का व्यापार कर अपना घर चलाते हैं, लेकिन धूप, बारिश, ठंड और गर्मी में उन्हें अपना घर चलाने के लिए रेहड़ी चलानी पड़ रही है.
क्या कहते है रेहड़ी-फड़ी धारक ?
वहीं, रेहड़ी-फड़ी लगाने वाले लोगों का कहना है कि वे दिन भर कमाई करते हैं. उसके बाद उनका घर चल पाता है. लॉकडाउन में पहले ही उनके ऊपर बोझ बढ़ चुका है, लेकिन अब नगर परिषद के लोग रोजाना उन्हें जगह खाली करने के लिए कहते हैं.
उन्होंने कहा कि हम लोग गरीब है. गरीब ना होने पर यह सब काम नहीं करते. इसलिए प्रशासन उन्हें कहीं उचित जगह दें जिससे वे अपना गुजर-बसर कर सके. साथ ही उन्हें रेहड़ी चलाने के लिए लाइसेंस दिया जाए.
रेहड़ी धारकों का कहना है कि वह हर बार प्रशासन से यह उम्मीद लगाते हैं कि इस बार वे उनके लिए कुछ करने वाली है लेकिन हमेशा दिलासे ही मिले हैं. हर बार नगर परिषद के अधिकारी उनके लाइसेंस बनाने की बात करते हैं, लेकिन लाइसेंस बनाने की बारी आने पर सिर्फ रेहड़ी वालों के ही लाइसेंस बनाने की बात की जाती है और फड़ी वालों के लिए लाइसेंस का कोई भी प्रावधान नहीं है.
क्या कहते है नगर परिषद अध्यक्ष ?
वहीं, इस बारे में नगर परिषद के अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि सोलन में काफी समय से वेंडिंग जोन स्वीकृत है. इसके लिए काम भी चला हुआ है. उन्होंने कहा की ये प्रोजेक्ट करीब 94 लाख से बनना था. सोलन शहर में पार्किंग की व्यवस्था को देखते हुए इसके नीचे वाले हिस्सों में पार्किंग बनाई गई, जिसमें सोलन नगर परिषद का आधा पैसा लग गया. इसके बाद सरकार से और बजट की मांग की गई.
देवेंद्र ठाकुर ने कहा कि आने वाले 6 महीनों में वेंडिंग जोन रेहड़ी-फड़ी वालों को दे दी जाएगी. उन्होंने कहा कि शहर रोड़ साइड में बहुत से लोग अवैध रूप से रेहड़ी-फड़ी लगाते हैं. इनका नगर परिषद समय-समय पर चालान भी करती है, लेकिन हर बार नए लोग रेहड़ी लगाकर सड़कों पर आ जाते हैं. इन लोगों को हर बार नगर परिषद को खदेड़ना पड़ता है.
क्या कहते है विधायक सोलन ?
वहीं, सोलन विधायक कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि वेंडर मार्केट बनाने का काम मेरे मंत्री काल में शुरू हो चुका था, लेकिन आज तक नगर परिषद ने इस काम को पूरा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में बहुत से काम हैं, जो पूरे होने हैं, लेकिन विभाग और सरकार की लेटलतीफी के चलते हुए काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं. इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
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