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डिपुओं में क्यों नहीं मिल रही दालें और सरसों का तेल? कब तक करना होगा इंतजार?

हिमाचल प्रदेश में नवंबर महीने में उपभोक्ताओं को डिपुओं में सरसों के तेल समेत 3 दालों का कोटा नहीं मिला है.

MUSTARD OIL AND PULSES CRISIS IN HIMACHAL DEPOT
हिमाचल के डिपुओं में नहीं मिल रही दालें और सरसों का तेल (File photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 22, 2024, 10:14 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लाखों परिवारों को डिपुओं में महंगाई से राहत नहीं मिल रही है. नवंबर महीना बीतने को है, लेकिन उपभोक्ताओं को अभी तक डिपुओं में दालें और सरसों के तेल का कोटा नहीं मिला है. ऐसे में लाखों परिवारों को रसोई चलाने के लिए बाजार से महंगे भाव में दालें और सरसों का तेल खरीदना पड़ रहा है. प्रदेशभर के बहुत से डिपुओं में पिछले कई महीनों से उपभोक्ताओं को दाल और सरसों का तेल नहीं मिल रहा है. ऐसे में लाखों परिवार कई महीनों से कमर तोड़ महंगाई की समस्या से जूझ रहे हैं.

तेल और दालों के रेट को नहीं मिली मंजूरी

ऐसे में इस महीने प्रदेश के 4500 से ज्यादा डिपुओं में इस बार दाल और सरसों का तेल मिल पाएगा, इसको लेकर भी संशय बना हुआ है. ये इसलिए की डिपुओं में तेल उपलब्ध करवाने के लिए गठित स्टेट लेबल परचेज कमेटी ने सरसों के तेल का टेंडर तो खोल दिया है, लेकिन इसको लेकर अब सरकार से अप्रूवल मिलने का इंतजार है. इसी तरह से डिपुओं में अब मलका दाल का रेट तय करने को लेकर भी सरकार की मंजूरी नहीं मिली है. वहीं, चना दाल और उड़द दाल का रेट का तय होना भी अभी बाकी है. इसी प्रक्रिया में अभी काफी समय लग सकता है. इसको देखते हुए अब उपभोक्ताओं को दालों और सरसों के तेल के लिए अगले महीने यानी दिसंबर माह का इंतजार करना होगा. हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के मुताबिक जैसे ही सरकार से रेट को लेकर अप्रूवल मिलती है, तुरंत प्रभाव से दालों और सरसों के तेल के लिए सप्लाई ऑर्डर जारी किया जाएगा.

5500 मीट्रिक टन दालों की खपत

हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के जरिए बाजार से सस्ते रेट पर तीन दालें उपलब्ध करा रही है. जिस कारण डिपुओं में लगातार दालों की मांग बढ़ती जा रही है. प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड धारक डिपुओं से नियमित तौर पर दाल का कोटा उठा रहे हैं. उचित मूल्य की दुकानों में दालों की लिफ्टिंग सौ फीसदी के करीब है. प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख से अधिक है. ऐसे में डिपुओं में हर महीने दालों की खपत करीब 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है.

हर महीने चाहिए 34 लाख लीटर तेल

हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19,65,589 है. जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर मुहैया करवाया जाता है. महंगाई के चलते डिपुओं में सरसों के तेल की मांग ज्यादा रहती है. सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है. जिसके कारण प्रदेश में हर महीने डिपुओं में 34 लाख लीटर सरसों के तेल की खपत होती है.

ये भी पढ़ें: लवी मेले में 'सोने के भाव' बिक रहा है ये लाल चावल, कीमत जान उड़ जाएंगे होश

ये भी पढ़ें: दियोटसिद्ध में भरे रोट के सैंपल फेल, कंडाघाट से आई लैब की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

ये भी पढ़ें: डिपुओं में न है सरसों का तेल और न ही दालें, खाली हाथ लौट रहे उपभोक्ता

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लाखों परिवारों को डिपुओं में महंगाई से राहत नहीं मिल रही है. नवंबर महीना बीतने को है, लेकिन उपभोक्ताओं को अभी तक डिपुओं में दालें और सरसों के तेल का कोटा नहीं मिला है. ऐसे में लाखों परिवारों को रसोई चलाने के लिए बाजार से महंगे भाव में दालें और सरसों का तेल खरीदना पड़ रहा है. प्रदेशभर के बहुत से डिपुओं में पिछले कई महीनों से उपभोक्ताओं को दाल और सरसों का तेल नहीं मिल रहा है. ऐसे में लाखों परिवार कई महीनों से कमर तोड़ महंगाई की समस्या से जूझ रहे हैं.

तेल और दालों के रेट को नहीं मिली मंजूरी

ऐसे में इस महीने प्रदेश के 4500 से ज्यादा डिपुओं में इस बार दाल और सरसों का तेल मिल पाएगा, इसको लेकर भी संशय बना हुआ है. ये इसलिए की डिपुओं में तेल उपलब्ध करवाने के लिए गठित स्टेट लेबल परचेज कमेटी ने सरसों के तेल का टेंडर तो खोल दिया है, लेकिन इसको लेकर अब सरकार से अप्रूवल मिलने का इंतजार है. इसी तरह से डिपुओं में अब मलका दाल का रेट तय करने को लेकर भी सरकार की मंजूरी नहीं मिली है. वहीं, चना दाल और उड़द दाल का रेट का तय होना भी अभी बाकी है. इसी प्रक्रिया में अभी काफी समय लग सकता है. इसको देखते हुए अब उपभोक्ताओं को दालों और सरसों के तेल के लिए अगले महीने यानी दिसंबर माह का इंतजार करना होगा. हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के मुताबिक जैसे ही सरकार से रेट को लेकर अप्रूवल मिलती है, तुरंत प्रभाव से दालों और सरसों के तेल के लिए सप्लाई ऑर्डर जारी किया जाएगा.

5500 मीट्रिक टन दालों की खपत

हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के जरिए बाजार से सस्ते रेट पर तीन दालें उपलब्ध करा रही है. जिस कारण डिपुओं में लगातार दालों की मांग बढ़ती जा रही है. प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड धारक डिपुओं से नियमित तौर पर दाल का कोटा उठा रहे हैं. उचित मूल्य की दुकानों में दालों की लिफ्टिंग सौ फीसदी के करीब है. प्रदेश में राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख से अधिक है. ऐसे में डिपुओं में हर महीने दालों की खपत करीब 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है.

हर महीने चाहिए 34 लाख लीटर तेल

हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19,65,589 है. जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर मुहैया करवाया जाता है. महंगाई के चलते डिपुओं में सरसों के तेल की मांग ज्यादा रहती है. सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है. जिसके कारण प्रदेश में हर महीने डिपुओं में 34 लाख लीटर सरसों के तेल की खपत होती है.

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